जदयू के भीम संसद पर चिराग पासवान ने उठाया सवाल, बताया राजनीतिक ढोंग
पटना।जदयू के भीम संसद कार्यक्रम पर लोक जनशक्ति पार्टी रामविलास के राष्ट्रीय अध्यक्ष आदरणीय श्री चिराग पासवान जी ने तंज कसते हुए भीम संसद को ढोंग बताया है। चिराग पासवान ने दलितों के खिलाफ अन्याय और अपराध का आरोप लगाया है। चिराग पासवान ने कहा कि मुख्यमंत्री जी जीतने संसद करें लेकिन भीम संसद में यह भी बतायें कि दलितों के साथ जो अत्याचार हो रहा है जदयू के पास इसका कोई जबाव है क्या? प्रदेशभर में आये दिन चुन-चुन कर दलित युवाओं की हत्या हो रही है। दलितों बच्चियों के साथ बलात्कार हो रहा है? क्या इन बातों का जबाव है। चिराग पासवान ने कहा कि जब आप प्रोनन्ति में आरक्षण रोक देते है और बाकि सारे वर्ग का प्रोमोशन करते है और सिर्फ दलित वर्ग से आने वाले लोगों के प्रोनन्ति में आरक्षण रोक लगाते है तो क्या इसका जबाव है आपके पास? मुख्यमंत्री नीतीश कुमार दलित विरोधी सोच के है। जिस तरह की भाषा का इस्तेमाल मुख्यमंत्री पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी जी के लिए किया है वह उनकी दलितों के प्रति सोच को दर्शाता है। भीम संसद का दिखावा करके दलितों के हितैषी कैसे हो पायेंगे। चिराग ने कहा कि मुख्यमंत्री जी दिखावा कर रहे हैं कि अनुसूचित जाति जनजाति से आने वाले लोगों की सबसे ज्यादा चिंता है। उन्होंने अनुसूचित जाति को बाटने का काम किया है। दलित को महादलित कर दिया। प्रदेश के मुख्यमंत्री 3 डीसमिल जमीन देने का वादा कियें थे उसका क्या हुआ? पिछले चुनाव से पहले यह घोषणा की दलित परिवार के किसी भी व्यक्ति की हत्या होती है तो उसके परिवार के एक सदस्य को नौकरी दी जायेंगी। मुख्यमंत्री जी बतायें की कितने दलित परिवार जिनकी हत्यायें हुई उनके परिवार को नौकरी मिली है। विशेष राज्य की दर्जा के मांग को लेकर श्री चिराग ने कहा कि मैं मांग को लेकर पूरी तरह सहमत हूं। लेकिन 2017 से 2022 तक इस बात का जिक्र उन्होंने कितनी बार किया है। जबकि उस वक्त बिहार और केन्द्र दोनों में डबल इंजन की सरकार थी बावजूद नीतीश कुमार ने क्यों नहीं उठाई? पिछले 19 वर्षो से मुख्यमंत्री है और विशेष राज्य के दर्जे के लिए आन्दोलन की बात करते है। किसकों झुनझुना पकड़ा रहे है? बिहार की जनता को मुर्ख समझ रहे है। बिहार के अर्थव्यवस्था के लिए उन्होंने क्या किया है।
उक्त आशय की जानकारी पार्टी के प्रदेश मीडिया प्रभारी कुन्दन पासवान ने दी।