सीएम नीतीश का निश्चय संवाद : बोले- आपदा राहत में लोगों को अनाज दिया तो क्विंटलिया बाबा का नाम दे दिया
पटना। कोरोना काल में बिहार में होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष और सीएम नीतीश कुमार ने जदयू मुख्यालय में बने नवनिर्मित कर्पूरी सभागार के मंच से निश्चय संवाद को संबोधित किया। सीएम नीतीश ने वर्चुअल प्लेटफार्म जदयू लाइव डाटकॉम के जरिए बिहार के लोगों को संबोधित किया। इसके साथ ही नीतीश कुमार अपने दल के चुनाव अभियान का बिगुल फूंका। जदयू का दावा है कि नीतीश की इस वर्चुअल रैली से 30 लाख लोग जुड़े हैं। अपने भाषण में नीतीश कुमार ने कोरोना पर सरकार द्वारा किए गए कार्यों की चर्चा की। सीएम नीतीश ने कहा कि ये हमारी पार्टी का डिजिटल प्लेटफॉर्म है। बता दें इस साल 1 मार्च को पटना के गांधी मैदान में आयोजित कार्यकर्ता सम्मेलन के बाद जदयू का यह वर्चुअल रैली के रूप में कोई बड़ा कार्यक्रम था। कोरोना काल में होने वाली इस रैली को सफल बनाने की चुनौती को पार करने के लिए पार्टी नेताओं ने बड़ी मशक्कत की है।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने वर्चुअल रैली को संबोधित करते हुए बताया कि हमारी सरकार ने कब्रिस्तान की घेरेबंदी कराई। उन्होंने बताया कि 8064 कब्रिस्तान में से 6299 की घेरेबंदी करा दी गई है, जबकि दूसरी तरफ मंदिर से मूर्ति चोरी होने लगी थी। हमारी सरकार ने 226 मंदिरों में पूर्ण चारदीवारी कराई है, जबकि 112 पर काम जारी है और 48 प्रक्रियाधीन है।
उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद और राबड़ी देवी पर निशाना साधते हुए कहा कि पहले हालात इतने बुरे थे कि सामूहिक नरसंहार होता था। लोग गाड़ी में राइफल दिखाते हुए चलते थे। उन्होंने उस दौर का भी जिक्र किया जब उन्हें सत्ता मिली थी। नीतीश कुमार ने बताया कि 2006 के बाद हमने एसओपी बनाया कि कब किसी परिस्थिति में क्या काम करना है।
सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि कोरोना के चलते आर्थिक संकट बढ़ता ही जा रहा है। वहीं दूसरी तरफ बाढ़ ने काफी नुकसान किया है। 16 जिले इस बार बाढ़ से प्रभावित हुए और सरकार ने उन जगहों पर तत्काल राहत पहुंचाई और 5 लाख से ज्यादा लोगों को रेस्क्यू किया गया। आपदा राहत में लोगों को अनाज दिया तो लोगों ने क्विंटलिया बाबा का नाम दे दिया। अगर पहले लोगों को अनाज दिए गए होते तो लोग क्यों ऐसा कहते?
इस दौरान सीएम नीतीश ने कोरोना को लेकर सरकार की उपलब्धियां गिनाईं। उन्होंने कहा कि इलाज से लेकर मौत होने की परिस्थिति में 4 लाख रुपया मुआवजा देना तय किया। राज्य भर के प्रवासी बिहारियों को 14 दिन क्ववारंटीन सेंटर में रखा। 15 लाख से ज्यादा लोग वापस बिहार आए। उन्होंने विपक्ष के सवालों पर जवाब देते हुए कहा कि कुछ लोग आलोचना करते रहते हैं, बोलते रहते हैं लेकिन हमने शुरूआत से ही कोरोना जांच बढ़ाने के लिए कहा था। आज बिहार में हर दिन 1.50 लाख से ज्यादा जांच हो रही है। कोरोना महामारी को देखते हुए हम मार्च से ही सतर्क थे। केंद्र से पहले ही हमने बिहार में लॉकडाउन शुरू किया था। अब अनलॉक शुरू हो चुका है। हम केंद्र की गाइडलाइंस का पालन कर रहे हैं।
इन्होंने ने भी किया संबोधित
वहीं बिहार सरकार के मंत्री अशोक चौधरी ने लोजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि एक हमारे नेता कहा करते थे कि हम वैसे घरों में दिया जलाने चले हैं, जहां वर्षों से अंधेरा है। उन घरों में बिजली पहुंचाने का काम हमारे नेता ने ही किया है।
जदयू सांसद ललन सिंह ने नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव पर निशाना साधते हुए कहा कि क्या फार्मूला अपनाया, जरा बिहार की जनता को बताइए। आपके पिता जेल क्यों गए, ये भी तो जरा बिहार की जनता को बताइए। अपने बारे में कुछ नहीं बताते, अपने पिता के बारे में तो बताइए।
जदयू नेता विजेंद्र यादव ने कहा, 1990 में तमाम लोग सीएम पद के उम्मीदवार थे तब किसने सीएम बनवाया था। नीतीश कुमार ने जिनको मुख्यमंत्री बनवाया, वही उनके खिलाफ बोल रहे हैं।