हिंसा में मारे गए लोगों के परिजनों को सांत्वना देने मेरठ आ रहे राहुल व प्रियंका वाड्रा को पुलिस ने वापस लौटाया
CENTRAL DESK : नागरिकता संशोधन कानून के विरोध को लेकर हुई हिंसा में मारे गए लोगों के परिजनों को सांत्वना देने बिजनौर के बाद मेरठ आ रहे कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका वाड्रा और राहुल गांधी को पुलिस ने परतापुर पर रोका और वापस लौटा दिया। पुलिस-प्रशासन राहुल गांधी व प्रियंका वाड्रा को मेरठ सीमा पर मोहिउददीनपुर के पास ही रोकने की तैयारी में था। इसलिए खरखौदा की तरफ से आने पर भी उन्हें रोकने के लिए पुलिस बल तैनात थी। लेकिन जैसे ही पुलिस ने मोहिउददीनपुर के पास राहुल प्रियंका की गाड़ी को रोकने का प्रयास किया, काफिले में मौजूद सुरक्षाकर्मियों की गाड़ी ने सीओ और पुलिसकर्मियों को धक्का देकर आगे निकल गए। सीओ का कहना है कि वे बातचीत के लिए उन्हें रोकने का प्रयास कर रहे थे लेकिन ऐसा लगा कि गाड़ी उन्हें टक्कर मार देगी। इसके बाद वे आगे निकल गए। इसके बाद पुलिस ने उन्हें परतापुर में रोका और दिल्ली वापस लौटाया। कांग्रेसियों ने इस घटना की कड़ी निंदा की। इमरान मसूद ने कहा कि हम हंगामा खड़ा करने नहीं आए थे। पीड़ितों को न्याय दिलाने और दर्द बांटने आए थे। दो दिन बाद राहुल गांधी और प्रियंका वाड्रा दोबारा आएंगे। परतापुर पर रोके जाने के बाद परिजनों से प्रियंका ने फोन पर बात की है। उधर खत्ता रोड पर राहुल व प्रियंका वाड्रा के इंतजार में मृतक मोहसिन के घर के बाहर लोग जमा हो गए थे और बेसब्री से राहुल व प्रियंका का इंतजार कर रहे थे।