जाड़े में नसों का सिकुड़ना बीपी तथा हृदय रोगियों के लिए खतरनाक: डॉ. अमल

पटना। जाड़े में ब्लड प्रेशर और हृदय रोगियों को सुबह में जगने के बाद तुरंत कम्बल, चादर आदि को शरीर पर से नहीं हटाना चाहिए। जाड़े में खून की नसें सिकुड़ती हैं जबकि गर्मी में फैलती हैं। नसों के सिकुड़ने से हृदयाघात की संभावना अधिक रहती है, इसलिए सुबह में जगने के बाद गर्म कपड़े तथा ऊनी मौजे पहनना चाहिए। सुबह में उठने के तुरंत बाद ब्लड प्रेशर और हृदय का रेट बढ़ जाता है, इसलिए आधे घंटे के भीतर बीपी की दवा लें। 65-70 वर्ष के बुजुर्ग बिना धूप निकले टहलने न निकलें। शाम को भी धूप खत्म होने के बाद टहलना छोड़कर घर आ जाएं। यह सलाह पारस एचएमआरआई सुपर स्पेशिलिटी हॉस्पिटल के हृदय रोग विभाग में हाल ही में ज्वाइन किये हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. अमल कांति सेन ने लोगों को जाड़े में बचाव के लिए दी।
उन्होंने कहा कि हृदय रोगी दिन में 11-12 बजे फल खाएं, रात में फल न खाएं। उन्हें हल्का खाना चाहिए तथा दूध की जगह काली चाय पीनी चाहिए। यह उनके लिए ज्यादा लाभदायक हो सकता है। उन्होंने कहा कि धूम्रपान, तम्बाकू, जर्दा तथा शराब के सेवन से परहेज करें।
बता दें डॉ. सेन को 25 सालों का अनुभव प्राप्त है। उन्होंने इंदिरा गांधी हृदय रोग संस्थान, पटना से 1988-90 में करियर की शुरूआत की। इसके बाद बनारस हिन्दू विश्व विद्यालय से डीएम कार्डियोलॉजी की डिग्री हासिल की। इसके बाद वे दुबई चले गये। फिर 10 वर्ष हैदराबाद मेडिकल कॉलेज में प्रोफेसर रहे। इसके बाद सत्य साईं पुट्टा पार्थी संस्थान में कार्यरत थे।

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