जो मैट्रिक की परीक्षा नहीं दे पाए वो आज कल किताब लिखने की बात कर रहे हैं- जदयू प्रवक्ता मनीष यादव का पलटवार
पटना। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के किताब लिखने वाली बात पर पलटवार करते हुए जदयू के प्रवक्ता मनीष यादव ने बयान जारी कर कहा कि बिहार विपक्ष के नेता माननीय तेजस्वी भाई जी सुने हैं कि, आप आदरणीय नीतीश जी पे किताब लिखने की बात कर रहे हैं। अच्छी बात आप सोचे हैं। लेकिन मेरा आपसे प्रश्न है कि आप तो मैट्रिक की परीक्षा भी नहीं दे पाए तो आखिर आप किताब कैसे लिख पाएंगे?
हां ये हो सकता है कि, आपने अपने अगल- बगल कुछ लोगों को रखा है जिनकी सहायता से आप कुछ भाषण दे पाते हैं। दरअसल वो जो आपको लिख के देते हैं, आप पढ़ लेते हैं। आप भला कहां किताब के चक्कर में पड़ गए तेजस्वी जी!! पढ़ाई- लिखाई की बात आपके उपर शोभा नहीं देती है और वो आपके बस की बात भी नहीं है।
लेकिन जब आपने आखिर सोच ही लिया है किताब लिखने को, तो मेरी गुजारिश है आपसे कि जिनके सहयोग से आप किताब लिखवाएंगे उन्हें ये भी लिखने के लिए बोलिएगा कि, साल 2005 में आपके माता-पिता के कुशासन के अंत के बाद कैसे बिहार की तस्वीर बदली है। आप उन्हें ये बात भी बोलिएगा लिखने को कि आज कैसे गांव- गांव में सड़कों का जाल बिछा हुआ है। कैसे गांव- गांव में बिजली से बल्ब जल रहा है और लालटेन का दौर खत्म हो चुका है।
आपसे तेजस्वी जी नम्र निवेदन है कि किताब में ये भी लिखिएगा कि, कैसे आपके माता-पिता के राज में जो बेटियां घरों से बाहर नहीं निकलती थीं वो गांव की बेटियां आज साईकल योजना का लाभ लेकर स्कूल जा रही हैं और अपने भविष्य का निर्माण कर रही हैं।
कैसे बिहार के बच्चे स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड का लाभ लेकर उच्च शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं । कैसे आज राज्य की महिलाएं पंचायत चुनाव और नगर परिषद में 50 प्रतिशत आरक्षण का लाभ लेकर अपने पंचायत और नगर का नेतृत्व कर रही हैं।
तेजस्वी जी, ये लिखवाना नही भूलिएगा कि कैसे आज सरकारी नौकरी में 35 प्रतिशत आरक्षण का लाभ लेकर बिहार की बेटियां सरकारी नौकरियां कर रही हैं और बड़े शान से अपनी जिंदगी बिता रही हैं।
हां, तेजस्वी जी एक बात और भी आपसे कहना चाहते हैं कि, उस किताब में बिहार पुलिस बल में महिलाओं की भागीदारी की भी बात लिखिएगा और ये भी बताइएगा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की कोशिशों की वजह से आज देश भर में सबसे ज्यादा महिलाओं की तादाद बिहार पुलिस बल में है।