महागठबंधन की हार पर राजद-कांग्रेस में तनातनी : गोहिल बोले- शिवानंद तिवारी दलबदलू नेता, एनडीए को कर रहे मदद
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पटना। बिहार विधानसभा चुनाव में महागठबंधन को मिली हार को लेकर राजद-कांग्रेस में तनातनी शुरू हो गया है। राजद के वरिष्ठ नेता शिवानंद तिवारी ने जहां महागठबंधन की हार के लिए पूरे तौर पर कांग्रेस को जिम्मेवार ठहराया है, वहीं अब कांग्रेस ने भी शिवानंद पर करारा हमला बोलते हुए पलटवार किया है। बता दें कांग्रेस बिहार चुनाव 70 सीटों पर लड़ी थी , जिसमें वह मात्र 19 सीट ही जीत सकी। कांग्रेस के बिहार प्रभारी शक्ति सिंह गोहिल ने अपने बयान में कहा है कि शिवानंद तिवारी बार बार दल बदले हैं और वो इतने बड़े दलबदलू नेता हैं कि कितनी बार किस दल में रहे हैं, वो शायद उनको भी याद नहीं होगा। वो जदयू से नेता भी रहे हैं और सांसद भी। आश्चर्य नहीं कि आज भी उनकी वफादारी जदयू के साथ दिख रही है। बिहार में बनने वाली जदयू और भाजपा की सरकार बेहद कमजोर होगी क्योंकि बिहार के लोग असल में महागठबंधन की सरकार चाहते हैं। ऐसे समय में सिर्फ जदयू और भाजपा की कमजोर सरकार को मदद करने के लिए और महागठबंधन को कमजोर करने के लिए दलबदलू नेता शिवानंद तिवारी कांग्रेस के ऊपर निराधार आरोप मढ़ रहे हैं।
उन्होंने कहा कि शिवानंद तिवारी जी, क्या आप बिहार के चुनावी इतिहास से परिचित नहीं कि जब भी राजद ने बिना कांग्रेस पार्टी चुनाव लड़ा है, चाहे वो संसद का चुनाव हो या विधानसभा का, तो राजद का क्या हश्र हुआ है! इस चुनाव में भी कांग्रेस के हर कार्यकर्ता ने, हर नेता ने महागठबंधन के लिए अपने आप को झोंक दिया। कांग्रेस समान विचारधारा वाले दल के साथ रहें और महागठबंधन न टूटे, इसलिए गठबंधन का धर्म निभाते हुए अपने सहयोगी दलों के हर निर्णय को सहर्ष स्वीकार किया। न चाहते हुए भी सिर्फ गठबंधन के धर्म को निभाने के लिए कांग्रेस पार्टी ने ऐसी सीटें भी स्वीकार कीं, जो महागठबंधन ने 30-30 सालों से नहीं जीती थीं। कई ऐसी सीटें, जहां कांग्रेस के पास मजबूत उम्मीदवार थे, वहां बार-बार आग्रह करने के बावजूद भी जब वो सीटें हमें नहीं दी गईं, तब भी कांग्रेस पार्टी के नेतृत्व ने गठबंधन के धर्म को निभाया और जो भी हालात थे उसमें मजबूती से चुनाव लड़ा।
उन्होंने कहा कि शिवानंद चाहते हैं कि जदयू और भाजपा की बनने वाली कमजोर सरकार को वो टूटने न दें, जिससे भविष्य में बनने वाली महागठबंधन सरकार की संभावना समाप्त हो जाए। वो भाजपा और जदयू के इशारे पर अनर्गल बयानबाजी करके कांग्रेस और राजद के बीच में फूट डालने की एक सोची समझी साजिश कर रहे हैं। शायद वो चाहते हैं कि कांग्रेस भी राजद के नेतृत्व पर सवाल खड़ा करे और महागठबंधन टूट जाए, ताकि जदयू और भाजपा की सरकार सलामत रहे।
उन्होंने आगे कहा कि राहुल गांधी को जितनी भी जनसभाएं बिहार में करने के लिए प्रदेश कांग्रेस कमेटी की ओर से आग्रह किया गया, वो सारी जनसभाएं और पूरा वक्त राहुल गांधी ने बिहार के कैम्पेन में दिया। कांग्रेस की ओर से महागठबंधन की जहां-जहां उम्मीदवारों ने स्टार कैम्पेनर की मांग की थी, अपने संसाधन से वहां कांग्रेस ने अपने स्टार कैम्पेनर, महागठबंधन के कैंडिडेट्स के लिए भेजे। शिवानंद तिवारी का बेहूदा बयान सिर्फ भाजपा और जदयू की सरकार, जो कि एक डूबती नैया के समान है, उसको बचाने के लिए और महागठबंधन को तोड़ने के लिए है, जिसको हम पूरी तरह से खारिज करते हैं। उन्होंने कहा कि महागठबंधन के सभी नेता श्री तिवारी के बरताव का पूरजोर विरोध करके उनकी सस्ती राजनीति जनता के सामने एक्सपोज करें।
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