नीतीश कैबिनेट की बैठक में 27 एजेंडों पर मुहर: मंत्रियों के वेतन में बढ़ोतरी को मंजूरी, 27330 पदों पर होगी बहाली

पटना। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में मंगलवार को कैबिनेट की बैठक हुई। मुख्य सचिवालय में हुई इस कैबिनेट बैठक में नीतीश मंत्रिमंडल के अधिकांश मंत्री मौजूद रहे। विधानमंडल के सम्पन्न हुए बजट सत्र के बाद नीतीश मंत्रिमंडल की यह पहली कैबिनेट बैठक रही। इस दौरान जिन एजेंडों पर मुहर लगी उससे राज्य के कई विभागों को लेकर महत्वपूर्ण योजनाओं और प्रस्तावों को मंजूरी दी गई। कैबिनेट बैठक में कुल 27 एजेंडों पर मुहर लगी है। सरकार ने कृषि, नगर विकास एवं आवास, मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग, राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग, सामान्य प्रशासन विभाग, शिक्षा विभाग, स्वास्थ्य विभाग, वित्त विभाग, खान एवं भूतत्व विभाग, मंत्रिमंडल सचिवालय विभाग और उद्योग विभाग के 27 अहम प्रस्तावों पर अपनी मंजूरी दे दी है।
सरकार के मंत्रियों के वेतन में बढ़ोतरी को मंजूरी
बिहार सरकार ने अपने मंत्रियों के वेतन और भत्तों में बड़ी बढ़ोतरी करने का निर्णय लिया है। मंगलवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में इस प्रस्ताव को स्वीकृति दी गई। इस संशोधन के तहत राज्य मंत्रियों और उप मंत्रियों को अब पहले से अधिक वेतन और भत्ते मिलेंगे। सरकार का कहना है कि समय के साथ बदलती जरूरतों और महंगाई को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है।
मंत्रियों का वेतन और भत्तों में बदलाव
कैबिनेट के फैसले के अनुसार अब बिहार के मंत्रियों का मासिक वेतन 50000 रुपये से बढ़ाकर 65000 रुपये कर दिया गया है। इसके साथ ही क्षेत्रीय भत्ते में भी संशोधन करते हुए इसे 55000 रुपये से बढ़ाकर 70000 रुपये कर दिया गया है। दैनिक भत्ता, जो पहले 3000 रुपये था, अब बढ़कर 3500 रुपये कर दिया गया है। इस बढ़ोतरी से मंत्रियों के दैनिक कार्यों और दौरे के दौरान होने वाले खर्चों को बेहतर तरीके से कवर किया जा सकेगा।
आतिथ्य भत्ते में भी वृद्धि
मंत्रियों के आतिथ्य भत्ते में भी उल्लेखनीय वृद्धि की गई है। पहले मंत्रियों को 24000 रुपये आतिथ्य भत्ता मिलता था, जिसे अब बढ़ाकर 29500 रुपये कर दिया गया है। इसी तरह उप मंत्रियों के आतिथ्य भत्ते को भी 23500 रुपये से बढ़ाकर 29000 रुपये कर दिया गया है। यह भत्ता मुख्य रूप से मंत्रियों द्वारा आयोजित विभिन्न सरकारी और सामाजिक कार्यक्रमों में मेहमानों के स्वागत-सत्कार के खर्चों के लिए होता है।
यात्रा भत्ते में संशोधन
सरकारी ड्यूटी पर यात्रा करने के दौरान मंत्रियों को दी जाने वाली यात्रा भत्ते की दरों में भी बदलाव किया गया है। पहले यह दर 15 रुपये प्रति किलोमीटर थी, जिसे अब बढ़ाकर 25 रुपये प्रति किलोमीटर कर दिया गया है। इससे मंत्रियों को अपने दौरे और कार्यक्रमों के दौरान होने वाले यात्रा खर्चों को बेहतर तरीके से पूरा करने में मदद मिलेगी।
निर्णय के पीछे सरकार का तर्क
सरकार का मानना है कि मौजूदा आर्थिक परिस्थितियों और बढ़ती महंगाई को देखते हुए मंत्रियों के वेतन और भत्तों में संशोधन आवश्यक था। इससे न केवल मंत्रियों को कार्य करने में सुविधा होगी, बल्कि उनके पद की गरिमा भी बनी रहेगी। यह निर्णय सरकार के प्रशासनिक सुधारों और मंत्रियों के कार्य प्रदर्शन को और अधिक प्रभावी बनाने की दिशा में एक अहम कदम माना जा रहा है।
