विश्व एनटीडी दिवस पर बोले स्वास्थ्य मंत्री, बिहार से एनटीडी के उन्मूलन के लिए सरकार प्रतिबद्ध
पटना। बिहार से एनटीडी (नेग्लेक्टेड ट्रॉपिकल डिजीजेज) के उन्मूलन के लिए सरकार पूरी तरह प्रतिबद्ध है और इसके लिए सभी विभागों एवं सहयोगियों के साथ मिलकर कार्य किया जा रहा है। बिहार सरकार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने विश्व एनटीडी दिवस के पूर्व संध्या पर राजधानी के होटल चाणक्य में आयोजित संवाद में वर्चुअल रूप से जुड़ते हुए यह बात कही। उक्त चर्चा का आयोजन चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग एवं अन्य सहयोगियों यथा- ग्लोबल हेल्थ स्ट्रैटजीज (जीएचएस), विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ), प्रोजेक्ट कंसर्न इंटरनेशनल (पीसीआई) एवं सीफार के साथ समन्वय स्थापित करते हुए किया गया था। इस अवसर पर वरिष्ठ पत्रकारों और संपादकों ने भी भाग लिया।
दुनिया में हर 5 में से 1 व्यक्ति एनटीडी से ग्रसित
वर्चुअल रूप से संवाद करते हुए स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि दुनिया में हर 5 में से 1 व्यक्ति एनटीडी से ग्रसित हैं। पिछले कुछ वर्षों में एनटीडी के खिलाफ महत्वपूर्ण प्रगति हुई है और इसी क्रम में बिहार सरकार 2021 में कालाजार और फाइलेरिया के उन्मूलन हेतु प्रतिबद्ध है। इसी क्रम में उन्होंने बताया कि विगत 30 दिसंबर को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन द्वारा भी कालाजार के विषय पर कई राज्यों के साथ गहन चर्चा की गयी थी। इनके उन्मूलन के कार्यक्रमों को प्राथमिकता देने से आर्थिक विकास, समृद्धि एवं लैंगिक समानता को भी बढ़ावा मिलेगा। दुनिया भर में 1.7 अरब लोगों को प्रभावित करने वाली ये बीमारियां हर साल होने वाली हजारों मौतों का कारक है। हमारा विजन है कि विभिन्न क्षेत्रों, उद्योगों के बीच सहभागिता द्वारा दृढ़ राजनीतिक इच्छाशक्ति का निर्माण, बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं की दूर-दराज इलाकों तक पहुंच सुनिश्चित कर बिहार को एनटीडी से मुक्त किया जाए।
एनटीडी में 20 रोग शामिल
इससे पहले स्वास्थ्य विभाग के निदेशक प्रमुख, रोग नियंत्रण (डायरेक्टर इन चीफ) डॉ. नवीन चन्द्र प्रसाद ने बताया कि एनटीडी दुर्बल और जीवन को प्रभावित करने वाले रोगों का एक समूह है, जो अधिकतर सबसे गरीब, सबसे कमजोर आबादी को प्रभावित करता है। एनटीडी में लिम्फैटिक फाइलेरिया (हाथीपांव) विसेरल लीशमैनियासिस (कालाजार), लेप्रोसी (कुष्ठरोग), डेंगू, चिकुनगुनिया, सर्पदंश, रेबीज जैसे लगभग 20 रोग शामिल होते हैं, जिनकी रोकथाम संभव है मगर फिर भी इन रोगों के कारण भारत के हजारों लोग हर साल या तो मारे जाते हैं या फिर विकलांग हो जाते हैं। भारत दुनिया भर में प्रत्येक प्रमुख एनटीडी के लिए पहले स्थान पर है।
सरकार एनटीडी के कार्यक्रमों का गहन अनुश्रवण कर रही
वहीं विश्व स्वास्थ्य संगठन के स्टेट एनटीडी कोआर्डिनेटर डॉ. राजेश पांडेय ने बिहार में एनटीडी बीमारियों के लिए सरकार द्वारा किये जा रहे प्रयासों के बारे में प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार एनटीडी से जुड़े सारे कार्यक्रमों का गहन अनुश्रवण कर रही है और इस संबंध में सार्थक प्रयास हो रहे हैं। ग्लोबल हेल्थ स्ट्रेटेजीज के अनुज घोष ने एनटीडी के संबंध में जन-जागरूकता फैलाने में मीडिया की महत्वपूर्ण भूमिका पर ध्यान केंद्रित करने की बात कही।
कालाजार से अब केवल 4 ब्लॉक अति प्रभावित
कार्यक्रम को राज्य कार्यक्रम अधिकारी डॉ. एमपी शर्मा ने बताया कि बिहार से कालाजार का उन्मूलन वर्ष 2021 में रखा गया है। पहले कालाजार मरीज के इलाज में 28 दिन लगते थे मगर अब मात्र 1 दिन में 1 खुराक से ही इसका इलाज किया जा रहा है। बिहार के 38 जिलों के 33 कालाजार से प्रभावित जिलों में जहां 458 ब्लॉक अति प्रभावित थे, वहीं अब केवल 4 ब्लॉक अति प्रभावित रह गए हैं।