केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे ने कहा: नागरिकता संशोधन कानून पर लोगों को भड़काना और हिंसा का सहारा लेना अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण
नई दिल्ली। नागरिकता संशोधन कानून पर दिल्ली, पूर्वोत्तर और अन्य जगहों पर हो रहे हिंसक आंदोलन पर केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री अश्वनी कुमार चौबे ने कहा कि “नागरिकता संशोधन विधेयक संसद के दोनों सदनों में लंबी बहस के बाद भारी बहुमत से पारित होकर कानून बन चुका है। इसके पूर्व वर्ष 2016 में भी यह विधेयक संसद में आया था। संबंधित लोगों को नागरिकता देने के लिए लोकसभा द्वारा एक समिति बनाई गई थी, जिसका मैं भी एक सदस्य था। इस समिति ने देशभर में शरणार्थी शिविरों में जाकर उनके हालात देखे थे। समिति में शामिल विभिन्न राजनीतिक दलों के सांसदों ने देखा था कि पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से धर्म के नाम पर असीमित प्रताड़ना सहकर अपना सब कुछ गंवाकर आए हुए शरणार्थी दयनीय एवं नारकीय स्थिति में हर रहे हैं। मानव अधिकार और मूल अधिकार से वंचित पीड़ित और अत्याचार से त्रस्त ये शरणार्थी वर्षों से भारत में रह रहे हैं जिनको पूछने वाला कोई नहीं था। भारत की राष्ट्रवादी जनता और इन शरणार्थियों की अपेक्षा थी इनको भारत की नागरिकता दी जाए। इनमे हिंदू, सिख, ईसाई, बौद्ध, जैन और पारसी सभी है। सर्वधर्म समभाव की भावना को अंगीकार कर हमने इन सभी प्रताड़ित शरणार्थियों को भारत का नागरिक बनाने का कानून बनाया है, जिसका दूसरे किसी से कोई संबंध नहीं है। इसमें किसी की नागरिकता लेने की बात नहीं है बल्कि धर्म के नाम पर अत्याचार रह कर शरणार्थी की जीवन जीने वाले लोगों को नागरिकता देने की बात है।
श्री चौबे ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह ने सदन के अंदर और बाहर बार-बार यह बातें स्पष्ट की हैं। लेकिन कांग्रेस, आम आदमी पार्टी और अन्य कुछ पिछलग्गू विपक्षी पार्टियां उपद्रव करवाने का काम देशभर में कर रही हैं जो कि अत्यंत निंदनीय और दुर्भाग्यपूर्ण है। जनता इसको कभी भी स्वीकार नहीं करेगी। जिस तरीके का तोड़फोड़ और हिंसा का सहारा लेकर ये आंदोलन चलाया जा रहा है, वह एक शर्मनाक है। मैं स्वयं बिहार के छात्र आंदोलन और अन्य राजनीतिक आंदोलनों में बहुत ज्यादा सक्रिय रहा हूं। पटना विश्वविद्यालय छात्र संघ का अध्यक्ष रहा, छात्र आंदोलन से भी जुड़ा रहा और जेल भी गया हूं। लेकिन मैंने कभी भी तोड़फोड़ और हिंसा का सहारा नहीं लिया। आज कुछ लोगों के उकसावे पर जो किया जा रहा है और भोले भाले लोगों को गलत बात बता कर भड़काने का जो काम किया जा रहा है, उसकी सभी तरफ से आलोचना होनी चाहिये।