PATNA : बिहार प्लेयर्स एसोसिएशन ने किया विरोध प्रदर्शन, कहा- सरकार की खेल नीति फाइलों में ही है बंद
पटना। खेल दिवस के मौके पर बिहार प्लेयर्स एसोसिएशन ने विरोध प्रदर्शन किया। प्लेयर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि सरकार खेल दिवस के दिन खिलाड़ियों को खानापूर्ति के लिए सम्मानित तो कर देती है, लेकिन खिलाड़ियों की सुध नहीं लेती। सरकार ने पहले जो भी घोषणाएं की, कोई जमीन पर नहीं उतर पाया है।
मृत्युंजय तिवारी ने बताया कि पिछले 6 साल से सरकारी नौकरी में खिलाड़ियों की नियुक्ति प्रक्रिया बंद है। यह क्यों बंद है सरकार ने आज तक जानना नहीं चाहा। यह मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री का ड्रीम प्रोजेक्ट है। जब इसका यह हाल है बाकी का तो भगवान भरोसे। सरकार की योजना है कि हर साल प्रत्येक खेल से 5 खिलाड़ियों की नियुक्ति की जाएगी। अप्रैल माह में विज्ञापन निकलेगा और अगस्त तक नियुक्ति प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी। श्री तिवारी ने कहा कि 2014-15 में जो विज्ञापन निकला, इसमें आवेदन करने वाले खिलाड़ियों को अभी तक 6 वर्षों से क्यों लटकाकर रखा गया है। इनका भविष्य चौपट हो रहा है। जिन अधिकारियों ने पिछले 6 वर्षों से नियुक्ति प्रक्रिया को बंद रखा है और खिलाड़ियों के भविष्य को अंधकारमय कर दिया है, उन पर सरकार को कार्रवाई करनी चाहिए।
अभी सरकार ने नियुक्ति के लिए सिर्फ 12 खेल को ही शामिल किया है। यह अन्याय है। जिन खेलों के खिलाड़ियों को सरकार सम्मानित करती है, अनुदान देती है, खेल कैलेंडर में उस खेल को शामिल किया जाता है और जब नियुक्ति देने की बारी आती है तो सरकार भेदभाव करती है।
मृत्युंजय तिवारी ने सरकार से अनुरोध किया कि 2014-15 में जो अंतिम विज्ञापन निकला था नियमानुसार जिन-जिन खेल के खिलाड़ियों ने आवेदन दिया है उनकी नियुक्ति जल्द की जाए। खेल की आधारभूत संरचना का बुरा हाल है। फिजिकल कॉलेज वर्षों से बंद पड़े हैं। सरकार की खेल नीति फाइलों में ही बंद है। धरातल पर कुछ भी नजर नहीं आता। बिहार में खेल खिलाड़ियों की स्थिति दयनीय है। मुख्यमंत्री ने 15 अगस्त को घोषणा किया था कि खिलाड़ियों की नियुक्ति होगी। पहले मुख्यमंत्री बताएं कि पांच-छह वर्षों से आखिर खिलाड़ियों की नियुक्ति प्रक्रिया क्यों बंद थी।