स्कूलों में दिव्यांग बच्चों के लिए 7279 विशेष शिक्षकों की होगी बहाली, अनुकंपा के आधार पर 6421 भी होंगे बहाल

पटना। बिहार में शिक्षा के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए राज्य सरकार ने दिव्यांग बच्चों के लिए 7279 विशेष शिक्षकों की नियुक्ति की घोषणा की है। इसके अतिरिक्त, अनुकंपा के आधार पर भी 6421 शिक्षकों की बहाली की प्रक्रिया जारी है। यह कदम दिव्यांग बच्चों को समान शिक्षा का अवसर प्रदान करने और शिक्षा प्रणाली को और अधिक समावेशी बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है। शिक्षकों की गुणवत्ता को और अधिक सशक्त बनाने के लिए राज्य सरकार ने प्रत्येक वर्ष दो बार प्रशिक्षण देने का निर्णय लिया है। यह प्रशिक्षण शिक्षकों की क्षमता में वृद्धि करेगा और विद्यार्थियों को बेहतर शिक्षा प्राप्त करने में सहायता करेगा। इसके अलावा, इस वर्ष राज्य के 29,000 मिडिल स्कूलों (कक्षा 6-8) में कंप्यूटर डेस्कटॉप देने की घोषणा भी की गई है। इससे छात्रों को डिजिटल शिक्षा से जोड़ा जाएगा और उन्हें आधुनिक तकनीक का लाभ मिलेगा। साथ ही, स्मार्ट क्लासेज और कंप्यूटर लैब की संख्या भी बढ़ाई जाएगी, जिससे छात्रों को उन्नत शिक्षण प्रणाली का लाभ प्राप्त हो सकेगा। ग्रीष्मकालीन कक्षाओं को बंद करने का निर्णय शिक्षा विभाग द्वारा लिया गया है, जिससे छात्रों को गर्मी के मौसम में अतिरिक्त कक्षाओं से राहत मिलेगी। राज्य सरकार ने यह भी घोषणा की है कि 358 प्रखंडों में नए डिग्री कॉलेज खोले जाएंगे, जिससे उच्च शिक्षा को अधिक सुलभ और व्यापक बनाया जा सके। वर्तमान में बिहार में 15 सरकारी और 8 निजी विश्वविद्यालय संचालित हैं, जिनकी सहायता से राज्य में उच्च शिक्षा का विस्तार हो रहा है। बिहार में कक्षा 1 से 12 तक के कुल 82,213 स्कूल हैं, जिनमें लगभग 5,13,800 शिक्षक कार्यरत हैं। राज्य की कुल साक्षरता दर 80% है, जबकि महिला साक्षरता दर 74% दर्ज की गई है। सरकार ने शिक्षा बजट के रूप में 60,965 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं, जिससे शिक्षा व्यवस्था को और अधिक सुदृढ़ बनाया जा सकेगा। इसके अतिरिक्त, किराए के भवनों में संचालित 12 केंद्रीय विद्यालयों को राज्य सरकार मुफ्त में भूमि उपलब्ध कराएगी, जिससे इन विद्यालयों की स्थिति को स्थायी रूप से सुधारने में सहायता मिलेगी। वर्तमान में बिहार में कुल 50 केंद्रीय विद्यालय कार्यरत हैं, जो छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान कर रहे हैं। बिहार सरकार की बालिका साइकिल योजना को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी सराहना मिली है। अमेरिका के शिक्षाविदों ने इस योजना का अध्ययन कर इसकी रिपोर्ट संयुक्त राष्ट्र को सौंपी है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि यह योजना बालिकाओं की शिक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। स्कूलों के रखरखाव और आधारभूत सुविधाओं को बेहतर बनाने के लिए प्रधानाध्यापकों को 50,000 रुपये प्रदान किए जाएंगे। इसके साथ ही, 160 विधायकों की अनुशंसा पर 563 स्कूलों का जीर्णोद्धार भी पूरा किया जा चुका है। कॉलेजों में प्रोफेशनल पाठ्यक्रमों की संख्या बढ़ाने पर भी जोर दिया जा रहा है, ताकि छात्रों को नौकरीपरक शिक्षा प्रदान की जा सके। यह कदम बिहार के छात्रों को रोजगारोन्मुखी शिक्षा उपलब्ध कराने की दिशा में महत्वपूर्ण साबित होगा। इस प्रकार, बिहार सरकार की यह नई पहल राज्य की शिक्षा व्यवस्था को और अधिक समृद्ध और प्रभावी बनाएगी। शिक्षकों की नियुक्ति, डिजिटल शिक्षा का विस्तार, नए कॉलेजों की स्थापना और स्कूलों के विकास के लिए किए गए इन प्रयासों से निश्चित रूप से बिहार की शिक्षा प्रणाली को मजबूती मिलेगी और विद्यार्थियों को एक उज्जवल भविष्य की ओर अग्रसर किया जा सकेगा।

 

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