‘धन्यवाद रैली’ में पीएम मोदी दहाड़े: मेरा पुतला जलाओ, देश की संपत्ति को क्यों जला रहे हो?
CENTRAL DESK : भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रामलीला मैदान में ‘धन्यवाद रैली’ को संबोधित करते हुए नागरिकता कानून के मसले पर विपक्ष को जमकर आड़े हाथों लिया। उन्होंने सीधे-सीधे कहा कि नागरिकता कानून पर कुछ राजनीतिक दल लोगों को भड़का रहे हैं। लोगों के बीच झूठ फैलाकर भ्रम पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं। प्रधानमंत्री ने विपक्षी दलों पर करारा हमला बोलते हुए कहा कि 130 करोड़ भारतीयों का संशोधित नागरिकता कानून सीएए से कोई संबंध नहीं है। यही नहीं एनआरसी के बारे में भी झूठ फैलाए जा रहे हैं। एनआरसी कांग्रेस शासन के दौरान बनाया गया था। उस समय ये प्रदर्शनकारी कहां थे? हमने तो एनआरसी नहीं बनाया, ना तो हम इसे संसद में लेकर आए। आपको मुझसे नफरत है तो ठीक है लेकिन देश की संपत्ति को क्यों जला रहे हो? अपने संबोधन में उन्होंने विरोधियों पर जमकर हमला किया। मंच से पीएम मोदी ने नागरिकता कानून और सीएए का जिक्र किया और एक-एक करके कांग्रेस, टीएमसी और लेफ्ट पर हमला किया। बता दें कि अनधिकृत कॉलोनियों को नियमित करने का रास्ता साफ किए जाने संबंधी बिल संसद में पास करने के बाद पीएम मोदी का आभार जताने के लिए यह रैली आयोजित की गई थी। पीएम मोदी ने विपक्ष को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि देश ने मोदी को दोबारा प्रधानमंत्री क्यों बना दिया। ये लोग इससे परेशान हैं। ये लोग अपनी हार को पचा नहीं पा रहे हैं। अरे गुस्सा मुझ पर है तो पुलिसवालों पर हमले क्यों कर रहे हो। सरकारें बनती बिगड़ती रहती हैं लेकिन पुलिसवाले वही रहते हैं। असल में ये लोग दुनियाभर में भारत को बदनाम करने की साजिश कर रहे हैं। देश के कई शहरों में अराजकता फैलाने की कोशिश कर रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कांग्रेस पर करारा हमला बोलते हुए कहा कि गांधी के सरनेम का इस्तेमाल करने वालों जरा गांधी के विचारों की तो कद्र करो। महात्मा गांधी ने कहा था कि पाकिस्तान गए जब हिंदू, सिख, इसाई आदि अल्पसंख्यकों को लगे तो वे भारत वापस आ सकते हैं। फिर ये लोग झूठ क्यों बोल रहे हैं? देश को गुमराह क्यों कर रहे हैं? देश के मुसलमानों को क्यों गुमराह कर रहे हैं?
सबके सुर क्यों बदल गए
मोदी ने कहा कि मनमोहन सिंह, तरुण गोगोई, अशोक गहलोत ने बांग्लादेश से आए अल्पसंख्यक पीड़ितों की मदद की बात कही थी। ममता दीदी तो सीधे संयुक्त राष्ट्र ही पहुंच गईं। कुछ साल पहले तक ममता बनर्जी संसद में कहती थीं कि बांग्लादेशी घुसपैठियों को रोका जाए। आज इन सबके सुर ही बदल गए। आप कहते हैं कि हम अपने राज्य में सीएए लागू नहीं करेंगे। अब आप मुख्यमंत्री हो संविधान की शपथ लेते हो फिर भी ऐसे बयान दे रहे हो। कम से कम ऐसा बोलने से पहले किसी विशेषज्ञ से बात तो कर लेते।
बहकावे में नहीं आएं
प्रधानमंत्री मोदी ने लोगों से अपील करते हुए कहा कि वे छुद्र सियासी मानसिकता वाले नेताओं के बहकावे में नहीं आएं। उन्होंने कहा कि आप लोगों को इनके बहकावे में आने की जरूरत नहीं है। दिमाग का इस्तेमाल कीजिए। हमने एक ही सत्र में दो बिल पास किए। एक में हमने दिल्ली के लोगों को उनका अधिकार दिया है। जब हमने दिल्ली में अनधिकृत कॉलोनियों को पक्का किया तो क्या लोगों से सबूत मांगा कि आप किस धर्म के हैं? लेकिन कुछ लोग जनता को बरगलाने में लगे हैं।
अर्बन नक्सली फैला रहे हैं अफवाह
कांग्रेस और उसके दोस्त कुछ शहरी नक्सली अफवाह फैला रहे हैं कि मुस्लिमों को नजरबंदी केंद्रों में भेजा जाएगा। मैं सभी देशवासियों से अपील करता हूं कि आप अपनी शिक्षा का सम्मान करें, नागरिकता संशोधन अधिनियम और एनआरसी क्या है। इस बारे में पढ़ें। एनआरसी कांग्रेस के समय में आई थी। क्या तब इसका विरोध करने वाले सो रहे थे? मौजूदा वक्त में ज्यादातर मुस्लिम देश भारत के साथ हैं। विपक्ष इसी बात पर तिलमिलाया हुआ है।
हमने किसी का धर्म नहीं पूछा तो झूठे आरोप क्यों
प्रधानमंत्री ने कहा कि जब हमने किसी का धर्म नहीं पूछा तो झूठे आरोप क्यों लगाए जा रहे हैं? मुस्लिमों को कागज के नाम पर गुमराह किया जा रहा है। मैं उन विरोधियों से पूछना चाहता हूं कि क्या जब हमने दिल्ली की सैकड़ों कॉलोनियों को वैध करने का काम किया, तो किसी से पूछा क्या कि आपका धर्म है, आपकी आस्था क्या है या आप किस पार्टी के समर्थक हैं? क्या दिल्ली में जब आग लगी थी तब पुलिस ने किसी का धर्म देखकर उसका रेस्क्यू किया था।