अर्थशास्त्री शैबाल गुप्ता पंचतत्व में विलीन, CM नीतीश ने दी श्रद्धांजलि, कहा- इकोनॉमिक सर्वे को लेकर हमेशा रिपोर्ट तैयार की
पटना। देश के जाने-माने अर्थशास्त्री और आद्री (एशियन डेवलपमेंट रिसर्च इंस्टीट्यूट) के सदस्य सचिव डॉ. शैबाल गुप्ता को श्रद्धांजलि देने के लिए सीएम नीतीश कुमार, राजद नेता शिवानंद तिवारी, माले महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य, प्रो. नवल किशोर समेत कई लोग उनके आवास पर पहुंचे। बता दें डॉ. गुप्ता का लंबी बीमारी के कारण गुरुवार की शाम निधन हो गया था। उन्होंने शाम 7 बजकर 7 मिनट पर पारस अस्पताल में अंतिम सांस ली। वे 67 वर्ष के थे।
बेटी ने मुखाग्नि दी
शैबाल गुप्ता का अंतिम संस्कार शुक्रवार की दोपहर बाद 3.30 बजे राजकीय सम्मान के साथ पटना के गुलबी घाट पर संपन्न हुआ। दाह संस्कार विद्युत शवदाह गृह में हुआ। बेटी अस्मिता गुप्ता ने उन्हें मुखाग्नि दी। अस्मिता ने कहा, पापा से जुड़ी बहुत सारी बातें याद आ रही हैं। कई सालों से बीमार थे पर बीमार कहीं से लगते नहीं थे। इतने पॉजिटिव थे कि पूछिए मत! अस्मिता ने कहा कि पापा आद्री को दुनिया की बड़ी संस्था बनाना चाहते थे। वे चाहते थे कि बिहार स्कूल आफ इकोनॉमिक्स बनाएं, जिसका नाम पूरी दुनिया भर में हो।
सीएम बोले, इकोनॉमिक सर्वे को लेकर हमेशा रिपोर्ट तैयार की
अर्थशास्त्री शैबाल गुप्ता के आवास पर पुराने दिनों को याद करते हुए सीएम नीतीश ने कहा कि शैबाल गुप्ता के साथ बहुत पहले से नजदीकी रही है। हमलोगों के बीच काफी अच्छे रिश्ते रहे हैं। उन्होंने कहा कि बीमार होने के बावजूद वह अपने काम में कमी नहीं आने देते थे। इकोनॉमिक सर्वे को लेकर हमेशा रिपोर्ट तैयार करते थे। बीमार होने के बावजूद इस बार भी उन्होंने यह काम किया। सदन में बजट सत्र के दौरान उसे पेश किया जाएगा। कहा कि डॉ. गुप्ता को विशेष जिम्मेदारी दी गई थी। बिहार के विकास को लेकर इनका आइडिया बहुत बेहतर रहता था। इनके चले जाने से प्रदेश को बहुत बड़ा नुकसान हुआ है।
अभी जाने वाली उम्र नहीं थी
वहीं, राजद के वरिष्ठ नेता शिवानंद तिवारी ने कहा कि बौद्धिकता के मामले में बिहार कमजोर है, राज्य की ऐसी हालत को बेहतर रूप से समझने में शैबाल जी जैसा और कोई शख्स नहीं है। बीमारी होने के बावजूद उनके चेहरे पर निराशा नहीं दिखती थी। अभी उनकी जाने वाली उम्र नहीं थी। बिहार से एक अच्छा आदमी चला गया है। उनका जाना बहुत खल रहा है।