December 22, 2024

हजारों प्रवासी मजदूरों को लेकर बिहार पहुंची दर्जनों ट्रेनें, चहक उठे चेहरे

पटना। लॉकडाउन में देश के विभिन्न राज्यों में फंसे प्रवासी मजदूर व छात्र दिल्ली से दरभंगा, चंडीगढ़ से पूर्णिया, सूरत से सिवान, बेंगलुरु और दिल्ली से बरौनी, तेलंगाना के बीवीनगर स्टेशन से सीतामढ़ी, दिल्ली से भागलपुर, सूरत से औरंगाबाद, जालंधर से औरंगाबाद, हरियाणा के भिवानी और गुरुग्राम से हजारों की संख्या में श्रमिक स्पेशल ट्रेनों से बिहार पहुंचे। ट्रेनों से उतरने के बाद बिहार के विभिन्न स्टेशनों पर ही उनकी स्वास्थ्य जांच की गयी। स्क्रीनिंग करने के बाद उन्हें जलपान उपलब्ध कराया गया। वहीं जिला मुख्यालय में उतरे प्रवासियों को प्रखंड क्षेत्र में बने क्वॉरेंटिन सेंटरों पर भेज दिया गया। जबकि आसपास के जिलों में जानेवाले प्रवासियों को बसों से उनके गृह जिले के लिए रवाना किया गया।
लखीसराय, जमुई और नालंदा जिले के साथ-साथ मुंगेर के श्रमिक स्टेशन पर उतरे
प्रवासी मजदूरों को लेकर श्रमिक स्पेशल ट्रेन गुरुवार को पहली बार मुंगेर पहुंची। यह ट्रेन दिल्ली से बरौनी के रास्ते मुंगेर पहुंची। मुंगेर और उसके आसपास के जिलों के मजदूरों के उतरने के बाद ट्रेन को भागलपुर रवाना कर दिया गया। इस ट्रेन में मुंगेर, लखीसराय, जमुई और नालंदा जिले के कुल 204 मजदूर थे। ट्रेन आने के पहले प्रशासन ने पूरे स्टेशन को छावनी में तब्दील कर दिया था। वहीं, मुंगेर जिले के मजदूरों को उनके प्रखंड स्तर पर बनाये गये क्वॉरेंटिन कैंप में भेजा दिया गया। गुरुवार को मुंगेर रेलवे स्टेशन पहुंची श्रमिक स्पेशल ट्रेन में मुंगेर के 173, लखीसराय के 12, जमुई के 12 तथा नालंदा जिले के सात प्रवासी मजदूर थे।
चार श्रमिक स्पेशल ट्रेनें पहुंची सिवान
गुरुवार को करीब 1800 प्रवासी मजदूर सिवान जंक्शन पहुंचे। पहली ट्रेन सुबह 9.45 बजे दिल्ली से दरभंगा जानेवाली आयी। इसमें करीब दो सौ मजदूर सिवान जंक्शन पर उतरे। उसके बाद 10.05 बजे चंडीगढ़ से पूर्णिया जानेवाली श्रमिक स्पेशल ट्रेन सिवान पहुंची। इसमें करीब दो सौ यात्री उतरे, फिर सूरत से सिवान आनेवाली ट्रेन करीब साढ़े 11 घंटे विलंब से 11.30 बजे सिवान पहुंची। इस ट्रेन से करीब 1201 श्रमिक स्टेशन पर उतरे। उसके बाद अपराह्न करीब दो बजे पाटियाला से सहरसा जानेवाली श्रमिक स्पेशल ट्रेन सिवान पहुंची। इस ट्रेन से भी करीब दो सौ मजदूर उतरे। सिवान जंक्शन पर गुरुवार को उतरे 1800 यात्रियों में करीब आठ सौ मजदूर सिवान जिले के, शेष गोपालगंज, मोतिहारी तथा बेतिया जिले के थे। स्टेशन पर मजदूरों के उतरने के बाद मेडिकल टीम ने स्क्रीनिंग की।
बरौनी पहुंची स्पेशल ट्रेन
प्रवासी मजदूरों को स्पेशल ट्रेनों से बरौनी लाने का सिलसिला गुरुवार को भी जारी रहा। गुरुवार को दिल्ली से प्रवासी मजदूरों और छात्र-छात्राओं को लेकर स्पेशल ट्रेन बरौनी पहुंची.। सभी यात्रियों की स्वास्थ्य जांच के बाद विभिन्न जिलों से आयी बसों ने उन्हें उनके गृह जिला भेज दिया गया।
तेलंगाना से आये श्रमिकों ने ट्रेन से उतरते ही चूम ली धरती
