जागिए सरकार! आपकी सात निश्चय योजना की निकल रही हवा
पटना के अजवां पंचायत के एक बस्ती में गंदे कुएं का पानी पीने को हैं मजबूर लोग
पटना (अजीत कुमार)। बिहार की राजधानी पटना का नौबतपुर प्रखंड के अजवां पंचायत की एक बस्ती आज भी बुनियादी सुविधाओं के लिए तरस रही है। न पीने के लिए शुद्ध जल का पानी है और न सड़क और न ही रहने को उचित मकान। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अति महत्वपूर्ण योजनाओं में एक सात निश्चय योजना मुंह चिढ़ा रहा है। पटना में सीएम आवास से बमुश्किल 25 किलोमीटर दूर नौबतपुर का अजवा पंचायत में लोग गंदे बदबूदार कुंए का जल पीने को मजबूर हैं। केंद्र व राज्य की सरकार चाहे लाख दावे कर ले कि विकास गांव-गांव और गली-गली हो रहा है लेकिन अजवां पंचायत की यह बस्ती के बाशिंदों के लिए सब बेमानी है। सरकार की तरफ से गरीब-पिछड़े वर्गों के लिये तरह-तरह की योजनाओं की बात कही जाती है। वहीं इन योजनाओं की जमीनी हकीकत राजधानी में ही कुछ और हकीकत बयां कर रही है।
अजवां पंचायत के वार्ड नं 17 में समस्याओं के अंबार देख लगता ही नहीं है कि विकास योजनाएं कहां तक पहुंच पा रही है। सरकार इन विकास योजनाओं की मॉनिटरिंग भी करती रहती है बावजूद यह बस्ती विकास की रौशनी से अबतक महरूम क्यों है। यहां के लोगो से बात करने पर पता चला कि ये लोग आज भी पीने का पानी एक कुएं से किसी तरह से प्राप्त करते हैं। कुएं का निरीक्षण करने पर देखा गया कि कुएं में तरह-तरह के जीव मरे परे हंै, कुछ जिंदे किट भी हैं और पानी पूरी तरह से गंदी हो चुकी है (तस्वीर को जूम करके देखे)।
कुंए की हालत देखने के दौरान ही एक महिला आती है और अपने घर दिखाती है। शायद उस महिला को लगा होगा कि सरकार का कोई आदमी आया है जो घर भी बनवा देगा। इतना ही नहीं इस बस्ती में मुख्य सड़क से जुड़ा हुआ कोई रास्ता तक नही है। हालांकि बस्ती में दो पानी पीने का नल दिखा जरूर, परंतु वहां के लोगों के अनुसार दोनों कल (नल) को कई बार बनाने का प्रयास किया जा चुका है लेकिन नहीं बन पाया। जब इन समस्याओं के बारे में वहां के लोगों से पूछा गया तो जवाब चौंकाने वाला मिला। स्थानीय लोगों के अनुसार अजवां पंचायत के मुखिया की वजह से सात निश्चय योजना के तहत जो बैंक खाता खुलकर विकास कार्य किया जाना था, वो अभी तक खाता हीं नही खुला, जबकि लगभग 2-3 साल का कार्यकाल पूरा हो चुका है इस पंचायत का। स्थानीय मुखिया जी से संपर्क करने का प्रयास किया गया लेकिन संपर्क नही हो पाया। जरा सोंचिये हमारे और आपके घर मे एक दिन बिना प्यूरीफाई किया हुआ पानी मिलता है तो डर से पीते नही जबकी वो चापाकल या बोड़ का होता है। ये गरीबी में जीने को बेबस लोग कुएं का पानी पीने पर मजबूर है वो भी कुआं ऐसा जिसमे गंदगी ही गंदगी दिख रहा हो। आखिर राजधानी पटना के इस पंचायत में मुख्यमंत्री के सात निश्चय योजना का लाभ कब तक पहुंचेगी सरकार……
समाजसेवी संस्था प्रयास एक पहल की टीम ने इस बस्ती का दौरा करके समस्याओं को देखा और जाना। हालांकि प्रयास के सदस्यों ने बताया कि प्रयास एक पहल आस पास के जगह के लोगों की मदद से अपने स्तर से इन सुविधाओं को मुहैया कराने का प्रयास करेगा।