नीट पेपर लीक में ईओयू ने 9 अभ्यर्थियों के साथ अभिभावकों को पूछताछ के लिए बुलाया, सभी का आना अनिवार्य

पटना। नीट पेपर लीक मामले में बिहार की आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) ने 9 अभ्यर्थियों और उनके अभिभावकों को पूछताछ के लिए बुलाया है। यह पूछताछ आज मंगलवार और कल बुधवार को होगी। ईओयू का उद्देश्य यह जानना है कि परीक्षा माफियाओं के पास इन अभ्यर्थियों के रोल नंबर और रोल कोड कैसे पहुंचे। पुलिस को परीक्षा माफियाओं के पास से 11 अभ्यर्थियों के रोल नंबर और रोल कोड मिले थे, जिनमें से दो पहले ही गिरफ्तार हो चुके हैं। अब तक ईओयू ने 13 लोगों को गिरफ्तार किया है, जिसमें चार अभ्यर्थी शामिल हैं। पुलिस इन चारों अभ्यर्थियों को पुनः पूछताछ के लिए हिरासत में लेने की तैयारी कर रही है। एनटीए से जानकारी प्राप्त करने के बाद ईओयू ने समन जारी कर अभ्यर्थियों को उनके अभिभावकों के साथ बुलाया है। यह समन मूल रूप से अभिभावकों को भेजा गया है, लेकिन अभ्यर्थियों का आना अनिवार्य है। केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने भी स्वीकार किया है कि परीक्षा में गड़बड़ी हुई है। उन्होंने कहा कि अगर एनटीए के बड़े अधिकारी दोषी पाए जाते हैं, तो उन पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। केंद्र सरकार ने इस मामले को गंभीरता से लिया है और एनटीए में सुधार की जरूरत है। आज यह देखना होगा कि कितने अभ्यर्थी ईओयू के बुलावे पर अभिभावकों के साथ पहुंचते हैं। सभी की नजरें इस पर टिकी हैं। ईओयू यह जानना चाहती है कि परीक्षा माफियाओं के पास इन अभ्यर्थियों के रोल कोड और रोल नंबर जैसी जानकारी कहां से आई। सभी 11 अभ्यर्थी बिहार के विभिन्न जिलों के हैं, जिनमें सात लड़कियां हैं। जांच के दौरान ईओयू ने एनटीए से 5 मई को प्राप्त प्रश्न पत्र की मूल कॉपी मांगी है, लेकिन एनटीए ने अभी तक वह कॉपी नहीं भेजी है, जिससे जांच प्रभावित हो रही है। पुलिस और ईओयू के अधिकारी यह जानने के लिए उत्सुक हैं कि कैसे यह संवेदनशील जानकारी लीक हुई और इसके पीछे कौन लोग हैं। यह पूछताछ दो दिनों तक चलेगी और हर अभ्यर्थी को अलग-अलग दिन बुलाया गया है। ईओयू का लक्ष्य है कि इस पेपर लीक के मामले में संलिप्त सभी लोगों को पकड़ा जाए और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए उचित कदम उठाए जाएं। इस मामले में अब तक हुई गिरफ्तारियों और आगामी पूछताछ से उम्मीद की जा रही है कि पेपर लीक के मुख्य सूत्रधारों का पर्दाफाश हो सकेगा। इस घटना ने नीट परीक्षा की साख पर सवाल खड़े कर दिए हैं और इसके पीछे के मास्टरमाइंड को पकड़ने के लिए प्रशासन पूरी ताकत से जुटा हुआ है। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय और एनटीए भी इस मामले को गंभीरता से ले रहे हैं और जरूरी सुधार करने की दिशा में कदम उठा रहे हैं।
