झारखंड की दिनभर की हलचल: झारखंड के 11वें मुख्यमंत्री बने हेमंत सोरेन, विपक्ष ने दिखाई एकजुटता
CENTRAL DESK : झारखंड का बागडोर हेमंत सोरेन ने संभाल लिया है। रविवार को राज्य के 11वें मुख्यमंत्री के रूप में झारखंड मुक्ति मोर्चा के कार्यकारी अध्यक्ष व युवा नेता हेमंत सोरेन ने शपथ ली है। उन्हें पद और गोपनीयता की शपथ राज्यपाल द्रौपदी मूर्म ने रविवार को रांची के ऐतिहासिक मोरहाबादी मैदान में दिलाई। सीएम हेमंत सोरेन के साथ कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष रामेश्वर उरांव, कांग्रेस विधायक दल के नेता आलमगीर आलम और राजद के सत्यानंद भोक्ता ने भी मंत्री पद की शपथ ली। इस दौरान मंच पर देशभर के तमाम दिग्गज नेताओं का जुटान हुआ। राहुल गांधी, ममता बनर्जी, स्टालिन, शरद यादव, सीताराम येचुरी, तरुण गोगोई, अशोक गहलोत, भूपेश बघेल समेत कई भाजपा विरोधी चेहरे एकसाथ एक मंच पर नजर आए। समझा जा रहा है कि खरमास के बाद हेमंत मंत्रिमंडल का विस्तार होगा, जिसमें सभी नामों पर फैसला होगा। फिलहाल कांग्रेस से पांच, झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) से छह और राजद से एक को मंत्रिमंडल में शामिल करने के फॉर्मूले पर महागठबंधन में सहमति बनी है।
मुख्यमंत्री ने बापू और सिदो कान्हू की प्रतिमा पर किया माल्यार्पण
मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद हेमंत सोरेन ने मोरहाबादी स्थित बापू की प्रतिमा और सिदो कान्हू पार्क स्थित सिदो-कान्हू की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित किए। सीएम ने उन्हें नमन किया। इस दौरान हेमंत वहां मौजूद बच्चों से बड़े आत्मीयता से मिले। उनसे हाथ मिलाया और उनकी कुशलता जानी। सीएम ने वहां मौजूद लोगों के साथ फोटो भी खिंचवाए।
शपथ ग्रहण के बहाने विपक्ष ने दिखाई एकजुटता
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन सरकार के शपथ ग्रहण समारोह में कांग्रेस नेता राहुल गांधी, सीपीआई के डी राजा, डीएमके के एमके स्टालिन, शरद यादव, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, सीपीआइ के अतुल अंजान, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, झामुमो सुप्रीमो शिबू सोरेन, उनकी पत्नी रूपी किस्कू सोरेन, राजद विधायक व मंत्री सत्यानन्द भोक्ता ने विपक्षी एकजुटता प्रदर्शित किया।
झारखंड में अस्तित्व में आई हेमंत सोरेन सरकार
झारखंड में एक बार फिर हेमंत सोरेन के नेतृत्व में झामुमो नीत महागठबंधन की सरकार अस्तित्व में आ गई है। हालांकि फिलहाल इसमें मुख्यमंत्री के अलावे सिर्फ तीन मंत्री ही शामिल किए गए हैं। इन मंत्रियों में आलमगीर आलम, रामेश्वर उरांव और सत्यानंद भोक्ता को शामिल किया गया है। माना जा रहा है कि हेमंत सोरेन ने इन मंत्रियों को शपथ दिलाकर जातिगत समीकरण भी साधने की पूरी कोशिश की है। अभी मंत्रिपरिषद में जिन जातियों को भागीदारी मिली है, उनमें आदिवासी, हरिजन और मुसलमान शामिल हैं।
राष्ट्रगान के साथ हुआ शपथ ग्रहण समारोह का समापन
राष्ट्रगान के साथ हेमंत सोरेन के शपथ ग्रहण समारोह का समापन हुआ। इस दौरान भारत माता की जय, जय झारखंड के नारे के साथ रांची का मोरहाबादी मैदान गूंजायमान रहा। समारोह के समापन के बाद सीएम हेमंत सोरेन, मंत्री आलमगीर आलम, रामेश्वर उरांव और सत्यानंद भोक्ता ने राज्यपाल के साथ तस्वीरें खिंचवाई।
राजद कोटे से सत्यानंद भोक्ता ने ली मंत्री पद की शपथ
हेमंत सोरेन के मंत्रिपरिषद में बतौर मंत्री राजद कोटे से चतरा के विधायक सत्यानंद भोक्ता को राज्यपाल ने पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। शपथ लेने के बाद भोक्ता ने सीएम हेमंत सोरेन और आगंतुकों से मिलकर उनका अभिवादन किया।
रामेश्वर उरांव कौन हैं
हेमंत सोरेन के मंत्रिमंडल में रामेश्वर उरांव कांग्रेस कोटे से दूसरे मंत्री बनाए गए हैं। झारखंड कांग्रेस के अध्यक्ष रामेश्वर उरांव को राज्यपाल ने पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। आइपीएस सेवा से वीआरएस लेकर राजनीति में आए रामेश्वर उरांव दो बार केंद्रीय मंत्री रह चुके हैं।
