सीएम नीतीश के गृह जिला से पुष्पम प्रिया ने शुरू किया चुनावी अभियान, राजनीतिक हलकों में हलचल
पटना (संतोष कुमार)। विज्ञापन के माध्यम से बिहार की राजनीति में अचानक धमाका करने वाली जदयू नेता विनोद चौधरी की बेटी व प्लूरल्स पार्टी की अध्यक्ष पुष्पम प्रिया चौधरी बिहार विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुट गई है। वह भी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के गृह जिला नालंदा से चुनाव अभियान का आगाज कर बिहार की राजनीति हलकों में हलचल पैदा कर दी है।
पुष्पम प्रिया चौधरी के सोशल एकाउंट से जारी किए गए एक वीडियो के मुताबिक उन्होंने मुख्यमंत्री के गृह जिले नालंदा से अपने चुनावी अभियान की शुरूआत कर दी है। वीडियो के अनुसार, वह लोगों के घर-घर जाकर उनसे अपनी पार्टी से जुड़ने की अपील कर रही हैं। उनके साथ एक कैमरामैन भी चल रहा है। साथ ही एक घर में दो लाल रंगी की कर्सी, टेबल पर तीन-चार ग्लास रखा हुआ है और एक व्यक्ति कुछ कागज के जरिए उन्हें कुछ बता रहा है। इस दौरान उन्होंने फेसबुक पर भी लाइव किया है। यहीं नहीं उनकी प्लूरल्स पार्टी के प्रचार गाड़ी को पटना की सड़कों पर भी घूमते देखा गया है। पुष्पम प्रिया ने होली के दौरान ‘प्लूरल्स’ नाम से अपनी राजनीतिक पार्टी को लांच किया है और बिहार के विभिन्न समाचार पत्रों में लाखों रूपये का विज्ञापन देकर जब से खुद को सीएम पद का उम्मीदवार बताया है तब से बिहार की राजनीति में भूचाल ला दिया है।
राजनीतिक गलियारे में चर्चा आमो खास है। कई लोग तो सीतामढ़ी की सिंहवाहिनी पंचायत की मुखिया रितु जायसवाल से पुष्पम प्रिया को जोड़ रहे हैं। रितु जायसवाल दिल्ली की रहने वाली हैं और बिहार की बहु हैं, जब से रितु जायसवाल ने सिंहवाहिनी पंचायत की कमान संभाली है, तब से पंचायत की तस्वीर ही बदल गई है। एक महिला होने के नाते रितु जायसवाल का महिला सशक्तिकरण पर काफी जोर रहा है। इस दौरान उन्हें कई पुरस्कारों से सम्मानित भी किया जा चुका है।
वहीं अब दरभंगा की बेटी पुष्पम प्रिया लंदन में शिक्षा ग्रहण करने के बाद अब रितु जायसवाल के नक्शे कदम पर चलते हुए बिहार की तस्वीर बदलना चाहती हैं। बताते चलें कि पुष्पम प्रिया के चाचा अजय चौधरी दरभंगा में जदयू के जिलाध्यक्ष हैं तो वहीं दिवंगत नेता उमाकांत चौधरी उनके दादा जी थे, जिन्हें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का काफी करीबी माना जाता था।
बहरहाल, जिस घर के मुखिया जदयू से जुड़कर समाजसेवा में जुड़े है। ऐसे में पुष्पम प्रिया का बिहार के जदयू-भाजपा की सरकार से मुकाबला करना कहां तक आसान हो पायेगा, भविष्य के गर्त में है।