दूसरे राज्यों में फंसे 1547 प्रवासी श्रमिकों को लेकर गुरुवार को तेलंगाना के बीवीनगर स्टेशन से छठी स्पेशल ट्रेन सीतामढ़ी पहुंची। इस ट्रेन में सीतामढ़ी के 656 और विभिन्न जिलों के 891 श्रमिक थे। श्रमिकों ने जब बिहार की धरती पर पांव रखा, तो उनके चेहरे चहक उठे। ट्रेन से उतरने के बाद कई श्रमिकों ने बिहार की धरती को चूमा। सभी यात्रियों को सामाजिक दूरी का पालन कराते हुए मेडिकल टीम ने स्क्रीनिंग की। बताया जाता है कि ये श्रमिक तेलंगाना के सिकंदराबाद समेत विभिन्न शहरों में मिठाई बनाने के कारखानों और प्लाईवुड की फैक्टरी में काम करते थे। कई श्रमिकों ने अपने प्रतिष्ठान या फैक्टरी के मालिकों पर बकाया पैसा नहीं देने का आरोप लगाया। डीपीआरओ ने श्रमिकों को बताया कि क्वॉरेंटिन कैंप में मनरेगा से संबंधित जॉब कार्ड बनाया जायेगा। अधिकतर श्रमिकों ने बताया कि जिले में अनुकूल काम मिलता है, तो वे बाहर जाना पसंद नहीं करेंगे।
औरंगाबाद में दो ट्रेनों से 1237 यात्री उतरे
औरंगाबाद जिले के अनुग्रह नारायण स्टेशन पर दो श्रमिक स्पेशल ट्रेन पहुंची। पहली ट्रेन गुरुवार की अहले सुबह और दूसरी ट्रेन दोपहर में आयी। गुरुवार की अहले सुबह ट्रेन सूरत से आयी थी। इस ट्रेन पर औरंगाबाद के 1137 यात्री सवार थे। वहीं दूसरी ट्रेन दोपहर में जालंधर से आयी। इस ट्रेन से 100 यात्री औरंगाबाद उतरे। सभी यात्रियों का डीएम और एसपी सहित अन्य अधिकारियों ने स्वागत किया।
कटिहार में खाने के लिए झपटा-झपटी करने लगे लोग
कटिहार रेलवे स्टेशन पर 04014 श्रमिक एक्सप्रेस ट्रेन पहुंची। मजदूरों को लेकर दिल्ली से चल कर कटिहार होते हुए ट्रेन को पूर्णिया जाना था, लेकिन कटिहार पहुंचने पर जब भूखे-प्यासे यात्रा कर रहे मजदूरों को भोजन और पानी दी गयी, तो वे आपस में ही लड़ने-झगड़ने लगे। हालांकि, सरकार की ओर से सभी के खाना और पानी की व्यवस्था की गयी थी। लेकिन, भूख और प्यास से बेबस-लाचार मजदूर खुद को संयमित नहीं रख पाये।
हरियाणा से प्रवासियों को लेकर अररिया पहुंची ट्रेन
हरियाणा के भिवानी से बिहार के कई जिलों के प्रवासी लोगों को लेकर श्रमिक स्पेशल ट्रेन अररिया पहुंची। डीएम प्रशांत कुमार के निर्देशानुसार सभी प्रवासी लोगों को सोशल डिस्टेंसिंग का अनुपालन कराते हुए स्क्रीनिंग की गयी। इसके बाद सभी लोगों को भोजन एवं पेयजल सुलभ कराया गया। बताया गया कि इस ट्रेन में कुल 1440 प्रवासी अररिया पहुंचे। भोजन करने के बाद प्रवासी लोगों को उनके गृह जिला क्रमश: मधेपुरा, सहरसा, पूर्णिया, कटिहार, सुपौल तथा किशनगंज बस द्वारा रवाना कर दिया गया। वहीं अररिया जिले के करीब 620 प्रवासियों को जांच के बाद संबंधित प्रखंड क्षेत्र के क्वॉरेंटिन सेंटर भेज दिया गया।
मधुबनी में 52 दिनों बाद पटरी पर दौड़ी ट्रेन, करीब 1600 यात्री पहुंचे
हरियाणा के गुरुग्राम में फंसे प्रवासी मजदूरों को लेकर विशेष ट्रेन गुरुवार को 12.20 बजे दोपहर में मधुबनी स्टेशन पहुंची। हालांकि, ट्रेन तय समय से तीन घंटे विलंब से पहुंची। प्लेटफॉर्म पर कदम रखते ही जिला प्रशासन के लोगों ने यात्रियों का गर्मजोशी से स्वागत किया। इस दौरान सोशल डिस्टेसिंग का पूरा ख्याल रखा गया। मालूम हो कि 25 मार्च से लॉकडाउन के बाद यानी 52 दिनों के बाद पटरी पर यात्री ट्रेन दौड़ी। ट्रेन आने के पहले पूरे स्टेशन को सैनिटाइज किया गया था। सोशल डिस्टेसिंग का पालन करते हुए सभी यात्रियों की स्क्रीनिंग की गयी। ट्रेन से करीब एक हजार 600 प्रवासी मजदूर मधुबनी उतरे. इनमें मधुबनी के 668, दरभंगा के 205, मुजफ्फरपुर के 185, सुपौल के 153, सीतामढ़ी के 145, पूर्वी चंपारण के 132 तथा शिवहर के 110 प्रवासी मजदूर शामिल थे। सभी लोगों को संबंधित जिलों की बसों से भेज दिया गया।

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