दिल्ली-एनसीआर में भूकंप के तेज झटको से हिली धरती, दहशत में घरों से बाहर निकले लोग
नई दिल्ली। दिल्ली-एनसीआर में भूकंप के जोरदार झटके महसूस किए गए हैं। मंगलवार दोपहर को 2.53 पर आए भूकंप के झटकों के बाद दहशत में लोग दफ्तर और घरों से बाहर निकल गए। श्रावस्ती में 2:51 पर भूकंप के झटके महसूस हुए हैं। दो बार तेज झटके महसूस हुए। भूकंप की तीव्रता 4.6 रही। उत्तर भारत के कई राज्यों में भूकंप के झटके महसूस किए गए। दिल्ली के अलावा गाजियाबाद, नोएडा और फरीदाबाद में भी भूकंक के झटके महसूस किए गए। वही नेपाल में आए इस भूकंप के झटके दिल्ली एनसीआर, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, हरियाणा पंजाब और राजस्थान में भी महसूस किए गए हैं। बता दें कि अगर रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 5.4 से अधिक रहती है तो इस घातक स्तर का भूकंप मना जाता है। अब तक इस भूकंप से जान-माल की क्षति की सूचना नहीं मिली है। अधिक जानकारी की अब भी प्रतीक्षा है।
तीन राज्यों में कांपी धरती
भूकंप के झटके से भारत, नेपाल और चीन की धरती हिली। इस भूकंप से उत्तर प्रदेश, बिहार, उत्तराखंड की धरती हिली। लोगों में घबराहट फैल गई। लोग अपने घरों और दफ्तरों से बाहर निकल पड़े। बोतलों में रखा पानी और पंखे हिलने लगे। लोग अपनी बचत के उपाय ढूंढने लगे। दिल्ली-एनसीआर में मंगलवार दोपहर भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए। दोपहर 2.53 बजे ये झटके महसूस किए गए। रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 4.6 रही। भूकंप का केंद्र नेपाल में था। यूपी में भी भूकंप के झटके महसूस हुए हैं। इसकी तीव्रता 5.5 मापी गई है।
जानें आखिर क्यों आता है भूकंप
पृथ्वी के अंदर 7 प्लेट्स हैं, जो लगातार घूमती रहती हैं। जहां ये प्लेट्स ज्यादा टकराती हैं, वह जोन फॉल्ट लाइन कहलाता है। बार-बार टकराने से प्लेट्स के कोने मुड़ते हैं। जब ज्यादा दबाव बनता है तो प्लेट्स टूटने लगती हैं। नीचे की ऊर्जा बाहर आने का रास्ता खोजती हैं और डिस्टर्बेंस के बाद भूकंप आता है। भूकंप का केंद्र उस स्थान को कहते हैं जिसके ठीक नीचे प्लेटों में हलचल से भूगर्भीय ऊर्जा निकलती है। इस स्थान पर भूकंप का कंपन ज्यादा होता है। कंपन की आवृत्ति ज्यों-ज्यों दूर होती जाती हैं, इसका प्रभाव कम होता जाता है। फिर भी यदि रिक्टर स्केल पर 7 या इससे अधिक की तीव्रता वाला भूकंप है तो आसपास के 40 किमी के दायरे में झटका तेज होता है। लेकिन यह इस बात पर भी निर्भर करता है कि भूकंपीय आवृत्ति ऊपर की तरफ है या दायरे में। यदि कंपन की आवृत्ति ऊपर को है तो कम क्षेत्र प्रभावित होगा। भूंकप की जांच रिक्टर स्केल से होती है। इसे रिक्टर मैग्नीट्यूड टेस्ट स्केल कहा जाता है। रिक्टर स्केल पर भूकंप को 1 से 9 तक के आधार पर मापा जाता है।