December 22, 2024

पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की पुण्यतिथि पर मुख्यमंत्री ने दी श्रद्धांजलि, राज्यपाल ने भी किया नमन

पटना। भारत की पूर्व प्रधानमंत्री स्व. इंदिरा गाँधी की पुण्यतिथि के अवसर पर मंगलवार को पटना के शेखपुरा स्थित इंदिरा गाँधी इन्स्टीच्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज के प्रांगण में अवस्थित स्व. इंदिरा गाँधी की प्रतिमा प्रांगण में राजकीय समारोह का आयोजन किया गया। राज्यपाल राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर एवं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने स्व. इंदिरा गाँधी की आदमकद प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें शत्-शत् नमन किया तथा भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। इस अवसर पर वित्त, वाणिज्य कर एवं संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी, राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री आलोक कुमार मेहता, भवन निर्माण मंत्री अशोक चौधरी, परिवहन मंत्री श्रीमती शीला कुमारी, विधि मंत्री शमीम अहमद, विधान पार्षद प्रेमचंद मिश्रा, विधान पार्षद संजय कुमार सिंह उर्फ गांधी जी, विधान पार्षद श्रीमती कुमुद वर्मा, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव डॉ. एस. सिद्धार्थ, बिहार राज्य नागरिक परिषद् के पूर्व महासचिव अरविन्द कुमार सहित अनेक सामाजिक एवं राजनीतिक कार्यकर्ताओं ने स्व. इंदिरा गाँधी की आदमकद प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। इस अवसर पर सर्वधर्म प्रार्थना सभा का आयोजन किया गया तथा सूचना एवं जन-सम्पर्क विभाग के कलाकारों द्वारा भजन, बिहार गीत एवं देश भक्ति गीतों का गायन प्रस्तुत किया गया। 1984 में स्वर्ण मंदिर में ऑपरेशन ब्लू स्टार की सैन्य कार्रवाई के पांच महीने के बाद आज के ही दिन उनके ही दो अंगरक्षकों ने इंदिरा गांधी की हत्या कर दी थी। वह भारत की एकमात्र महिला प्रधान मंत्री थीं। उन्होंने जनवरी 1966 से मार्च 1977 तक और फिर जनवरी 1980 से अक्टूबर 1984 में अपनी हत्या तक भारत की प्रधानमंत्री के रूप में कार्य किया। इंदिरा गांधी को ‘भारत की लौह महिला’ के रूप में जाना जाता है। इंदिरा का जन्म 19 नवंबर 1917 को इलाहाबाद में हुआ था। वह आजाद भारत के पहले प्रधानमंत्री पं। जवाहरलाल नेहरू की इकलौती संतान थीं।लालबहादुर शास्त्री के बाद प्रधानमंत्री बनीं इंदिरा को शुरू में ‘गूंगी गुड़िया’ की उपाधि दी गई थी, लेकिन 1966 से 1977 और 1980 से 1984 के दौरान प्रधानमंत्री रहीं इंदिरा ने अपने साहसी फैसलों के कारण साबित कर दिया कि वे एक बुलंद शख्यिसत की मालिक हैं। आपातकाल लगाने का काफी विरोध हुआ और उन्हें नुकसान उठाना पड़ा लेकिन चुनाव में वे फिर चुनकर आईं। इंदिरा की राजनीतिक छवि को आपातकाल की वजह से गहरा धक्का लगा। इसी का नतीजा रहा कि 1977 में देश की जनता ने उन्हें नकार दिया, हालांकि कुछ वर्षों बाद ही फिर से सत्ता में उनकी वापसी हुई। 1980 का दशक खालिस्तानी आतंकवाद के रूप में बड़ी चुनौती लेकर आया। ऑपरेशन ब्लू स्टार के बाद वे सिख अलगाववादियों के निशाने पर थीं। 31 अक्टूबर 1984 को उनके दो सिख अंगरक्षकों ने ही उनकी हत्या कर दी।

yashoraj infosys best website design company in patna : www.yashoraj.com

You may have missed