राष्ट्रीय वेबिनार में वक्ताओं की राय : विशेष आवश्यकता वाले निर्धन बच्चों की शिक्षा हेतु लैपटॉप दे सरकार
फुलवारी शरीफ। कोरोना काल में विशेष आवश्यकता वाले गरीब बच्चों की शिक्षा हेतु सरकार को प्रत्येक विशेष विद्यार्थी के लिए लैपटॉप या स्मार्टफोन उपलब्ध कराना चाहिए, ताकि उन्हें आॅनलाइन शिक्षा दी जा सके। ऐसे बच्चों में से बहुसंख्यक निर्धन परिवार से हैं, जिनके पास आॅनलाइन कक्षाओं के लिए स्मार्टफोन तक उपलब्ध नहीं है। विशेष प्रशिक्षण और मार्गदर्शन के लिए भी उन्हें इसकी आवश्यकता होगी। कोरोना के कारण आमने-सामने की शिक्षा और प्रशिक्षण अगले अनेक माह तक संभव नहीं दिखाई देता है। ऐसे में उनका विशेषज्ञ प्रशिक्षकों और पुनर्वास कर्मियों के संपर्क से दूर रहना उनकी कठिनाईयों को और भी बढ़ाएगा। यह बातें शनिवार को भारतीय पुनर्वास परिषद की स्वीकृति से इंडियन इंस्टिच्यूट आफ हेल्थ एडुकेशन एंड रिसर्च, बेउर में आयोजित तीन दिवसीय सीआरई राष्ट्रीय वेबिनार के समापन समारोह की अध्यक्षता करते हुए संस्थान के निदेशक-प्रमुख डॉ. अनिल सुलभ ने कही।
गुगल-मीट के माध्यम से संपन्न हुए इस वेबिनार में अपनी राय रखते हुए डॉ. सुलभ ने कहा कि ‘अंडर स्टैंडिंग आइसीएफ : रिव्यू आफ एसेसमेंट टूल्स ऐंड अदर हेल्थ कंडिशन ड्युरिंग ऐंड आफटर कोविड-19 पैनडेमिक” विषय पर आयोजित इस राष्ट्रीय वेबिनार में देश के सुप्रसिद्ध पुनर्वास-वैज्ञानिकों और विशेष संसाधन शिक्षकों ने अपने वैज्ञानिक-पत्र प्रस्तुत कर देश भर से जुड़े 100 प्रतिभागी पुनर्वास कर्मियों को व्यापक रूप से लाभान्वित किया है, जिसे इस वेबिनार की उपलब्धि कहा जा सकता है।
समारोह के मुख्य अतिथि और मानवाधिकार परिषद के अध्यक्ष संदीप शर्मा ने कहा कि इस तरह के वेबिनार पुनर्वास कार्य से जुड़े विशेषज्ञों के साथ-साथ सामाजिक कार्यकर्ताओं, विशेष आवश्यकता वाले बच्चों और उनके अभिभावकों के लिए भी अत्यंत लाभप्रद होता है। इसे नियमित रूप से आयोजित किया जाना चाहिए।
वेबिनार में डॉ. मृत्युंजय मिश्र (लखनऊ), डॉ. चंदन दास (रांची), डॉ. मीनाक्षी बाजपेयी (वाराणसी), डॉ. नीरज कुमार वेदपुरिया, डॉ. ऋचा प्रियंवदा (भोपाल), डॉ. नगमा जामीर (लखनऊ), प्रो. चंदन सिंह, डॉ. टी कुमार (रांची), डॉ. मुक्ता मृणालिनी, डॉ. जयदीप दास (रांची) तथा डॉ. प्रणय कुमार गुप्ता ने अपने वैज्ञानिक-पत्र प्रस्तुत किए। संस्थान के विशेष शिक्षा विभाग के अध्यक्ष प्रो. कपिल मुनि दूबे ने कार्यक्रम का संचालन तथा आईटी विशेषज्ञ समद अंसारी ने तकनीकी सहयोग प्रदान किया।