राष्ट्रीय शिक्षा नीति देश हित में : राज्यपाल ने कहा- लॉर्ड मैकाले की शिक्षा नीति ब्रिटिश शासन के अनुरूप
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पटना। बिहार के राज्यपाल राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर आज IIT पटना पहुंचे थे। जहां उन्होंने शिक्षकों की भूमिका पर आयोजित कार्यशाला का उद्घाटन किया। राज्यपाल ने सभा को संबोधित करते हुए कहा की राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 2020 देश को एक नई दिशा देनेवाली है तथा इसके कार्यान्वयन में शिक्षकों की सहभागिता अत्यंत महत्वपूर्ण है। उनके मन में यह भाव होना चाहिए कि राष्ट्र निर्माण हेतु ईश्वर प्रदत्त इस विशिष्ट दायित्व का निर्वहन उनकी जिम्मेदारी है। उन्होंने आगे कहा कि लॉर्ड मैकाले की शिक्षा नीति ब्रिटिश शासन के हितों के अनुरूप थी और इससे भारत का काफी नुकसान हुआ। परन्तु, अब देश करवट ले रहा है और हमें इस परिवर्तन में सहभागी बनना है। आज पूरा विश्व भारत की ओर देख रहा है। ऐसे में हमारा दायित्व है कि हम समय की चुनौतियों को स्वीकार करते हुए राष्ट्र निर्माण में सहभागी बनें। राज्यपाल ने आगे कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 2020 देश को एक नई दिशा देनेवाली है। हमें इस महत्वपूर्ण दस्तावेज में निहित भावना को समझना होगा। उन्होंने इस नीति के क्रियान्वयन में शिक्षकों की भूमिका को रेखांकित करते हुए कहा कि ईश्वर ने उन्हें राष्ट्र निर्माण के एक विशिष्ट कार्य के लिए चुना है। उन्हें इस दायित्व का निर्वहन पूर्ण मनोयोग के साथ जिम्मेदारीपूर्वक करना चाहिए। वही इस कार्यक्रम को भारतीय शिक्षण मंडल के आयोजन सचिव बी.आर. शंकरानन्द, आईआईएम, बोधगया की निदेशक प्रो. विनीता सहाय एवं आईजीआईएमएस, पटना के निदेशक डॉ. बिन्दे कुमार ने भी संबोधित किया। वही इस अवसर पर IIT, पटना के निदेशक प्रोटीएन सिंह एवं अन्य प्राध्यापकगण, विभिन्न विश्वविद्यालयों के वर्तमान एवं पूर्व कुलपतिगण, विभिन्न शिक्षण संस्थानों के प्रतिनिधिगण व शिक्षाविद् तथा अन्य लोग उपस्थित थे।
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