विभिन्न विभागों में 27330 पदों पर होगी बहाली
बिहार सरकार ने एक बड़ा फैसला लेते हुए राज्य के विभिन्न विभागों में 27330 पदों पर बहाली करने का निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में आयोजित कैबिनेट बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। इस निर्णय के तहत न केवल नए पदों का सृजन किया जाएगा, बल्कि बहाली की प्रक्रिया भी तेजी से शुरू की जाएगी। सरकार के इस कदम से राज्य के युवाओं के बीच नई ऊर्जा का संचार हुआ है।
नए पदों का सृजन और बहाली का निर्णय
कैबिनेट बैठक में लिए गए निर्णय के अनुसार, विभिन्न विभागों में कार्यभार बढ़ने और कुशल संचालन के लिए नए पदों का सृजन किया जाएगा। इसके साथ ही पहले से रिक्त पड़े पदों को भी भरा जाएगा। इस बहाली प्रक्रिया से शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, राजस्व जैसे प्रमुख विभागों को बल मिलेगा और राज्य की प्रशासनिक क्षमता में भी इजाफा होगा। इससे सरकारी सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार की भी उम्मीद की जा रही है।
युवाओं में बढ़ा उत्साह
सरकार के इस फैसले के बाद राज्य के युवाओं में भारी उत्साह देखा जा रहा है। लंबे समय से सरकारी नौकरी की प्रतीक्षा कर रहे अभ्यर्थियों के लिए यह एक सुनहरा अवसर है। रोजगार की नई संभावनाओं के खुलने से न केवल बेरोजगारी की समस्या में कमी आएगी, बल्कि युवा वर्ग का सरकार के प्रति विश्वास भी मजबूत होगा। सरकार द्वारा जल्द ही इन पदों के लिए बहाली प्रक्रिया शुरू किए जाने की संभावना है, जिससे युवाओं को जल्द रोजगार के अवसर मिल सकेंगे।
आगामी चुनावों पर नजर
विशेषज्ञों का मानना है कि सरकार का यह फैसला आगामी विधानसभा चुनावों को ध्यान में रखते हुए लिया गया है। रोजगार के अवसर बढ़ाकर सरकार युवा मतदाताओं को साधने का प्रयास कर रही है। राज्य सरकार जानती है कि रोजगार एक ऐसा मुद्दा है, जो चुनाव परिणामों पर गहरा प्रभाव डाल सकता है। इसलिए बहाली प्रक्रिया को तेज करने के निर्देश भी जारी किए गए हैं ताकि इसका सकारात्मक संदेश जनता तक पहुंचे।
सरकार का विकासोन्मुखी दृष्टिकोण
27330 पदों पर बहाली का यह निर्णय सरकार के विकासोन्मुखी दृष्टिकोण को भी दर्शाता है। राज्य सरकार न केवल प्रशासनिक मजबूती पर ध्यान दे रही है, बल्कि युवाओं के भविष्य को भी सुरक्षित करने की दिशा में काम कर रही है। इससे आने वाले समय में प्रदेश के आर्थिक और सामाजिक विकास को भी गति मिलने की उम्मीद है।
कृषि विभाग में 2590 लिपिक पदों पर नियुक्ति को मिली मंजूरी
बिहार सरकार ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए प्रदेश के कृषि विभाग में 2590 नए लिपिक पदों के सृजन को स्वीकृति दे दी है। मंगलवार को पटना में हुई कैबिनेट की बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान की गई। सरकार के इस फैसले के बाद जल्द ही इन पदों पर बहाली की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। इससे प्रदेश के युवाओं को सरकारी नौकरी पाने का एक नया अवसर मिलेगा और सरकारी तंत्र में कामकाज को भी गति मिलेगी।
रोजगार पर बढ़ता सरकार का फोकस
