बिहार प्रशासनिक सेवा के 13 अधिकारियों को चुनाव आयोग ने बनाया ऑब्जर्वर, हरियाणा और कश्मीर के मतगणना में देंगे सेवाएं
पटना। बिहार प्रशासनिक सेवा के 13 अधिकारियों को चुनाव आयोग ने हरियाणा और जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव में मतगणना प्रेक्षक के रूप में नियुक्त किया है। ये अधिकारी इन चुनावों में मतगणना प्रेषक का महत्वपूर्ण दायित्व संभालेंगे, जिससे चुनावी प्रक्रिया की पारदर्शिता और निष्पक्षता सुनिश्चित होगी। चुनाव आयोग ने निर्देश दिया है कि सभी अधिकारी 6 अक्टूबर तक आवंटित चुनाव क्षेत्रों में पहुंच जाएं। इस संदर्भ में सामान्य प्रशासन विभाग ने इन अधिकारियों को उनके दायित्व से संबंधित जानकारी भी भेजी है।
चुनाव आयोग की महत्वपूर्ण नियुक्ति
चुनाव आयोग की तरफ से इस नियुक्ति का उद्देश्य चुनाव प्रक्रिया को निष्पक्ष, पारदर्शी और सुचारू बनाना है। चुनाव आयोग की ओर से इन अधिकारियों की नियुक्ति यह दर्शाती है कि प्रशासनिक स्तर पर विश्वास और कार्यकुशलता के साथ ही निष्पक्षता भी आवश्यक है। इन अधिकारियों को मतगणना के समय पारदर्शिता बनाए रखने और चुनाव आयोग के नियमों के अनुपालन को सुनिश्चित करने का दायित्व सौंपा गया है। मतगणना प्रेक्षक का कार्य चुनावी प्रक्रिया में बेहद महत्वपूर्ण होता है। उनका मुख्य कार्य मतगणना केंद्रों पर मतों की गिनती प्रक्रिया की निगरानी करना, किसी भी अनियमितता की जांच करना और हर कदम पर यह सुनिश्चित करना होता है कि सभी पक्षों को निष्पक्षता से प्रतिनिधित्व मिले। इस बार हरियाणा और जम्मू-कश्मीर के विधानसभा चुनाव में बिहार प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों को इस दायित्व के लिए चुना गया है, जो उनकी प्रशासनिक क्षमता और योग्यता को दर्शाता है।
चुनाव में मतगणना प्रेक्षक की भूमिका और महत्व
मतगणना प्रेक्षक का कार्य चुनावी प्रक्रिया में अत्यधिक महत्वपूर्ण होता है। वे चुनाव आयोग की ओर से प्रतिनिधि होते हैं और चुनावी प्रक्रिया को निष्पक्ष और पारदर्शी बनाए रखने के लिए जिम्मेदार होते हैं। उनके द्वारा दी जाने वाली रिपोर्ट चुनाव आयोग को यह सुनिश्चित करने में मदद करती है कि मतगणना में किसी प्रकार की धोखाधड़ी या अनियमितता न हो। इस नियुक्ति से चुनाव आयोग का मकसद यह है कि चुनाव की प्रक्रिया में पूरी पारदर्शिता बनी रहे और सभी उम्मीदवारों को समान अवसर मिल सके। इन अधिकारियों को नियुक्ति के तहत मतगणना प्रक्रिया की देखरेख करनी है और मतगणना के समय किसी भी प्रकार की असमानता या समस्या को तत्काल हल करना है। उनकी जिम्मेदारी है कि सभी मतों की गणना सही तरीके से हो और इसमें कोई अनियमितता न हो। बिहार प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों को चुनाव में यह महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपना उनकी प्रशासनिक दक्षता, ईमानदारी और कर्तव्यनिष्ठा को दर्शाता है। यह भी स्पष्ट होता है कि वे किसी भी प्रकार के दबाव या प्रभाव से मुक्त होकर अपने दायित्वों का निर्वहन करेंगे। इसके अलावा, चुनावी प्रक्रिया में यह सुनिश्चित किया जाएगा कि न केवल मतदाता, बल्कि उम्मीदवारों को भी सही और निष्पक्ष तरीके से प्रतिनिधित्व मिले।
चुनाव आयोग के निर्देश और तैयारी
चुनाव आयोग ने निर्देश दिया है कि सभी प्रेक्षक 6 अक्टूबर तक अपने आवंटित क्षेत्रों में पहुंच जाएं। यह सुनिश्चित करने के लिए कि सभी अधिकारी समय पर अपने क्षेत्र में उपस्थित हों, प्रशासनिक विभाग ने पूरी तैयारी की है। इससे यह स्पष्ट होता है कि आयोग चुनावी प्रक्रिया को पूरी तरह से सुचारू और निष्पक्ष बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। प्रेक्षक के रूप में नियुक्त अधिकारी अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन करते समय चुनावी आचार संहिता का पालन करेंगे और सुनिश्चित करेंगे कि सभी पक्षों को निष्पक्षता से अवसर मिले। इन अधिकारियों का दायित्व न केवल मतगणना प्रक्रिया की निगरानी करना है, बल्कि किसी भी प्रकार की अनियमितता की स्थिति में तुरंत कार्रवाई भी करना है। बिहार प्रशासनिक सेवा के 13 अधिकारियों को हरियाणा और जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव में मतगणना प्रेक्षक के रूप में नियुक्त किया जाना राज्य के प्रशासनिक तंत्र के लिए गर्व की बात है। इससे चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता और निष्पक्षता को बढ़ावा मिलेगा। यह नियुक्ति इस बात का भी प्रमाण है कि बिहार के प्रशासनिक अधिकारी न केवल राज्य में बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर भी अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाने में सक्षम हैं। प्रेक्षक के रूप में इन अधिकारियों की नियुक्ति से चुनावी प्रक्रिया को निष्पक्ष और सुचारू बनाने में मदद मिलेगी, जिससे मतदाताओं का विश्वास बढ़ेगा और लोकतंत्र को मजबूती मिलेगी। चुनाव आयोग की यह पहल चुनावी प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी और विश्वसनीय बनाने की दिशा में एक सकारात्मक कदम है।
जिन 13 अधिकारियों को हरियाणा और जम्मू-कश्मीर में मतगणना प्रेक्षक के रूप में नियुक्त किया गया है, उनमें से प्रत्येक का प्रशासनिक क्षेत्र में विशेष अनुभव है। ये अधिकारी निम्नलिखित हैं:
उपेंद्र प्रसाद: जहानाबाद के बंदोबस्त पदाधिकारी के रूप में कार्यरत।
अमित कुमार: बिहार तकनीकी सेवा आयोग में संयुक्त सचिव।
मुमताज आलम: अनुसूचित जनजाति कल्याण विभाग में संयुक्त सचिव।
सुशांत कुमार: लघु जल संसाधन विभाग में संयुक्त सचिव।
मदन कुमार: कृषि विभाग में संयुक्त सचिव।
डॉ. गगन: भंडार निगम के प्रबंध निदेशक।
फातेह फैयाज: ग्रामीण कार्य विभाग में संयुक्त सचिव।
इजतबा हुसैन: वित्त विभाग में संयुक्त सचिव।
अनिल कुमार: उद्योग विभाग में संयुक्त सचिव।
मनोज कुमार: कृषि विभाग में संयुक्त सचिव।
रमाशंकर: निगरानी विभाग में संयुक्त सचिव।
कृत्यानंद रंजन: परिवहन विभाग में संयुक्त सचिव।
रवीश किशोर: योजना एवं विकास विभाग में संयुक्त सचिव।