जल्द ही ऐतिहासिक एवं पर्यटन दृष्टि से महत्वपूर्ण वैशाली जुड़ जाएगा रेल लिंक से
हाजीपुर। रेल संरक्षा आयुक्त, पूर्वी परिमंडल मोहम्मद लतीफ खान द्वारा गत 19 मार्च को हाजीपुर-सगौली नई रेल लाइन परियोजना के घोसवर से वैशाली तक 30 किलोमीटर लंबे रेलखंड का निरीक्षण किया गया था। इस दौरान स्पीड ट्रायल भी किया गया था। निरीक्षण के उपरांत उन्होंने संरक्षा तथा सुरक्षा मानकों को पूरा करते हुए इस रेलखंड पर 60 किमी प्रति घंटा की स्पीड से ट्रेनों के परिचालन की स्वीकृति दे दी है।
विदित हो कि रुपया 528.65 करोड़ की लागत से 148.5 किमी लंबे हाजीपुर-सगौली नई रेल लाइन परियोजना की स्वीकृति वर्ष 2003-04 में प्रदान की गई थी। 10 फरवरी, 2004 को तत्कालीन प्रधानमंत्री द्वारा हाजीपुर-सगौली रेलखंड का शिलान्यास किया गया था। वर्तमान में इस परियोजना का अनुमानित संशोधित लागत जनवरी, 2019 में 2066.78 करोड़ रुपया स्वीकृत किया गया है।
इस परियोजना को पूरा करने हेतु इसे चार खंडों में बांटा गया है। प्रथम चरण में हाजीपुर से घोसवर तक (5.5 किमी) का कार्य दिसंबर 2006 को पूरा कर लिया गया था। दूसरे चरण में 30 किमी लंबे घोसवर से वैशाली तक का कार्य पूरा कर लिया गया है तथा इसी वर्ष 17 मार्च से इस रेलखंड पर इंजन का स्पीड प्रारंभ किया गया था। इसके उपरांत 19 मार्च को संरक्षा आयुक्त, रेलवे, पूर्वी सर्किल, कोलकाता द्वारा इसका निरीक्षण किया गया तथा 10 अप्रैल को इस रेलखंड पर ट्रेनों के परिचालन की अनुमति प्रदान कर दी गई है। तीसरे चरण में वैशाली से देवरिया तक (30किमी) तथा चौथे चरण में देवरिया से सगौली तक (83किमी) का कार्य प्रगति पर है। घोसवर से वैशाली के बीच हरौली फतेहपुर, लालगंज एवं वैशाली स्टेशनों का निर्माण किया गया है। इस रेलखंड पर कुल 46 लघु पुल, 01 आरओबी एवं 16 आरयूबी का निर्माण किया गया है।