आलमगीर आलम के बारे में जानें
कांग्रेस विधायक दल के नेता और पाकुड़ के विधायक आलमगीर आलम ने कांग्रेस के कोटे से पहले मंत्री के रूप में शपथ ली है। शपथ लेने के बाद आलमगीर आलम ने मंच पर बैठे नेताओं से बारी-बारी से मुलाकात की।
राहुल गांधी मंच पर पहुंचे, मधु कोड़ा भी समारोह में आए
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने आए कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने हाथ हिलाकर सबका अभिवादन किया। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मिलकर उन्होंने शुभकामना दी। राहुल ने डीराजा, स्टालिन, कनिमोझी, शरद यादव समेत दूसरे नेताओं से बारी-बारी से मुलाकात की। समारोह में झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा भी मौजूद रहे। यहां बिहार के राजद नेता जयप्रकाश नारायण यादव भी पहुंचे। तमाम वीवीआइपी के बीच समारोह के मंच पर आप नेता संजय सिंह, अतुल अंजान पर जमे रहे।
पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी स्वास्थ्य कारणों से नहीं पहुंचे
पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी खराब सेहत के कारण झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के शपथ ग्रहण में शामिल नहीं हो पा रहे हैं। उन्होंने हेमंत को उनकी नई पारी के लिए शुभकामना दी है। महागठबंधन की मजबूती और नई सरकार में झारखंड की तरक्की की कामना करते हुए प्रणब मुखर्जी ने कहा है कि हेमंत की अगुआई में झारखंड आगे बढ़ेगा।
हेमंत सोरेन सरकार का असर देश की राजनीति पर पड़ेगा
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के पिता और झारखंड मुक्ति मोर्चा के अध्यक्ष शिबू सोरेन ने कहा है कि झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार का असर देश की राजनीति पर पड़ेगा। शिबू सोरेन ने कहा कि हेमंत परिपक्व नेता हैं। वे सरकार को अच्छे से चलाने में सक्षम हैं।
केजरीवाल का संदेश लेकर रांची पहुंचे आप नेता संजय सिंह
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की ओर से राज्यसभा सदस्य और आप नेता संजय सिंह रांची पहुंचे। संजय सिंह ने कहा कि हेमंत सोरेन के नेतृत्व में बनने वाली नई सरकार के कार्यकाल में झारखंड के उज्ज्वल भविष्य की कामना करता हूं।
पप्पू यादव ने कहा, हेमंत रचेंगे नया इतिहास
बिहार जनअधिकार पार्टी के प्रमुख पप्पू यादव ने अपने संदेश में कहा है कि झारखंड और हेमंत सोरेन जी को नई सुबह की शुभकामनाएं! बिरसा मुंडा जी के विचारों से ओतप्रोत सरकार का आज उदय हो रहा है। हेमंत सोरेन जी ने शपथ ग्रहण समारोह में आने का दिल से आग्रह किया था, पर मुझे एनसीआर-एनपीआर के खिलाफ लड़ाई में भाग लेना है। अत: अनुज हेमंत जी माफ करें, वह नया इतिहास रचें!
शपथ ग्रहण मंच पर कोहबर कला, झारखंडी संस्कृति पर जोर
झारखंड के हेमंत सोरेन के शपथ ग्रहण समारोह में झारखंडी संस्कृति पर जोर दिखा। मंच पर झारखंड की कोहबर कला के साथ ही झारखंडी कला संस्कृति को भी प्रमुखता से प्रदर्शित किया गया। यहां समाचार संकलन के लिए सुबह से ही बड़ी संख्या में मीडियाकर्मी जुटने लगे थे।
हेमंत ने कहा-पिछले कार्यकाल की योजनाएं करेंगे लागू
शपथ ग्रहण लेने से पूर्व झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि निश्चित तौर पर हम उन तमाम योजनाओं को फिर से धरातल पर उतारेंगे जो पिछली बार कम अवधि मिलने की वजह से पूरी नहीं हो पाई थी। तमाम योजनाएं अगर संचालित रहती तो गरीबों का जीवन स्तर बेहतर होता। हम तमाम योजनाओं को फिर से लागू करेंगे। आप सही कह रहे हैैं। दुर्भाग्य से यह कार्य रुक गया है पिछली सरकार के कार्यकाल में। हम बोलने में नहीं करने में विश्वास रखते हैैं। शहीदों के परिजनों को हम नौकरी देंगे। सरकार शहीदों के परिवार का पूरा ख्याल रखेगी। झारखंड आंदोलन के दौरान शहीद हुए आंदोलनकारियों के आश्रितों को नौकरी दी जाएगी। अब वे सड़क पर भटकते हुए आपको नहीं दिखेंगे।