बेव सिम्पोजियम : कोरोना महामारी में दुनिया के लाइस साईंटिस्ट का उतरदायित्व बढ़ा
पटना। टीपीएस कॉलेज के द्वारा एक दिवसीय अन्तराष्ट्रीय बेव सिम्पोजिमय का आयोजन किया गया। लाइस साईंस के बढ़ते आयाम: कोविड-19 महामारी के परिप्रेक्ष में आयोजित बेव सिम्पोजियम की शुरूआत कार्यक्रम के आयोजक डॉ. विनय भूषण कुमार ने किया एवं इस सिम्पोजिम के विभिन्न पहलुओं को रखा। आयोजन के अतिथियों एवं प्रतिभागियों का स्वागत विभागाध्यक्ष डॉ. शिवम यादव ने की। इस सिम्पोजिमय के मुख्य वक्ता लुंद विश्वविद्यालय, स्वेडन के लाइस साईंटिस्ट एवं प्रसिद्ध इम्यूनोलॉजिस्ट डॉ. स्नेह लता गुप्ता ने कोविड-19 पर विस्तृत चर्चा करते हुए बताया कि कोविड-19 वायरस के बचाव के लिए वैक्सीन बनाने का प्रयास तेजी से हो रहा है। वैक्सीन के दो चरणों का सफल प्रयोग किया जा चुका है, अभी दो चरणों का ट्रायल बॉकी है। इस वायरस में म्यूटेशन की दर बहुत ज्यादा है, जिसके फलस्वरूप लगभग 155 प्रकार की स्ट्रेन दुनिया भर में है। यही कारण है कि वैक्सीन विकसित करने में दिक्कतें आ रही है परन्तु दुनिया के लाइस साईंटिस्ट वैक्सीन को जल्द विकसित करने में लगे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि इस महामारी में दुनिया के लाइस साईंटिस्ट का उतरदायित्व बढ़ गया है। आज समूचे विश्व में चार सिद्धांतों पर वैक्सीन विकसित करने की प्रयास की जा रही है। हमें उम्मीद है कि सह-वैक्सीन ज्यादा कारगर होगा। वहीं दूसरी सत्र की मुख्य वक्ता डॉ. माधवी सुदर्शन ने कोविड-19 से बचाव के कई आयामों को बताया। आयोजन के संरक्षक एवं पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय के सीसीडीसी प्रो. तनुजा ने कोविड-19 महामारी के परिदृश्य में लाइस साईंटिस्टों के योगदान पर विस्तृत चर्चा करते हुए बताया कि ड्रग्स डिजाईनिंग एवं वैक्सीन डेभलेपमेंट में साईंटिस्ट का अहम योगदान है, साथ ही उन्होनें रिसर्च के विभिन्न पहलुओं की भी चर्चा की।
दोनों वैज्ञानिक सत्रों की अध्यक्ष एवं इंडियन भेटेनरी रिसर्च इंस्टिच्यूट के सिनियर साईंटिस्ट डॉ. संतोष कुमार गुप्ता ने कोविड-19 के जॉच के विभिन्न प्रकार को विस्तार पूर्वक बताया। डॉ. गुप्ता यूनाइटेड किंग्डम सहित कई देशों में रिसर्च कर चुके हैं। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए दर्शन शास्त्र के प्राध्यापक ने प्रो. श्यामल किशोर ने कहा कि विज्ञान वरदान भी है और अभिशाप भी। ऐसी संभावना व्यक्त की जा रही है कि चीन के वुहान लैब से निकला वायरस आज वैश्विक महामारी का रूप ले लिया है लेकिन वैज्ञानिक अनुसंधान द्वारा निर्मित वैक्सीन ही इस संकट से छुटकारा दिलाएगा।
धन्यवाद ज्ञापन .प्रो कृष्नंदन प्रसाद ने किया। इस आयोजन में प्रो. रूपम, प्रो. अंजलि प्रसाद, प्रो. अबू बकर रिजवी, प्रो. हेमलता सिंह, प्रो. नूतन, प्रो. प्रशांत, प्रो शशि प्रभा और प्रो. एस.ए. नूरी सहित भारी संख्या में शिक्षक एवं रिसर्चस उपस्थित रहे।