भारी विरोधों के बावजूद दानापुर विधानसभा से भाजपा ने आशा सिन्हा को बनाया उम्मीदवार
लोकतंत्र में पार्टी कार्यकर्ताओं का विरोध सही, भाजपा कार्यकर्ता की एकजुटता मिशाल है : आशा सिन्हा
पटना (अजीत)। दानापुर विधानसभा से उम्मीदवारी को लेकर भाजपा नेत्री व वर्तमान विधायिका आशा सिन्हा के भारी विरोधों के बीच अंतत: श्रीमति सिन्हा एक बार फिर से कामयाब हो ही गयी। अपनी उम्मीवारी की घोषणा के बाद श्रीमति सिन्हा ने कहा, पार्टी ने मुझे पर एक बार फिर से भरोसा कर उम्मीदवार बनाया है। मैं भी पार्टी और कार्यकर्ताओं के उम्मीदों पर खरा उतरने का भरोसा दे रही हूं। नाराज हुए कार्यकर्ताओं के सवाल के जवाब में श्रीमती सिन्हा ने कहा, जो नाराज हुए अपने ही घर के लोग हैं, अगर उनकी किसी तरह की नाराजगी है तो उसे दूर करने का हरसंभव प्रयास किया जायेगा और जो भी नाराजगी का कारण है हमें भी सहर्ष स्वीकार कर दूर करना भी होगा। कार्यकर्ताओं का सवाल करना और उठाना सही है पर भाजपा कार्यकर्ता अपने पार्टी लिक से हटकर काम नहीं करते हैं, सिद्धांत के पक्के होते हैं। घर की बात है, घर में ही सुलझा लिया जायेगा। इस में विरोधी पार्टी की दाल गलने वाली नहीं है। बता दें पटना में बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर भाजपा ने बिहार में होने जा रहे 46 उम्मीदवारों की सूची जारी की है।
वहीं दूसरी ओर दानापुर विधानसभा क्षेत्र में दानापुर नगर पालिका के उपाध्यक्ष दीपक मेहता दिन-रात जनसंपर्क कर प्रचार अभियान जारी रखे हुए हैं और निर्दलीय उम्मीदवार भी हो सकते हैं। जबकि रीतलाल यादव भी राजद से टिकट नहीं मिलने पर निर्दलीय उम्मीवार होने की घोषणा कर चुके है। राजद से टिकट पाने के लिए राजद सुप्रीमों के बड़े पुत्र तेजप्रताप की साली करिश्मा भी टिकट के लिए दिन-रात एक किये है। जानकार सूत्रों की माने तो इन दोंनों उम्मीदवार को लेकर लालू परिवार में काफी मंथन चल रहा है। इसी कारण उम्मीवार की घोषणा में देरी हो रही है।