दसवीं फेल तेजस्वी मुख्यमंत्री बनने का सपना देख रहे और बिहार के पढ़े-लिखे युवा दर-बदर की ठोकरें खाने को मजबूर है : प्रशांत किशोर
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पटना। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने स्वास्थ्य मंत्री और लालू प्रसाद यादव के छोटे बेटे तेजस्वी यादव को अपना राजनीतिक वारिस घोषित किया है तब से विपक्ष में खलबली मच गई है। इसी कड़ी में चुनावी रणनीतिकार से राजनेता बने प्रशांत किशोर ने तेजस्वी यादव की योग्यता पर सवाल खड़े किए हैं। प्रशांत किशोर ने मंगलवार को कहा कि यहां पढ़े-लिखे लोग रोजगार के लिए दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं और बिहार में दसवीं पास नहीं करने वाले, नेताओं के बच्चे मुख्यमंत्री बनने का सपना देख रहे हैं। बुधवार को ट्वीट करते हुए प्रशांत किशोर ने लिखा कि 10 लाख सरकारी नौकरियों का झूठा वादा करने वाली सरकार टीईटी और सीटीईटी पास कर बेरोजगार बैठे लोगों पर लाठियां चलवा रही है। बिहार में दसवीं पास नहीं करने वाले नेताओं के बच्चे सीएम बनने का सपना देख रहे हैं और सामान्य परिवार के पढ़े लिखे लोग नौकरी और रोजगार के लिए दर-दर की ठोकर खा रहे हैं।
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बता दें कि अपने पदयात्रा के दौरान प्रशांत किशोर कई बार बिहार सरकार पर बेरोजगारी, अपराध समेत कई मुद्दे पर हमला करते हैं। नीतीश कुमार की विफलताओं को गिनवाते हैं। साथ ही लालू परिवार को लेकर भी कई वार करते हैं। इससे पहले प्रशांत किशोर ने बिहार की जनता के बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के प्रति नाराजगी को लेकर भी तंज कसा था। उन्होंने कहा कि बिहार की जनता का सीएम से भरोसा इस कदर उठ गया है कि नीतीश कुमार बिना सुरक्षा गार्ड के किसी गांव में प्रवेश तक नहीं कर सकते। कुढ़नी विधानसभा उपचुनाव में मिली हार नीतीश कुमार के प्रति जनता में खत्म हो चुके विश्वास का ही नतीजा है।