बच-बच के नीतीश सरकार के खिलाफ बोल रहे चिराग पासवान, अब स्वास्थ्य विभाग घेरे में
पटना। लोजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष व जमुई सांसद चिराग पासवान ने एक बार फिर नीतीश सरकार के कामकाज पर तीखा हमला बोला है। पार्टी के प्रदेश कार्यालय में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में चिराग पासवान ने बिहार में बढ़ते अपराध और जर्जर सड़क पर तल्ख टिप्पणी के बाद सूबे के स्वास्थ्य विभाग के कामकाज को कठघरे में खड़ा किया। कोरोना वायरस को देखते हुए चिराग ने फिलहाल बिहार फर्स्ट-बिहारी फर्स्ट यात्रा को स्थगित कर दिया है और कहा है कि कोरोना नियंत्रित होने के बाद वह अपनी यात्रा पुन: आरंभ करेंगे और गांधी मैदान में होने वाली रैली की नयी तारीख भी घोषणा करेंगे।
उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि बिहार फर्स्ट-बिहारी फर्स्ट यात्रा के दौरान उन्हें लोगों से फीडबैक मिला कि कई जिलों के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर बीपी मापने की मशीन तक नहीं। अगर कहीं मशीन है तो बीपी मापने वाला आदमी नहीं। वैसे चिराग ने यह जरूर जोड़ा कि मैैं यह नहीं कह रहा, मुझे यह फीडबैक मिला है। उन्होंने आगे कहा कि चुनाव के बाद एनडीए की सरकार बने तो एक न्यूनतम साझा कार्यक्रम अनिवार्य रूप से बनना चाहिए। लोजपा फीडबैक के आधार पर जो विजन डाक्यूमेंट तैयार कर रही है उसे न्यूनतम साझा कार्यक्रम में शामिल किए जाने की वह मांग रखेंगे।
चिराग ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी तत्परता से कदम उठाए हैैं, पर वह यह उम्मीद रखते हैैं कि अस्पतालों में और पुख्ता इंतजाम हों। डॉक्टर की कमी है। महिलाओं के इलाज के लिए चिकित्सक नहीं हैैं। नियोजित शिक्षकों की हड़ताल पर सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा कि नियोजन की जरूरत ही नहीं रहनी चाहिए। जितने सृजित पद हैैं उन पर नियमित नियुक्ति होनी चाहिए। रिक्त पद को ही भर दिया जाए। सरकार को निवेश पर भी सोचना चाहिए। चिराग ने कहा कि वह मुख्यमंत्री की आलोचना नहीं कर रहे। बचपन से हम डायल 100 की बात सुनते रहे हैैं पर फीडबैक यह है कि यह नंबर काम ही नहीं कर रहा। चीजें बेहतर होनी चाहिए। मैैं अपराध के आंकड़े पर नहीं जा रहा।