पान मसालों में ‘स्वीट प्वाइजन’ : बिहार में 4 बड़े ब्रांड की जांच में फिर मिला मैग्नीशियम कार्बोनेट

पटना। जिस ‘स्वीट प्वाइजन’ को बिहार सरकार ने एक साल के लिए बैन कर दिया था, अब फिर से वहीं मीठा जहर गुटखा और पान मसालों में मिलने लगे हैं। बिहार में 4 बड़े ब्रांड की जांच में फिर मैग्नीशियम कार्बोनेट मिला है। पान मसाला और गुटखों में मैग्नीशियम कार्बोनेट की खतरनाक मात्रा होने के कारण ही इसे पिछले साल एक साल के लिए बंद किया गया था। खाद्य सुरक्षा विभाग ने राज्य भर के विभिन्न जिलों के सैंपल के आधार पर रिपोर्ट जारी की है। बता दें वर्ष 2019 में भी स्वास्थ्य विभाग के तत्कालीन प्रधान सचिव सह खाद्य सुरक्षा आयुक्त संजय कुमार ने पान मसाला के विभिन्न ब्रांड में मैग्नीशियम कार्बोनेट पाए जाने के बाद लोगों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए कई ब्रांडों के पान मसालों की बिक्री, उत्पादन, भंडारण एवं परिवहन पर 30 अगस्त 2019 को एक साल के प्रतिबंधित कर दिया था और एक बार फिर रिपोर्ट के आधार पर प्रतिबंधित किए जाने की प्रबल संभावना है।
हर जिले से लिया गया था सैंपल
खाद्य सुरक्षा विभाग ने प्रदेश के सभी जिलों से एक साथ नमूना लिया था। इसमें पान मसाला के चार प्रमुख ब्रांडों के साथ लगभग आधा दर्जन अन्य कंपनियों का पान मसाला शामिल था। पटना के तीन दुकानों से चार ब्रांड के पान मसाले जांच के लिए गए थे। बिहार के विभिन्न जिलों से आए नमूनों को जांच के लिए खाद्य एवं औषधि जांच प्रयोगशाला अगमकुआं, पटना भेजा गया था। इस बार फिर जांच रिपोर्ट चौंकाने वाली आई है। वर्ष 2019 में जिस कारण से पान मसालों को प्रतिबंधित किया गया था, वही खतरनाक रसायन मैग्नीशियम कार्बोनेट फिर पाया गया है।
फिर लग सकता है प्रतिबंध
पान मसालों की रिपोर्ट आने के बाद संबंधित कंपनियों के साथ दुकानदारों को नोटिस भेजा जा रहा है। नोटिस के बाद नमूना जांच के लिए दिल्ली भेजा जा सकता है। इसका खर्च संबंधित कंपनी और दुकानदार को देना होगा। खाद्य सुरक्षा विभाग के अधिकारियों का कहना है कि प्रतिबंध 12 माह के लिए लगाया गया था, जो बीते अगस्त में पूरा हो गया है। इसके बाद जांच में फिर वही रसायन पाया गया है, जो एक साल पहले पाया गया था। उनका कहना है कि अगर दोबारा जांच में मैग्नीशियम कार्बोनेट पाया जाता है तो पान मसालों पर फिर प्रतिबंध लगाया जा सकता है।

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