December 27, 2024

पूर्णिया में सुधा मिल्क के कंटेनर से 80 लाख की शराब जब्त, दो तस्करों को पुलिस ने किया गिरफ्तार

पूर्णिया। बिहार के पूर्णिया जिले में पुलिस ने एक बड़ी सफलता हासिल करते हुए शराब की तस्करी का भंडाफोड़ किया है। पुलिस ने सुधा मिल्क के लोगो लगे एक कंटेनर से भारी मात्रा में विदेशी शराब जब्त की है, जिसकी कुल कीमत 80 लाख रुपये बताई जा रही है। इस ऑपरेशन में पुलिस ने 767 कार्टन में बंद 6894 लीटर शराब बरामद की है और इस मामले में दो तस्करों को भी गिरफ्तार किया गया है, जो उत्तर प्रदेश के निवासी हैं। इस घटना से बिहार में शराबबंदी के बावजूद चल रही अवैध शराब तस्करी के धंधे का एक और बड़ा मामला सामने आया है। पूर्णिया के पुलिस अधीक्षक (एसपी) कार्तिकेय शर्मा ने बताया कि पुलिस को गुप्त सूचना मिली थी कि एक बड़ी मात्रा में शराब की खेप असम से लाई जा रही है और इसे बिहार के मुजफ्फरपुर पहुंचाया जाना था। इस सूचना के आधार पर पूर्णिया पुलिस ने एक विशेष वाहन चेकिंग अभियान चलाया, जिसमें एक यूपी नंबर प्लेट वाले कंटेनर को जीरो माईल के पास रोका गया। इस कंटेनर पर सुधा मिल्क का लोगो लगा हुआ था, जिससे यह शक कम हो गया था कि इसमें कोई अवैध सामग्री हो सकती है। लेकिन पुलिस की सतर्कता और जांच के दौरान, कंटेनर से भारी मात्रा में शराब की खेप बरामद की गई। जब पुलिस ने कंटेनर को रोका और ड्राइवर तथा खलासी से पूछताछ की, तो वे कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे पाए। इसके बाद कंटेनर को सदर थाने लाया गया और विस्तृत जांच की गई, जिसमें शराब की बड़ी खेप का खुलासा हुआ। पुलिस ने इस मामले में दो तस्करों को गिरफ्तार किया है, जो उत्तर प्रदेश के निवासी हैं। पूछताछ के दौरान यह जानकारी मिली कि ये तस्कर असम से शराब लेकर बिहार आ रहे थे और मुजफ्फरपुर में इसे खपाने की योजना थी। हालांकि, यह अब भी जांच का विषय है कि शराब की यह खेप किसके लिए लाई जा रही थी और इसका वितरण कैसे किया जाना था। इस ऑपरेशन के पीछे सदर एसएचओ के नेतृत्व में एक विशेष टीम का गठन किया गया था, जिसमें स्पेशल टीम के अलावा भट्टा बाजार टीओपी प्रभारी पुरुषोत्तम कुमार भी शामिल थे। गुप्त सूचना का सही तरीके से उपयोग करते हुए पुलिस ने समय रहते कार्रवाई की और शराब तस्करों को पकड़ने में सफलता पाई। एसपी कार्तिकेय शर्मा ने बताया कि पुलिस लगातार तस्करों की गतिविधियों पर नजर रखे हुए है और बिहार में शराबबंदी के बावजूद अवैध शराब की तस्करी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा रही है। इस घटना ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि तस्कर अब नए-नए तरीकों का इस्तेमाल कर शराब की तस्करी कर रहे हैं। पहले से सुधा मिल्क के कंटेनर का इस्तेमाल करना यह दर्शाता है कि तस्कर पुलिस को धोखा देने के लिए किस हद तक जा सकते हैं। बिहार में शराबबंदी कानून लागू होने के बावजूद अवैध शराब तस्करी के कई मामले सामने आते रहे हैं। तस्कर अलग-अलग तरीकों से शराब की तस्करी करने की कोशिश करते हैं। कभी निजी वाहनों का इस्तेमाल करते हैं, तो कभी दूध, फल, सब्जी, या अन्य वस्तुओं के कंटेनरों का सहारा लेकर शराब की तस्करी को अंजाम दिया जाता है। इस मामले में सुधा मिल्क के कंटेनर का उपयोग दिखाता है कि तस्कर अब ऐसे वाहनों को चुन रहे हैं जो देखने में आम और सामान्य लगते हैं ताकि पुलिस की नजरों से बचा जा सके। यह घटना बिहार में अवैध शराब तस्करी की गंभीरता को दर्शाती है। शराबबंदी कानून के बावजूद तस्कर अपनी गतिविधियों को जारी रखे हुए हैं और इसके लिए नए-नए तरीके अपनाए जा रहे हैं। हालांकि, पूर्णिया पुलिस की इस कार्रवाई से यह स्पष्ट हो गया है कि बिहार में शराब तस्करों के खिलाफ सख्त कदम उठाए जा रहे हैं और कानून व्यवस्था को बनाए रखने के लिए पुलिस पूरी तरह से मुस्तैद है। इस तरह की घटनाएं कानून-व्यवस्था की चुनौतियों को और बढ़ा देती हैं, लेकिन पुलिस की त्वरित और प्रभावी कार्रवाई से यह साफ हो जाता है कि प्रशासन तस्करी के खिलाफ पूरी तरह से सतर्क है। अब पुलिस की जांच इस दिशा में आगे बढ़ रही है कि इस तस्करी के पीछे कौन लोग शामिल हैं और इस नेटवर्क को जड़ से खत्म कैसे किया जाए। पूर्णिया में सुधा मिल्क के कंटेनर से शराब की इस बड़ी खेप का जब्त होना बिहार में शराबबंदी कानून के बावजूद तस्करों की सक्रियता का एक बड़ा उदाहरण है। पुलिस की सतर्कता और त्वरित कार्रवाई से यह सुनिश्चित हुआ कि तस्करी की यह योजना विफल हो गई। इस घटना से यह साफ हो गया है कि तस्कर अब अपने तरीके बदलकर पुलिस को भ्रमित करने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन कानून का शिकंजा उन पर कसता जा रहा है। पुलिस ने तस्करों की गिरफ्तारी के बाद आगे की जांच शुरू कर दी है और उम्मीद है कि इस नेटवर्क का जल्द ही पर्दाफाश किया जाएगा।

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