सीएम नीतीश ने जदयू पदाधिकारियों से जानी जमीनी हकीकत, दिए टास्क
पटना। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कोरोना को लेकर लगाए गए देशव्यापी लॉकडाउन के दौरान उपजे हालात पर जदयू नेताओं से फीडबैक लेकर उन्हें टास्क सौंपी। जदयू नेताओं की लगाई गई पाठशाला में सीएम नीतीश ने जदयू के राज्य कार्यकारिणी के सदस्यों, प्रकोष्ठ अध्यक्षों व पदाधिकारियों के साथ तीन चरणों में वीडियो कांफ्रेंसिंग की। इस दौरान उन्होंने पार्टी नेताओं से जमीनी हकीकत को जाना। मुख्यमंत्री ने कोरोना को लेकर पार्टी के पदाधिकारियों को कई टास्क भी सौंपे और सभी को अलर्ट रहने को कहा। साथ ही मुख्यमंत्री ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के दौरान बताया कि आखिरकार उन्होंने बस की जगह प्रवासी बिहारी कामगारों को ट्रेन से मंगाए जाने का फैसला क्यों लिया। उन्होंने कहा कि बस से मंगाना संभव ही नहीं था।
मुख्यमंत्री ने जदयू पदाधिकारियों को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए कहा कि राशन कार्ड को ले सरकार के स्तर पर हाल ही में जो निर्देश दिया गया है, उनका अनुपालन किस स्तर पर हो रहा है इसकी जानकारी लें। राशन की दुकान से जो अनाज दिया जा रहा है, उसके वजन के बारे में अगर कोई शिकायत मिले तो तुरंत इस बारे में संबंधित पदाधिकारी को जानकारी दें। गरीबों को किसी तरह की शिकायत इस मामले में नहीं होनी चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि राशन कार्ड को लेकर जो सर्वे चल रहा है, उस पर बारिकी से ध्यान रखें ताकि सर्वे में कोई परिवार छूूट न। स्थानीय स्तर पर लोगों से इस बारे में पूछताछ करें कि उनका सर्वे हुआ या नहीं।
मुख्यमंत्री ने पार्टी नेताओं से यह भी पूछा कि उनके इलाके में बिजली की क्या स्थिति है? कितने घंटे बिजली आ रही है? इसके अतिरिक्त कोरोना काल में ग्रामीण क्षेत्रों में शुरू हुई रोजगार योजनाओं की गति का भी फीडबैक लिया। वीडियो कांफ्रेंसिंग के दौरान भवन निर्माण मंत्री अशोक चौधरी व जल संसाधन मंत्री संजय झा भी मौजूद थे।