ऐसा माना जा रहा है कि आगामी विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए बिहार सरकार ने रोजगार के अवसर बढ़ाने की दिशा में कदम तेज कर दिए हैं। सरकार युवाओं को अपनी ओर आकर्षित करने के लिए विभिन्न विभागों में नई नियुक्तियों की प्रक्रिया को आगे बढ़ा रही है। इससे एक ओर जहां बेरोजगारी की समस्या को कम करने में मदद मिलेगी, वहीं दूसरी ओर सरकार के प्रति युवाओं का विश्वास भी बढ़ेगा।
जल्द शुरू होगी बहाली प्रक्रिया
कैबिनेट बैठक में लिए गए इस निर्णय के अनुसार, नियुक्ति प्रक्रिया को शीघ्र शुरू करने के निर्देश दिए गए हैं। कृषि विभाग में इन नए लिपिकों की बहाली से विभागीय कार्यों में तेजी आएगी और किसानों को भी बेहतर सेवाएं मिल सकेंगी। सरकार का यह कदम प्रदेश में रोजगार सृजन के साथ-साथ प्रशासनिक व्यवस्था को मजबूत बनाने की दिशा में एक सकारात्मक पहल माना जा रहा है।
मुजफ्फरपुर के कार्यपालक पदाधिकारी पद से किए गए बर्खास्त
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में नगर विकास एवं आवास विभाग से जुड़ा एक बड़ा फैसला लिया गया। इस बैठक में मुजफ्फरपुर जिले के तत्कालीन नगर कार्यपालक पदाधिकारी सुधीर कुमार को उनके पद से बर्खास्त करने की मंजूरी दी गई। सुधीर कुमार नगर परिषद, नरकटियागंज में कार्यरत थे और उनके खिलाफ गंभीर अनियमितताओं के आरोप सामने आए थे।
विभागीय जांच के बाद हुई कार्रवाई
बताया जा रहा है कि सुधीर कुमार पर कार्यकाल के दौरान वित्तीय और प्रशासनिक अनियमितताओं के आरोप लगे थे। मामले की जांच के बाद सरकार ने उनके खिलाफ कठोर कदम उठाते हुए उन्हें पद से हटाने का निर्णय लिया। विभागीय जांच में दोषी पाए जाने के बाद यह कार्रवाई की गई, जिससे स्पष्ट संकेत मिलता है कि सरकार किसी भी स्तर पर भ्रष्टाचार और लापरवाही को बर्दाश्त नहीं करेगी।
सुशासन के प्रति सरकार का संदेश
सुधीर कुमार को बर्खास्त करने के फैसले से सरकार ने यह स्पष्ट कर दिया है कि पारदर्शिता और जवाबदेही उसकी प्राथमिकता में है। यह कदम राज्य में सुशासन को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण संदेश देता है। सरकार का मानना है कि प्रशासनिक पदों पर बैठे अधिकारियों से ईमानदारी और कर्तव्यनिष्ठा की अपेक्षा की जाती है और किसी भी तरह की अनियमितता के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई जाएगी।
आगे की प्रक्रिया
बर्खास्तगी के बाद अब विभागीय स्तर पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। यदि आवश्यक हुआ तो कानूनी प्रक्रिया भी अपनाई जा सकती है। सरकार के इस फैसले से अन्य अधिकारियों को भी अपने कार्यों के प्रति सजग रहने का संदेश मिला है, ताकि वे जनता की सेवा में ईमानदारी और निष्ठा बनाए रखें।
बजट सत्र के दौरान हुई थी बैठक
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार 3 सप्ताह बाद कैबिनेट की बैठक की। बैठक को लेकर संबंधित विभागों को तैयारी करने के लिए लेटर जारी किया गया था। इससे पहले विधानसभा बजट सत्र जब चल रहा था उसी समय मुख्यमंत्री ने कैबिनेट की बैठक की थी।
पिछली बैठक में मंजूर एजेंडा
पिछली बैठक में राजगीर में पुरुष हॉकी आयोजित करने के प्रस्ताव भी स्वीकृति किए गए थे। इसके लिए 24 करोड़ की राशि की मंजूरी की गयी थी। पुरुष हॉकी के साथ ही राजगीर में ही रग्बी खेल प्रतियोगिता आयोजित करने की भी स्वीकृति दी गयी थी।
