PATNA : सीता साहू बचा पाएंगी मेयर की कुर्सी, 31 जुलाई को होगा फैसला
पटना। कोरोना संक्रमण के बीच पटना नगर निगम में राजनीतिक दांव पेंच तेज हो गई है। जहां विपक्ष मेयर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की तैयारी तेज कर दी है। वहीं शहर में चर्चा तेज हो चली है कि इस बार सीता साहू मेयर की कुर्सी बचा पाएंगी? खबर है कि पटना नगर निगम की महापौर सीता साहू ने अविश्वास प्रस्ताव पर 31 जुलाई को बैठक बुलाई है। सीता साहू उस दिन पार्षदों का विश्वास मत हासिल करेंगी। अगर उनके पक्ष में 38 पार्षद होते हैं तो कुर्सी जाने का कोई डर नहीं है। अविश्वास प्रस्ताव पर बैठक के लिए बांकीपुर अंचल कार्यालय के सभागार का चयन किया गया है। मेयर सीता साहू ने नगर आयुक्त से सोशल डिस्टेंशिंग के पालन कराने के लिए अन्य जगहों पर भी बैठक कराने की सलाह दी है।
इधर विरोधी गुट का नेतृत्व करने वाले विनय कुमार पप्पू सीता साहू के विरोध में पार्षदों को एकजुट करने में जुट गए हैं। 75 सदस्यीय पटना नगर निगम के 41 पार्षदों के हस्ताक्षर से अविश्वास प्रस्ताव आया है। विनय पप्पू ने दावा किया है कि साहू अविश्वास प्रस्ताव में पराजित हो जाएंगी। उनके हारने के बाद नये महापौर का चयन किया जाएगा। अब बस इंतजार 31 जुलाई का है। जिस दिन यह पता चलेगा कि विरोधी अपना दमखम दिखाने में सफल होते हैं या पिछली बार की तरह फिर वे चारों खाने चित्त होते हैं। चर्चा है कि विरोधी गुट में मेयर की कुर्सी के एक नहीं कई पार्षद दावेदार हैं, जिससे एक नाम को लेकर एकमत दिखायी नहीं पड़ रही है।
गौरतलब है कि इसके पहले महापौर सीता साहू के दो वर्ष के कार्यकाल पूरा करने के बाद विरोधियों ने अविश्वास प्रस्ताव लाया था। 3 जुलाई 2019 को पहला अविश्वास प्रस्ताव की अग्नि परीक्षा में सीता साहू पास होकर विरोधियों पर भारी पड़ी थी। नगर निकाय क्षेत्र में दो साल और उसके बाद एक-एक साल पर अविश्वास प्रस्ताव लाया जा सकता है। यानी पांच साल के कार्यकाल में तीन बार अविश्वास प्रस्ताव लाया जा सकता है।