बिहार को अब तक 44 लाख 10 हजार 925 इंदिरा आवास का हुआ आवंटन, इस साल 11.49 लाख को मिलेगा लाभ

पटना। केंद्र सरकार ने राज्य में प्रधानमंत्री आवास योजना (इंदिरा आवास योजना) के लिए इस साल के कोटा में वृद्धि की है। वित्तीय वर्ष 2021-2022 में 11 लाख 49 हजार 947 आवासों की स्वीकृति दी है। आवास का आवंटन बीपीएल सूची के आधार पर नहीं, बल्कि लाभार्थियों का चयन सामाजिक, आर्थिक एवं जातीय जनगणना 2011 के आंकड़ों के आधार पर किया गया है।
ग्रामीण विकास विभाग के मुताबिक, बिहार में अब तक 44 लाख परिवारों को इंदिरा आवास का लाभ मिल चुका है। केंद्र सरकार ने बिहार को यूपी जैसे बड़े राज्य से करीब 3 गुणा ज्यादा आवास आवंटित किया है। उत्तर प्रदेश को 4 लाख 33 हजार आवास का आवंटन किया गया है।
ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार के अनुसार, प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के तहत बनाए गए स्थायी प्रतीक्षा सूची के सभी परिवारों को बिहार में आवास उपलब्ध कराया जा चुका है। लेकिन सर्वेक्षण में 32 लाख 57 हजार 990 ऐसे परिवार पाए गए थे, जिनका नाम स्थायी प्रतीक्षा सूची में अंकित नहीं था। ऐसे परिवारों की सूची करीब 3 वर्ष पूर्व केंद्र सरकार को आवास एप प्लस पर भेजी गई थी। इसमें से 30 लाख 81 हजार 494 परिवार योग्य पाए गए। इनमें से 11 लाख 49 हजार 947 की स्वीकृति मिली है।
प्रधानमंत्री आवास योजना 2016-17 से शुरू हुई
प्रधानमंत्री आवास योजना 2016-17 से शुरू हुई थी। इसमें बिहार को अब तक कुल 44 लाख 10 हजार 925 आवास का आवंटन हो चुका है। 2016-17 एवं 2017-18 के लिए समेकित रूप से 11 लाख 76 हजार 947 आवास स्वीकृत हुए थे। 2018-19 में आवास का आवंटन ही नहीं हुआ। 2019-20 में 13 लाख 2 हजार 259 आवास स्वीकृत हुए। 2020-21 में 7 लाख 82 हजार 102 आवास स्वीकृत हुए और 2021-22 में 11 लाख 49 हजार 947 आवास स्वीकृत हुए।
घर बनाने के लिए मिलते हैं 1.20 लाख रुपए
योजना के तहत सामान्य जिलों के लाभार्थियों को 1.20 लाख रुपए दिए जाते हैं। साथ ही मनरेगा योजना के तहत 90 दिनों की मजदूरी दी जाती है। नक्सलग्रस्त 11 जिलों के लाभार्थियों को प्रति आवास 1.30 लाख रुपए दिए जाते हैं। नक्सलग्रस्त 11 जिलों में गया, जहानाबाद, अरवल, नवादा, औरंगाबाद, कैमूर, रोहतास, जमुई, मुंगेर, पश्चिम चंपारण और सीतामढ़ी शामिल हैं।

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