सोमवार को होगी मध्य प्रदेश के नए मुख्यमंत्री की घोषणा, विधायक दल की बैठक में होगा निर्णय

नई दिल्ली। मध्य प्रदेश में 3 दिसंबर को घोषित हुए विधानसभा चुनाव के नतीजों में एक बार फिर भाजपा प्रचंड बहुमत मिला है। हालांकि, एक सप्ताह के बाद भी बीजेपी ने सीएम पद के नाम का एलान नहीं किया है। समाचार एजेंसी के अनुसार भोपाल में भाजपा विधायक दल की बैठक 11 दिसंबर को होगी। इस बैठक में सीएम के नाम की घोषणा हो सकती है। बीजेपी ने हाल ही में राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के लिए पर्यवेक्षकों के नामों का एलान किया है। इस लिस्ट के मुताबिक़ हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर, के. लक्ष्मण और आशा लकड़ा को मध्यप्रदेश का पर्यवेक्षक बनाया है। अब इन तीन लोगों की टीम मध्य प्रदेश के चुनाव में जीत हासिल करने वाले विधायकों के साथ बैठक करेंगे। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में सोमवार 11 दिसंबर को शाम चार बजे बीजेपी विधायक दल की बैठक होगी। इसके बाद मुख्यमंत्री के नाम का एलान किया जाएगा। पार्टी ने प्रदेश में सीएम फेस को लेकर उलझे मामले को सुलझाने के लिए हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर, ओबीसी मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष के लक्ष्मण और पार्टी की राष्ट्रीय सचिव आशा लाकड़ा को कमान सौंपी है। मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के नतीजे 3 दिसंबर को घोषित हुए हैं। बीजेपी ने 163 सीटों पर जीत दर्ज की है, जबकि कांग्रेस को 66 सीटों पर जीत मिली है। इसके अलावा एक सीट अन्य दल को मिली है। इसके बाद यहां बीजेपी की तरफ से सीएम फेस की लिस्ट में शिवराज सिंह चौहान, ज्योतिरादित्य सिंधिया, अश्वनी वैष्णव, नरेंद्र सिंह तोमर, वीडी शर्मा और प्रह्लाद सिंह पटेल का नाम सबसे आगे बताया जा रहा है। 9 अक्टूबर के बाद प्रदेश में चुनाव तारीखों की घोषणा कर दी गई। चुनाव आयोग ने प्रदेश में चुनाव मतगणना की तारीख 17 नवंबर को तो रिजल्ट की घोषणा 3 दिसंबर के दिन रखी। बीजेपी ने चुनाव के लिए मैदान में उतरने वाले अपने प्रत्याशियों को सिलेक्ट किया और उनकी पहली लिस्ट जारी की। सबको चौंकाते हुए पार्टी ने इस लिस्ट में अपने दिग्गज सांसदों और मंत्रियों को प्रत्याशी बनाकर उतारा। विधायक दल का नेता चुनने के लिए हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर, अपने ओबीसी मोर्चा के प्रमुख के लक्ष्मण और सचिव आशा लाकड़ा को केंद्रीय पर्यवेक्षक नियुक्त किया। इसके बाद की लिस्टों में पार्टी ने ज्यादा बदलाव नहीं करते हुए अपने पुराने विधायकों पर ही भरोसा जताया और उनको ही मौका दिया। कहीं कहीं कुछ चेहरों को बदला गया और नए प्रत्याशी उतारे गए। बीजेपी ने इस बार 17 नवंबर को हुए विधानसभा चुनाव में मौजूदा सीएम शिवराज सिंह चौहान को मुख्यमंत्री चेहरे के रूप में पेश किए बिना लड़ा। ऐसा 20 साल बाद हुआ कि पार्टी ने मध्य प्रदेश में चुनाव से पहले अपने मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार का नाम घोषित नहीं किया। चारों बड़े दिग्गज पटेल, तोमर, विजयवर्गीय और वी डी शर्मा पहले ही नई दिल्ली में गृह मंत्री और भाजपा के मास्टर रणनीतिकार अमित शाह से मुलाकात कर चुके हैं। उन्होंने भाजपा अध्यक्ष जे.पी.नड्डा से भी मुलाकात की। हालांकि इन नेताओं ने सार्वजनिक रूप से इस बात से इनकार किया है कि वे मुख्यमंत्री बनने की होड़ में हैं। शिवराज सिंह चौहान की जगह बीजेपी किसी और को लेती है तो वह किसी अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के मुख्यमंत्री पर ध्यान केंद्रित कर सकती है। चौहान मध्य प्रदेश के सबसे लंबे समय तक सेवा करने वाले मुख्यमंत्री भी हैं।
