February 24, 2025

‘मन की बात’ में बोले पीएम मोदी- अगर आप लॉकडाउन का नियम तोड़ेंगे तो वायरस से बचना मुश्किल होगा

CENTRAL DESK : कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण के फैलाव को रोकने के देश में लगे लॉकडाउन बीच आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोगों से ‘मन की बात’ में कहा कि कोरोना की बात करना ठीक होगा। हमें कई ऐसे निर्णय लेने पड़े जिससे आपको परेशानी हुई। हो सकता है, बहुत से लोग मुझसे नाराज होंगे कि ऐसे कैसे सबको घर में बंद कर रखा है। मैं आपकी दिक्कतें समझता हूं, लेकिन भारत को कोरोना के खिलाफ जंग जीतने के लिए ये कदम उठाये बिना कोई रास्ता नहीं था। मैं फिर एक बार, आपको जो भी असुविधा हुई है, कठिनाई हुई है, इसके लिए क्षमा मांगता हूं।
पीएम मोदी ने कहा कि कोरोना ने दुनिया को कैद कर दिया है। ये ना तो राष्ट्र की सीमाओं में बंधा है, न ही कोई क्षेत्र देखता है और न ही कोई मौसम इसलिए लोगों को, इसे खत्म करने के लिए एकजुट होकर संकल्प लेना होगा। मैं जानता हूं कि कोई कानून नहीं तोड़ना चाहता, लेकिन कुछ लोग ऐसा कर रहे हैं क्योंकि अभी भी वो स्थिति की गंभीरता को नहीं समझ रहे। अगर आप लॉकडाउन का नियम तोड़ेंगे तो वायरस से बचना मुश्किल होगा। उन्होंने कहा कि दुनिया भर में बहुत से लोगों को कुछ इसी तरह की खुशफहमी थी। आज वे सब पछता रहे हैं। बीते दिनों में मैंने ऐसे कुछ लोगों से फोन पर बात की है, उनका उत्साह भी बढ़ाया है और उनसे बातें करके मेरा भी उत्साह बढ़ा है। मैंने उनसे बहुत कुछ सीखा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि इस लड़ाई के योद्धा ऐसे हैं जो घरों में नहीं, बल्कि बाहर रहकर वायरस का मुकाबला कर रहे हैं, फ्रंट लाईफ सोल्जर, नर्सेज, डॉक्टर, पारा मेडिकल स्टाफ ऐसे साथी, जो कोरोना को पराजित कर चुके हैं, उनसे प्रेरणा लेनी चाहिए।
प्रधानमंत्री ने कहा कि दुनिया का अनुभव बताता है कि इस बीमारी से संक्रमित व्यक्तियों की संख्या अचानक बढ़ती है। अचानक होने वाली इस वृद्धि की वजह से विदेशों में हमने अच्छे से अच्छे स्वास्थ्य सेवा को जवाब देते हुए देखा है। साथियों, हम मेडिकल स्तर पर इस महामारी से कैसे निपट रहे हैं, इसके अनुभव जानने के लिए मैंने कुछ डाक्टरों से बात की जो इस लड़ाई में पहली पंक्ति में मोर्चा संभाले हुए हैं। भारत में ऐसी स्थिति न आये इसके लिए ही हमें निरंतर प्रयास करना है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि कोरोना वायरस से लड़ने का कारगर तरीका सोशल डिस्टेंसिंग है। हमें समझना होगा कि सोशल डिस्टेंसिंग का मतलब सोशल इंटरेक्शन खत्म करना नहीं बल्कि ये समय सोशल डिस्टेंसिंग को बढ़ाने और इमोशनल घटाने का है। सोशल मीडिया में ही मैंने देखा कि कुछ लोगों ने वर्षों से घर में पड़े तबला, वीणा जैसे संगीतमय चीजों को निकालकर रियाज करना शुरू कर दिया है। आप भी ऐसा कर सकते हैं।

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