November 23, 2024

महागठबंधन का राष्ट्रीय राजनीति पर कोई असर नहीं, पीके का CM नीतीश पर तंज

पटना। आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर सभी दल अपनी पार्टी को मजबूत करने में लग गई है. वही इंडिया गठबंधन की बैठक से पहले संयोजक बनाए जाने के सवाल पर CM नीतीश का ये बयान इन दिनों सुर्खियों में है कि ‘हमको कुछ नहीं बनना है’। सूबे के मुख्यमंत्री के इस बयान पर तंज कसते हुए जन सुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने कहा कि जहां तक विपक्षी एकता से सन्दर्भ में नीतीश के प्रयास का सवाल है, उनकी अपनी हालत इतनी खराब है, जो अपने राज्य में अपना पैर रखने का ठिकाना नहीं है, तो आप देश के स्तर पर भला क्या करेंगे। अगर, आप ऑर्डर में देखें, तो सबसे बड़ी पार्टी कांग्रेस है, उसके बाद तृणमूल, उसके बाद DMK है, जो पूरे-पूरे राज्य जीतकर बैठे हैं, उनके पास 20-20, 25-25 एमपी हैं। वे अपने राज्यों में जीतने का दावा कर सकते हैं। नीतीश कुमार के पास कुछ है ही नहीं, न दल बचा है, न इमेज बचा है। तो किस आधार पर आपको संयोजक बना दिया जाए। आप कर्नाटक, तमिलनाडु, बंगाल में जाकर देखिए भला कौन नीतीश कुमार की चर्चा कर रहा है। पीके ने राजद पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि जिस दिन महागठबंधन की सरकार बिहार में बनी, उसी दिन मैंने कहा था कि बिहार का महागठबंधन बिहार की घटना है, इसका राष्ट्रीय राजनीति पर कोई असर नहीं पड़ने वाला है। अब आप लोगों का ये मानना है कि ये इतना मजबूत दल है कि ये डिसाइड कर सकते हैं। जिस दल के पास जीरो सांसद हैं, वो बताएंगे कि कौन देश चलाएगा। नीतीश के पास 42 विधायक और 16 सांसद हैं, इस बार वो कितनी सीटें लाएंगे ये सबको मालूम है। जब आपकी अपनी ताकत नहीं है, आपके अपने 10 MP नहीं हैं, तो आप देश की राजनीति में भला क्या भूमिका अदा कर सकते हैं। संसद में NDA और इंडिया के मिलाकर 26-27 दल दोनों तरफ बैठते हैं, इसमें दो तिहाई दल ऐसे हैं जिसके एक भी MP नहीं है। वो तो संख्या गिनाने के लिए दलों की परिपाटी है इसलिए सबको बैठा लिया। इसका मतलब ये थोड़ी है कि वो राष्ट्रीय राजनीति को उलट-पुलट कर देंगे।

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