पटना में तीन माइंस इंस्पेक्टर फिर भी सोन नदी में खुलेआम अवैध खनन जारी,बालू माफियाओं का आतंक कायम
>> वरीय पदाधिकारियों के पास पहुंचती है शिकायतें तो होती है कार्रवाई
>> पुलिस वापस लौट पहुंचती है थाना इधर अवैध बालू खनन में जुट जाते हैं माफिया
>> औरंगाबाद व गया ज़िले के चालान पर पटना में बालू की बिक्री
पटना (रविश कुमार मणि)। खनन विभाग का मुख्यालय राजधानी ज़िला पटना में है । मंत्री जी से लेकर अपर सचिव , निदेशक तक बैठते हैं और नीति का निर्धारण होता है । बग़ल के कई ज़िलों में बालू का खनन शुरू हो गया है लेकिन पटना में अभी तक खनन शुरू नहीं हुआ है। माफिया दिन – रात अवैध खनन करने में जुटे है । ग़नीमत यह की अवैध खनन को रोकने के लिए पटना ज़िले में तीन माइंस इंस्पेक्टर तैनात है ।लेकिन कार्रवाई तो दूर कभी रूटीन चेकअप तक नहीं करते । यहीं कारण है की आम लोगों का ज़िला खनन पर से विश्वास उठ गया है ।अब सीधे तौर पर अवैध खनन की शिकायतें मुख्यालय में बैठे निदेशक और अपर मुख्य सचिव तक पहुँचने लगी है तो कार्रवाई हो रही है,लेकिन महज़ ख़ानापूर्ति ।
अवैध बालू खनन से जुड़े बिहटा थाना की दो घटनाओं पर गौर करें । परेव में केल्हनपुरा का एक बालू माफिया रात में सोन से अवैध बालू का खनन कर रहा है । आम लोगों ने अवैध खनन का वीडियो देते हुए स्थानीय पदाधिकारियों से शिकायत किया,लेकिन कार्रवाई नहीं हुआ।तब जाकर लोगों ने पुलिस व खनन के वरीय अधिकारियों को शिकायत किया । लगातार मिल रही शिकायत के बाद वरीय अधिकारी के आदेश पर परेव में रेड हुई।तो अवैध बालू खनन में जुटे वाहनों को पकड़ा गया।लेकिन वहीं लगी दो पॉकलेन को छोड़ दिया गया । पुलिस के द्वारा पकड़े गये हाइवा व ट्रक का ऑनलाइन जांच किया गया।तो दो का चालान गया एवं औरंगाबाद ज़िले के सेटली लाइसेंस द्वारा दिया गया पाया । इस तरह से फर्जीवाड़ा का सिंडिकेट काम कर रहा है और खनन विभाग कुंभकर्णी नींद में है ।
बिहटा थाना क्षेत्र के सुअरमरवा व पथलौटिया में अवैध बालू खनन पर वर्चस्व को लेकर अपराधी हावी है।लगातार गोलीबारी की घटनाओं के बाद वरीय पुलिस अधिकारी के आदेश पर पिकेट की व्यवस्था की गई है।पिकेट पर तैनात पुलिसकर्मी सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक दिखाई देते है और बग़ल में सैकड़ों मज़दूर टोकरी से बालू निकालते दिख जाएँगे । वहीं पुलिस जब थाना पहुँच जाती है। तो इसकी सूचना बालू माफिया को मिल जाती है और रात्रि 8 बजे के बाद नाव के डुग्गी से अवैध बालू की निकासी शुरू हो जाती है जो अहले सुबह तक चलती है । इसके लिए भी कई बार गोलीबारी की घटनाएं हो चुकी है।जो पुलिस की जानकारी में है ।
मनेर के बालू माफिया के नाम से विख्यात सिपाही राय की बेटी की शादी होने वाली है । पुलिस- प्रशासन द्वारा लगातार पुरे परिवार पर हो रहे अवैध बालू कारोबार के केस के बाद फ़िलहाल बालू कारोबार से तौबा कर लिया है।लेकिन अब विरोधी पक्ष अवैध बालू खनन पर वर्चस्व क़ायम करना चाहता है।पॉकलेन मशीन तो बंद हो गया है लेकिन नाव पर डुग्गी मशीन से अवैध खनन सूरज यादव, राहुल यादव, अमीरी यादव व विनोद यादव द्वारा प्रतिदिन किया जा रहा है और 15-20 लाख रूपये का बालू नदी के रास्ते नाव से डोरिगंज के रास्ते यूपी तक खुलेआम जा रहा है। इसमें सैकड़ों नाव लगे हैं और पिकेट पर तैनात पुलिस पदाधिकारियों को दिखाईं नहीं देते।इसे सिस्टम से सेटिंग नहीं तो क्या कहेंगे?