सभी रेल निर्माण परियोजनाएं निर्धारित समय-सीमा पर होने चाहिए पूरे : महाप्रबंधक
हाजीपुर। पूर्व मध्य रेल के महाप्रबंधक ललित चंद्र त्रिवेदी ने बुधवार को पटना के दीघा में आयोजित उच्चस्तरीय बैठक में पूर्व मध्य रेल में चल रही निर्माण परियोजनाओं तथा विभागीय कार्य प्रदर्शन की समीक्षा की। बैठक में इरकॉन, आरबीएनएल तथा डीएफसीसी द्वारा पूरी की जा रही पूर्व मध्य रेल की विभिन्न निर्माण परियोजनाओं की समीक्षा की गई। इसी क्रम में महाप्रबंधक ने संरक्षा एवं वाणिज्य विभाग के अर्द्धवार्षिक कार्य प्रदर्शन की समीक्षा की। बैठक में महाप्रबंधक ने कहा कि सभी निर्माण परियोजनाएं अपने निर्धारित समय-सीमा पर होने चाहिए। बैठक में पूर्व मध्य रेल मुख्यालय के सभी विभागाध्यक्ष, सभी मंडलों के मंडल रेल प्रबंधक, इरकॉन के जीजीएम पी.के. सिन्हा, आरवीएनएल के सीएमडी प्रदीप गौरतथा, डीएफसीसी के जीजीएम मुकेश जैन सहित अन्य उच्चाधिकारी उपस्थित थे।
विदित हो कि रामपुर डुमराताल-राजेंद्र पुल अतिरिक्त रेल पुल दोहरीकरण परियोजना, हाजीपुर-बछवारा, किउल-गया दोहरीकरण परियोजना तथा जयनगर-कुर्था रेल परियोजना का निर्माण कार्य इरकॉन द्वारा किया जा रहा है। इसी तरह आरवीएनएल द्वारा सोन नगर-पतरातु तीसरी लाइन, नेउरा-दनियावां नईलाइन, बरबीघा-शेखपुरा नईलाइन और गया मेमू शेड का निर्माण किया जा रहा है। जबकि पंडित दीनदयाल उपाध्याय से सोननगर तक डेडीकेटेड फ्रेट कॉरीडोर लाइन परियोजना का कार्य डीएफसीसी द्वारा पूरा किया जारहा है।
किउल-गया रेलखंड का दोहरीकरण का निर्माण कार्य तेजी से जारी है। किउल-गया के दोहरीकरण का लाभ बिहारवासियों को तो मिलेगा ही, साथ ही दिल्ली-हावड़ा मार्ग पर यात्रा करने वाले अन्य प्रदेश के यात्री भी लाभान्वित होंगे। यह रेल खंड वर्तमान में ग्रैंडकॉर्ड एवं मेनलाइन के यातायात दबाव को भी कम करने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
नेउरा-दनियावां (42.2 किमी) नईलाइन परियोजना, बरबीघा-शेखपुरा (16.8 किमी) नईलाइन का निर्माण आरवीएनएल द्वारा किया जा रहा है। आरवीएनएल द्वारा गया जंक्शन के वेस्ट केबिन के पास मेमू शेड का निर्माण किया जा रहा है। यह मेमू शेड अत्याधुनिक सुविधा और तकनीकों से युक्त होगा। झाझा के बाद यह पूर्व मध्य रेल का दूसरा मेमू शेड होगा।