बिहार में समाजवाद को खत्म करने की साजिश हो रही, हमें रात के अंधेरे में हराया गया : जगदानंद सिंह
पटना। आरजेडी प्रदेश कार्यालय में संत रविदास की जयंती मनाई गई। इस मौके पर प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने कहा कि एक तरफ समाजवाद को खत्म करने का साजिश हो रही है, वहीं दूसरी तरफ तेजस्वी यादव सभी को एक साथ लेकर चल रहे हैं। नफरती लोगों से देश को बचाने और लोगों को न्याय दिलाने की लड़ाई तेजस्वी लड़ रहे हैं। इसी मुद्दे पर 3 मार्च को पटना के गांधी मैदान में महागठबंधन की रैली है। बिहार के शासन-प्रशासन में समाजवाद नहीं है, बाकी सब कुछ है। रात के अंधेरे में हमें हराया गया था। नीतीश कुमार और उनकी पार्टी का दावा है कि एक भी सीट महागबंधन को नहीं आएगी, इस सवाल पर उन्होंने कहा कि हृदय से अपने बारे में आवाज उनलोगों के मुंह से निकल रही है। तेजस्वी यादव के वादे का मजाक कौन उड़ा रहा था? कौन कह रहा था कि अपने बाप के घर से पैसा लाएगा क्या? आखिर अब पैसे कहां से आ रहा है? तेजस्वी अपने वादे पर कायम रहे। चुनाव में नंबर वन की पार्टी बनकर और सरकार में नंबर दो की पोजिशन में रहकर भी उन्होंने नौकरी दिलाने का प्रयास किया। उन्होंने आगे कहा कि तेजस्वी यादव पर तो बिहार की जनता विश्वास दिखा ही चुकी थी। हमको तो रात के अंधेरे में हराया गया। 119 तक पहुंचने वाला 110 पर आ गया। 110 से नीचे रहने वाले ऊपर चला गया। ये चमत्कार कैसे हो गया? शासन की अराजकता के चलते और उसी शासन पर भरोसा करके पदाधिकारियों के हाथों बिहार को सौंप दिया गया है।
तेजस्वी पर जनता को विश्वास
अफसर जीत को हार में और हार को जीत में कैसे बदल देते हैं। यह कौशल बिहार में दिखाया जा चुका है। उस समय थोड़ा मार्जिन रह गया. इसलिए उनकी मनमानी चल गई। लेकिन इस बार जनता काफी मार्जिन के साथ तेजस्वी यादव के साथ खड़ी होकर बहुमत देने वाली है। 17 माह में तेजस्वी यादव के प्रति जनता का विश्वास और ताकतवर हुआ है। शिक्षक की नौकरी सिर्फ नौकरी नहीं है। यह एक ऐसा पद जो लाखों बच्चों को नौकरी के लायक बना सकते हैं। बीजेपी पर निशाना साधते हुए जगदानंद सिंह ने कहा कि संत परंपरा से देश चला होता तो कभी भी उन्माद नहीं फैलता। संतों ने भाईचारा का संदेश दिया। संत रविदास ने मन चंगा तो कठौती में गंगा का संदेश दिया। अभी देश में दिखावटीपन है। धर्म व्यापार नहीं है, आस्था है। गंगा नहाने से पाप से मुक्त नहीं हो सकते। संत रविदास, कबीर ने संदेश दिया कि भारत में सभी लोग अपने इष्ट के प्रति श्रद्धा रखें और पाप से बचें। अभी धर्म को उन्माद बनाकर समाज के एक-एक अंग को तोड़ा जा रहा है। संत रविदास तो जूता बनाकर परिवार का भरण-पोषण करते थे। इसलिए उनके रास्ते पर चलने का प्रयास लोगों को करना चाहिए