अगले वर्ष से दो बार होगी सीबीएसई की परीक्षा: नियम लागू, नए सत्र से होगी शुरुआत
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पटना। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत 11वीं-12वीं के छात्रों को दो भाषा विषय अनिवार्य रूप से पढ़ने होंगे। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) स्टूडेंट्स के लैंग्वेज प्रॉब्लम को दूर करने के लिए यह योजना तैयार कर रहा है। अब सीबीएसई लैंग्वेज के पेपर में भी बेसिक और स्टैंडर्ड लैंग्वेज का विकल्प उपलब्ध कराएगा। अभी तक सेकंडरी स्तर पर मैथ्स में ही ऐसी सुविधा है। स्टूडेंट्स को अनिवार्य भाषा में भारतीय भाषा की पढ़ाई करनी होगी जो स्टूडेंट्स हायर एजुकेशन में भाषा विषय में अपनी पढ़ाई करना चाहते हैं, वे स्टैंडर्ड का विकल्प लेंगे। जबकि जिन्हें सिर्फ भाषा को पेपर के रूप में पढऩा होगा, वे बेसिक का विकल्प चुन सकेंगे। अभी तक सीनियर सेकंडरी में छात्रों को एक ही भाषा विषय पढ़ना होता है। वह भारतीय व विदेशी कोई भी भाषा हो सकती है। सत्र 2025-26 से इसे लागू करने की योजना है। नए बदलावों के तहत स्टूडेंट्स को अनिवार्य भाषा में भारतीय भाषा की पढ़ाई करनी होगी। वहीं, सीबीएसई में अगले शैक्षणिक सत्र 2025-26 से साल में दो बार बोर्ड परीक्षाएं हो सकती हैं। शिक्षा मंत्रालय ने सीबीएसई से इसके लिए तैयारी करने को कहा है। अगले महीने बोर्ड से जुड़े 28 हजार स्कूल प्रिंसिपल से इस बारे में राय ली जाएगी। सीबीएसई से पूछा गया है कि यदि बोर्ड परीक्षा साल में दो बार ली जाए तो संसाधनों का प्रबंधन कैसे होगा और दूसरी परीक्षा साल में कब ली जा सकती है।
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