भागलपुर : बिहार कृषि विश्वविद्यालय सबौर का मनाया गया 11वां स्थापना दिवस
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भागलपुर। बिहार कृषि विश्वविद्यालय सबौर का 11वां स्थापना दिवस बुधवार को कुलपति डॉ. अजय कुमार सिंह की अध्यक्षता में मनाया गया। इस अवसर पर कुलपति के द्वारा विश्वविद्यालय के गत वर्ष की शैक्षणिक, शोध, प्रसार एवं प्रशासनिक गतिविधियों, उपलब्धियों की समीक्षा की गई एवं आगामी समय में क्रियान्वित की जाने वाली विश्वविद्यालय की रणनीतियों के बारे में विस्तारपूर्वक चर्चा की गई। स्थापना दिवस के अवसर पर कुलपति ने अपने संबोधन में कहा कि कृषि शिक्षा के क्षेत्र में विश्वविद्यालय ने संशोधित पाठ्यक्रम, स्टूडेंट रेडी प्रोगाम, एक्सपीरेंशियल लर्निंग, रावे प्रोग्राम सहित 5वीं डीन्स समिति की अनुशंसाओं को पूर्ण रूप से लागू किया है।
कोविड-19 महामारी के समय बिना किसी व्यवधान के विश्वविद्यालय ने शिक्षण व्यवस्था को पूरी तरह से परिवर्तित करके आॅनलाईन पढ़ाई, परीक्षा और मूल्यांकन आदि कार्य को जारी रखा है। इसी अवधि में हमने शिक्षण व्यवस्था में गुणात्मक सुधार हेतु छात्रों के लिए ई-कोर्स का निर्माण, मैसिव ओपन आॅनलाईन कोर्स का संचालन, सामुदायिक रेडियो स्टेशन के कार्यक्रमों में उनकी सहभागिता को प्रोत्साहित करने सहित केन्द्रीय प्रयोगशाला में उपकरणों की सुविधा में बढ़ोत्तरी पर कार्य किया है और इसके साथ ही उद्यमिता के प्रोत्साहन हेतु एक्सपीरेंशियल लर्निंग कार्यक्रम में प्रभावी सुधार भी किया है।
उन्होंने कृषि के विकास में अनुसंधान एवं प्रौद्योगिकी निर्माण की महती भूमिका पर प्रकाश डालते हुए विगत वर्ष विश्वविद्यालय द्वारा विकसित धान, चना, मसूर तथा बैंगन फसल की कुल 5 प्रभेदों को विकसित कर किसानों हेतु अनुशंसित किया गया है। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि वैश्विक खाद्य सुरक्षा के परिपेक्ष्य में पौध संरक्षण व सुरक्षा के महत्व को दृष्टिगत रखते हुए संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा इस वर्ष को अन्तर्राष्ट्रीय पौधा स्वास्थ्य के रूप में मनाया जा रहा है। वैश्विक स्तर पर पादप सुरक्षा क्षेत्र में हो रहे निरंतर अनुसंधानों का ही परिणाम है कि जहां 1960 में फसलों में क्षति का स्तर 13.6 प्रतिशत था, वह अब 10.8 प्रतिशत तक रह गया है। भारत में हरित क्रांति के दौरान पादप कीट एवं रोग व्याधि से फसलों को जहां 23.3 प्रतिशत तक क्षति का स्तर होता था, उसे कृषि वैज्ञानिक द्वारा 15.7 प्रतिशत तक लाने में सफलता हासिल की। कुलपति ने आह्वान किया कि अभी भी इस क्षेत्र में सतत अनुसंधान की आवश्यकता है। उक्त बातों को ध्यान में रखते हुए इस अवसर पर बिहार कृषि विश्वविद्यालय द्वारा फसल सुरक्षा के माध्यम से खाद्य सुरक्षा और स्थिरता सुनिश्चित करना विषय पर दो दिवसीय अन्तर्राष्ट्रीय वेबिनार का आयोजन किया गया। जिसमें वैज्ञानिक/कर्मचारी एवं पदाधिकारी आदि शामिल हुए।
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