बिहार में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी भाजपा, 121 सीटों में से 73 पर जीत, 48 पर बढ़त
पटना। बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए रुझानों में बड़ी पार्टी बनकर उभरती दिख रही है। एनडीए रूझानों में जादुई आंकड़ा पा लिया है तो वहीं महागठबंधन के उम्मीदों पर पानी फिरता दिख रहा है। एग्जिट पोल के अनुमानों के अनुसार जश्न राजद और कांग्रेस कार्यालय में मननी चाहिए थी, लेकिन जब मतगणना के रूझान पहले एक घंटे के बाद एनडीए के पक्ष में आने शुरू हुए तो बड़ी लकीर खींच गई। यह जश्न अब बीजेपी-जदयू के खेमे में मनायी जा रही है तो महागठबंधन के नेताओं के चेहरों पर मायूसी छाने लगी है। बीजेपी बिहार में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है। उसने राजद से बड़ी पार्टी का तमगा छीन लिया है।
शाम 6 बजे के अपडेट के अनुसार, भाजपा जेडीयू के कम सीटों पर लड़ते हुए 73 सीटों पर बढ़त बना ली है, जबकि राजद दूसरे नंबर की पार्टी है और वह 63 सीटों पर आगे चल रही है। वहीं, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की जदयू बिहार में तीसरे नंबर की पार्टी बन चुकी है। जदयू के खाते में 45 से कम सीटें जाती दिख रह हैं। वहीं कांग्रेस पिछले चुनाव में भी चौथे नंबर की पार्टी थी और इस बार भी उसे वही जगह मिली है। वे 22 सीटों पर बढ़त बनायी हुई है। जबकि कांग्रेस से ज्यादा ताकतवर लेफ्ट पार्टी बनकर उभरी है। वे 18 सीटों पर बढ़त बनायी हुई है। वहीं एनडीए बढ़त बनाए 121 सीटों में से 73 सीट जीत चुकी है जबकि 48 पर बढ़त बनायी हुई है। जबकि महागठबंधन की बात करें तो 114 सीटों में से 62 सीट जीत चुकी है और 52 सीटों पर बढ़त बनाए हुई है। जबकि 8 सीटों पर अन्य की बढ़त है। जिससे अभी यह कहना जल्दबाजी होगी कि बिहार में किसकी सरकार बनेगी। वैसे एनडीए ने सरकार बनाने की तैयारी शुरू कर दी है। पार्टी सूत्रों को कहना है कि यह बढ़त जारी रहने की संभावना है।
बताते चलें 2015 के विधानसभा चुनाव में तीसरे नंबर पर रही बीजेपी को सबसे ज्यादा उछाल मिला है, जबकि जेडीयू दूसरे से तीसरे नंबर पर खिसक गई है। राजद पिछले चुनाव में पहले नंबर की पार्टी थी। 2015 में बीजेपी को 53 सीटें हासिल हुईं थीं। आरजेडी के साथ लड़ी जेडीयू ने 71 सीटों पर जीत हासिल की थी तो आरजेडी ने 80 सीटों पर कब्जा किया था। कांग्रेस ने पिछले चुनाव में 27 सीटों पर जीत हासिल की थी तो इस बार उसे 21 सीटों पर बढ़त है।
वहीं चिराग पासवान की पार्टी लोक जनशक्ति पार्टी ने इस बार बिहार चुनाव में अकेले उतकर बड़ा दांव खेला था। पार्टी ने 134 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे, लेकिन पार्टी महज 2 सीटों पर सिमटी नजर आ रही है। 2015 के चुनाव में भी लोजपा को 2 ही सीटें मिली थीं।