December 22, 2024

लॉक डाउन में ‘होठों की लाली’ पान किसान-कारोबारी हुए बदहाल, आर्थिक मदद दे सरकार : ललन

पटना। मगही पान की तारीफ आप अक्सर फिल्मी गानों में सुना करते हैं। इसकी डिमांड बनारस की मंडियों में भी है, लेकिन कोरोना महामारी व लॉकडाउन ने जहां लोगों के होठों की लाली छीन ली तो वहीं पान किसानों की बदहाली कई गुना बढ़ गई। लॉकडाउन के चलते पान की बिक्री नहीं हो सकी और फसल खेतों में हीं सडक़र बर्बाद हो गई। इससे किसानों को काफी नुकसान सहना पड़ा है। कमाई की बात तो दूर उनकी पूंजी पर भी आफत आ गई है।
मगही पान की खेती मुख्यत: नवादा जिले के हिसुआ, नारदीगंज, पकरीबरावां आदि प्रखंडों एवं खगडिय़ा जिले के परबत्ता विधानसभा के कुलहाडिय़ा, तेहाय, झंझरा, मुष्कीपुर, पसराहा, बन्देहरा जैसे अनेकों गांवों में होती है। हिसुआ प्रखंड के तुंगी बेलदारी के पान किसान सुरेन्द्र चौरसिया बताते हैं कि लॉकडाउन में बिक्री नही होने के चलते पान की फसल खेतों में हीं पड़ी रह गई, जो अब सडक़र बर्बाद हो रही है। कुल्हाडिय़ा गांव के पान किसान अरविन्द तिवारी, बन्देहरा के पान किसान धर्मेन्द्र चौरसिया एवं सलारपुर गांव के पान व्यापारी चन्दन यादव के बताते हैं कि लॉकडाउन में बिक्री नहीं होने के चलते पान की फसल खेतों में हीं पड़ी रह गई, जो अब सडक़र बर्बाद हो रही है। यहां तक की लॉकडाउन में पान की गुमटी भी बंद हो गई, जिससे उनका कारोबार ठप हो गया। पान गुमटी संचालक सुरेन्द्र चौरसिया बताते हैं कि वे पिछले 30 सालों से इस कारोबार से जुड़े हैं। यह पहला अवसर है जब इतने दिनों तक गुमटी बंद करनी पड़ी है। बिक्री बंद होने से आर्थिक संकट उत्पन्न हो गया है। लॉकडाउन से पूर्व पान की ढोली मंगाई थी। एकाएक दुकान बंद करने से ढोली तो सड़ चुकी, लेकिन विक्रेता को उसका भुगतान करना पड़ेगा। इस तरह उन्हें भी दोहरी मार झेलनी पड़ी है। आमदनी बंद हुई और सड़ चुके पान के पैसे भी भुगतान करने पड़ेंगे।
वहीं पान व्यापारी चन्दन यादव ने बताया कि लाखों रूपये का पान खरीद कर गोदाम में हीं फंसा रह गया, जिसके कारण दोहरी मार से कमर हीं टूट गई है। पान की खेती एवं पान का व्यापार हीं आजीविका का मुख्य साधन है लेकिन इस साल तो आमदनी की कोई उम्मीद नहीं बची है। खेती के लिए लिया गया खर्च चुकाना भी पहाड़ साबित होगा। सरकार से मांग है कि इसकी क्षतिपूर्ति हो, ताकि पान से जुड़े व्यापारी एवं किसान पुन: रोजगार कर सकें। बांस, एरकी, पुआल आदि की खरीदारी करनी पड़ती है। पूंजी के अभाव में अलावा यह सब खरीदना मुष्किल हो रहा है, पर इस खेती के अलावा कोई अन्य विकल्प भी नहीं है। अगर समय रहते पान किसान एवं पान से जुड़े व्यापारी को आर्थिक मदद सरकार के द्वारा नहीं दिया गया तो पान से जुड़े किसान, व्यापारी के परिवार की स्थिति भूखमरी के कगार पर पहुंच जायेगा।
इस पर बिहार प्रदेश युवा कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ललन कुमार के द्वारा खास कर परबत्ता विधान सभा क्षेत्र एवं नवादा जिले के तमाम पान से जुड़े किसान एवं व्यापारी हीं नहीं बल्कि अन्य प्रकार के किसानों की बदहाली को सुदृढ़ करने के लिए पूरे बिहार के सभी किसान को अविलंब आर्थिक मदद करने की सरकार से आग्रह किया है ताकि किसान, व्यापारी व उनके परिवार भूखें न रहें। यदि सरकार के द्वारा किसान एवं किसान से जुड़े व्यापारी को आर्थिक मदद नहीं दी गयी तो आमजनों के साथ मिलकर पूरे प्रदेश में आंदोलन करने की भी चेतावनी दी है।

yashoraj infosys best website design company in patna : www.yashoraj.com

You may have missed