BIHAR : सीएम नीतीश की पुलिस ने अतिक्रमण हटाने के नाम पर की गुंडई, महिलाओं से की अभद्रता, कौन है जिम्मेवार
कैमूर। बिहार के कैमूर जिले के मोहनिया में अतिक्रमण हटाने के नाम पर सीएम नीतीश की पुलिस की गुंडई और बर्बरता बीच बाजार देखने को मिला। मोहनिया के स्टूवरगंज में मोहनिया एसडीएम अमरीशा बैंस, डीएसपी रघुनाथ सिंह और थाना प्रभारी सहित दर्जनों पुलिस और नगर पंचायत की टीम अतिक्रमण हटाने के लिए स्टूवरगंज गई। जहां छठ पूजा को लेकर मोहनिया के स्टूवरगंज में फल और सब्जी की दुकानें सजी हुई थी। पूजा की सामान खरीदारी करने के लिए हजारों की संख्या में लोगों का हुजूम भी उमड़ा था। लेकिन गुरूवार की दोपहर अचानक पदाधिकारियों के नेतृत्व में बिना सूचना दिए अतिक्रमण हटाने के नाम पर दुकानदारों के ऊपर पुलिस द्वारा डंडे बरसाने शुरू कर दिए गए। यहां तक की महिलाओं को पुरूष पुलिसकर्मियों द्वारा खिंचा जाने लगा। जैसे ही इसकी घटना स्थानीय पत्रकार को मिली वह घटनास्थल पर पहुंचकर पुलिस की बर्बरता का वीडियो बनाने लगा। वीडियो बनाता देख पुलिसकर्मी अतिक्रमणकारियों को छोड़कर पत्रकार की ही धुनाई करने लगे। उसके कपड़े फाड़े, फिर मोबाइल फोन भी छीना। कुछ देर बाद मोहनिया डीएसपी के पहल पर उनके बॉडीगार्ड द्वारा किए जा रहे पत्रकार की पिटाई को चेतावनी देकर बंद किया गया। इस घटना के बाद स्टूवरगंज में काफी देर तक अफरा-तफरी का माहौल बना रहा। लेकिन सबसे बड़ा सवाल प्रशासन पर उठता है अगर अतिक्रमण हटाना ही था तो आज छठ पूजा की खरीदारी करने के समय जब भीड़ काफी संख्या में एकत्रित हुई तो उस समय प्रशासन अतिक्रमण हटाने के लिए क्यों पहुंची। उसके पहले ही उन दुकानदारों के साथ बैठक कर या नगर पंचायत के कर्मी और पुलिस फोर्स तैनात कर अतिक्रमण करने से क्यों नहीं रोका गया। अगर कहीं बड़ा हादसा इस दौरान हो जाता तो इसका जिम्मेदार कौन होता।
दुकानदार बताते हैं पुलिस प्रशासन द्वारा हम लोगों को कोई सूचना हटने के लिए नहीं दिया गया। हम लोग सड़क छोड़कर थोड़ी बहुत दुकान आगे लगाए हुए थे। बाजार में खरीदारों का काफी संख्या में भीड़ था। बिना सूचना दिए पुलिस प्रशासन के लोग आए और दुकानदारों पर डंडे बरसाने शुरू कर दिए। जिससे काफी देर तक स्टूवरगंज में भगदड़ मच गयी। हम लोगों के फल भी पुलिस वाले लूट कर लेकर चले गए। वहीं इस बाबत कैमूर एसपी दिलनवाज अहमद ने कहा कि आप लोगों के द्वारा मामला संज्ञान में लाया गया है। मामले की जांच कर कार्रवाई की होगी।