फुलवारी अंचल मे जमाबंदी के 1 लाख 12 हजार 811 ग्यारह आवेदन मे 7 हजार 14 आवेदन पेंडिंग
- परीमार्जन में 200 ममले पेंडिंग 200 आवेदन आये, कोई दो साल तो कोई छ माह से भटक रहा
फुलवरीशरीफ, अजीत। फुलवारीशरीफ अंचल मुख्यालय में समस्याओं की भरमार है। यहाँ दाखिल ख़ारिज मे 1 लाख से ज्यादा आवेदन आया है लेकिन अभी भी 7 हजार से ज्यादा आवेदन पेंडिंग है। परीमार्जन में भी 200 ममले लंबित है जबकी परीमार्जन प्लस में 200 नए आवेदन आये हैं। अंचल पदाधिकारी के पहुंचते ही उनके कार्यलय के बाहर लोगों की लंबी लाइन लग लग जाता है अपने समस्याओं के निपटाने के लिए। इससे पहले राजस्व पदाधिकारी कुमार हर्ष अपने दफ्तर में 11:00 बजे पहुंचते हैं और लोगों की समस्याओं को सुनना शुरू करते हैं। फुलवारीशरीफ अंचल राजधानी पटना से सता हुआ है और यहां बड़ी संख्या में आबादी गुजर बसर करती है। यहाँ जमाबंदी परीमर्जन माफी कराने संबंधित ऑनलाइन ऑफलाइन मैं गड़बड़ी दुर करने के सैकड़ों मामालों को लेकर लोग भटक रहे हैं। कोई दो सल से चक्कर लगा रहा है तो कोई साल भर और 6 महीना से ऑनलाइन ऑफलाइन के चक्कर में फसा हुआ है। डीसीएलआर से अंचल कार्यलय तक चककर लगा रहे लोगों की समस्याओं का समाधान नहीं हो रहा है। भीषण गर्मी और चिल चिल्लाती धूप में लोग पसीने से तरबतर होकर अपने कम कराने के लिए पदाधिकारी और कर्मचारियों के दारवाजे पर घिघीया रहे हैं। घंटों इंटेजर करने के बाद जब अधिकारी पहुंचते हैं तो काफ़ी देर लाइन में लगने के बाद वे समस्याओं का सामाधन नहीं हो रहा है। देह जलाने और झुलसाने वाले गर्मी में लोगों को यहां पीने का पानी भी मुहैया नहीं है। अंचल कार्यालय में है पूर्व प्रखंड प्रमुख राधे रमण पासवान भी नजर आते हैं जिन्हें लोग अपनी समस्याओं को लेकर घेरते हैं लेकिन वह कहते हैं कि अब वह कुछ नहीं करा पाएंगे आप संबंधित कर्मचारी और अंचल पदाधिकारी से मिलिए। फुलवारीशरीफ में कुल 12 हल्का कर्मचारी हैं। सुईथा कृष्णा झा, कोरियावा कुरकुरी मिंटू खान सहित अधिकांश कर्मचारी मौजूद थे। कई कर्मचारी क्षेत्र मे गये हुए थे। कर्मचारियों के दारवाजे लोग पहुंच रहे हैं आवेदन दिखा रहे हैं लेकिन उनकी समस्याओ का समय पर सामाधान नहीं हो रहा है। रवि प्रकाश पटना के लंगर टोली से आए हैं। डेढ़ साल से अंचल कार्यालय पहुंच रहे हैं। इन्होने बताया की बेउर में तीन कट्ठा जमीन है। जमीन के परिमार्जन के लिए पिछले डेढ़ साल से भटक रहे हैं।ईनका कहना है कि कर्मचारी रिपोर्ट ठीक तरीके से नहीं दे रहा है और उनका काम लटका हुआ। रीना देवी दीघा से आई हैं इनका जमीन परसा मैं है इनका कहना है की जमाबंदी लॉक है डीएसएलआर और फुलवारी शरीफ अंचल तक दौड़ लगा रहे हैं। डीसीएलआर के ऑफिस से कहा जा रहा है फुलवारी अंचल कार्यालय जाईए आपका लॉक टूटा हुआ है लेकिन फुलवारी शरीफ में कृष्ण झा कर्मचारी है इनका कहना है कि यहां से आपका समस्या का सामाधन नहीं होगा आप डीएसएलआर कार्यालय जाएँ। महिला को समझ में नहीं रहा है की अभी जाए तो जाए कहाँ। रामप्रवेश सिंह सुजीत कुमार सत्यम पोद्दार का बेउर हसनपुरा मौजा में जमीन है। जमीन की मापी के लिये समय नहीं मिल पाया है। लोगों का कहना है कि पिछले 2 साल से अंचल कार्यालय का चक्कर लगा रहे हैं लेकिन उनकी जमीन के मापी के लिए समय अभी तक सरकारी अमीन को नहीं मिला है। अंचल अधिकारी से भी मिल चुके समस्या का समाधान नहीं हो पा रहा है। फुलवारीशरीफ अंचल में करीब पांच सरकारी अमीन बताये जाते हैं। अंचल पदाधिकारी सुनील कुमार ने बताया की फुलवारी शरीफ अंचल मे कुल आवेदन एक लाख बारह हजार आठ सौ ग्यारह जिसमे पेंडिंग मे सात हजार चौदह आवेदन है। इसके अलावा परिमार्जन मे पिछले वाला दो सौ पेंडिग है जबकि परिमार्जन प्लस मे दो सौ नया आवेदन आया है। उन्होंने बताया पेंडिंग मामलों को जल्द से जल्द निपटारा का प्रयास किया जा रहा है इसमें कई बार लोगों के द्वारा सही-सही कागजात नए प्रस्तुत करना भी कारण बन जाता है। फुलवारीशरीफ मे माधोपुर से अंचल कार्यालय पहुंचे हीरालाल ने बताया कि 1 साल से अधिक समय से अंचल कार्यालय का चक्कर लगा रहा है। लेकिन अभी तक उनका दाखिल ख़ारिज नही किया गया। इन्होंने बताया कि बंटवारा का कागज भी जमा कर दिया उसके बावजूद दौडाया जा रहा है। चितकोहरा से पहुंचे ओमप्रकाश ने बताया कि बेउर में उनकी जमीन है।कोई दबंग लोग इनकी जमीन को अवैध रूप से कब्जा करना चाह रहा है। इसकी शिकायत करने थाना गए तो अंचल कार्यालय भेज दिया गया। क्या हाल-चाल कार्यालय में अंचल अधिकारी से मिलने पहुंचे हैं। महफूजुर रहमान अपने साल के साथ अंचल कार्यालय फुलवारी शरीफ पहुंचे हैं। इन्होंने बताया कि काफी महीना से इनका म्यूटेशन का काम में अवरोध पैदा किया जा रहा है। कभी कर्मचारी के यहां दौड़ते हैं तो कभी अंचल पदाधिकारी के यहां जाते हैं लेकिन अभी तक काम नहीं हुआ।