PATNA : राजधानी में 3500 के पार पहुंचा डेंगू का आंकड़ा, 3 गुना बढ़ी प्लेटलेट्स की मांग

पटना। राजधानी में बढ़ रहे डेंगू मरीजों की संख्या के साथ अब प्लेटलेट्स की मांग बढ़ गयी है। यहां प्रतिदिन करीब 120 से 150 यूनिट प्लेटलेट्स की खपत हो रही है। ऐसे में अब ब्लड डोनर्स भी नहीं मिल रहे है। इस वजह से मरीजों के परिजनों को दूसरे जगहों से प्लेटलेट्स की व्यवस्था करनी पड़ रही है।
पटना में 6 ब्लड बैंक
पटना में PMCH, NMCH, पटना एम्स और IGIMS मेडिकल कॉलेज अस्पताल के साथ-साथ जयप्रभा ब्लड बैंक व रेड क्रॉस ब्लड बैंक शामिल हैं। PMCH व पटना एम्स की बात करें तो यहां हर रोज करीब 30 यूनिट की मांग आ रही है। यही हाल IGIMS व NMCH मेडिकल कॉलेज का है। वहीं प्राइवेट ब्लड बैंकों में भी प्लेटलेट्स की मांग बढ़ी है। इससे मरीज परेशान हो रहे हैं।
पटना में 3500 पहुंचा डेंगू का आंकड़ा
वहीँ स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट में बुधवार को डेंगू का आंकड़ा 3311 दर्ज किया गया। जो पार करते हुए करीब 3500 के करीब पहुंच गया है। लेकिन प्राइवेट अस्पतालों की बात करें तो डेंगू के संदिग्ध मरीजों की संख्या इससे कई गुणा अधिक बतायी जाती है। बता दे की पीएमसीएच व एनएमसीएच में डेंगू के मरीजों के लिए अलग से वार्ड बनाएं गये हैं। दोनों अस्पताल मिलाकर कुल 85 से अधिक डेंगू के मरीज भर्ती किये गये हैं। हालांकि स्वास्थ्य विभाग व अस्पताल प्रशासन की ओर से डेंगू वार्ड व डेंगू के मरीजों पर पूरा ध्यान दे रहा है। विशेषज्ञ डॉक्टर संभावना जता रहे हैं कि प्लेटलेट्स की मांग और बढ़ सकती है। एम्स में रोज 12 से 15 एसडीपी दान हो रहे हैं।
3 गुना तक बढ़ी प्लेटलेट्स की मांग
राजधानी पटना में तेजी से बढ़ रहे डेंगू के मामलों के बीच एम्स के ब्लड बैंक में प्लेटलेट्स की मांग 3 गुना तक बढ़ गयी है। डेंगू के सीजन से पहले यहां रोजाना 4 से 5 सिंगल डोनर प्लेटलेट्स दान कर मरीजों के लिए दिये जाते थे। इनमें अधिकतर मरीज हेमेटोलॉजी विभाग या कैंसर से पीड़ित होते थे जिन्हें प्लेटलेट्स चढ़ाने की जरूरत होती थी। जानकारी के अनुसार अब पिछले 15 दिनों में 15 से अधिक सिंगल डोनर प्लेटलेट्स दान किये जा रहे हैं। इनमें आधी मांग डेंगू के मरीजों को प्लेटलेट्स चढ़ाने के लिए है।
रिस्क नहीं लेना चाहते प्राइवेट डॉक्टर
वही प्राइवेट अस्पताल में दाखिल संदिग्ध डेंगू मरीजों की 30-20 हजार प्लेटलेट्स होने पर भी प्लेटलेट्स चढ़ाई जा रही है। इसका कारण है कि प्राइवेट अस्पताल के डॉक्टर किसी प्रकार का रिस्क नहीं लेना चाहते तो वहीं कुछ डॉक्टर परिजनों के दबाव में भी आ जाते हैं। इस कारण प्लेटलेट्स चढ़ा रहे हैं। सिविल सर्जन डॉ. केके राय ने बताया कि विभाग की गाइड लाइन के अनुसार मरीज के रक्त में जब 10 हजार या इससे कम प्लेटलेट्स रह जाती है तो तभी प्लेटलेट्स चढ़ाने के आदेश है लेकिन मौजूदा हालात में प्राइवेट अस्पतालों में 30 हजार प्लेटलेट्स पर भी प्लेटलेट्स चढ़ाई जा रही है। इस कारण प्लेटलेट्स की मांग बढ़ती जा रही है। रक्तदाता की भी कमी पड़ रही है। लोगों को चाहिए कि वह बढ़कर चढ़कर रक्त दान करें।
