छठ महापर्व को ले निर्देश : डुबकी लगाने पर रोक, छठ घाटों पर प्रसाद वितरण की मनाही
पटना। बिहार का सबसे बड़ा लोक आस्था का महापर्व छठ कोरोना काल में हो रही है। छठ महापर्व में घाटों पर उमड़ने वाले भीड़ को देखते हुए राज्य सरकार के गृह विभाग की ओर सभी जिलों के जिला प्रशासन को पत्र लिख पालन कराने का निर्देश दिया गया है। जैसे दशहरा, दीपावली आदि पर्व में कोरोना के लेकर नियम बनाए गए, उसी तरह छठ महापर्व में भी घाटों के लिए अलग नियम होंगे। प्रसाद का वितरण घाटों पर मना कर दिया गया है। घाट पर बैरकेडिंग इस तरह से कराई जाएगी कि लोग डुबकी न लगा सकें। ऐसे में प्रशासन की जवाबदेही है कि इसे लागू करवाए।
घरों में छठ करने की अपील
लोगों को सलाह दी गई है कि गंगा घाटों पर भीड़ होने पर दो लोग आपस में सामाजिक दूरी का पालन नहीं कर पाएंगे, इसलिए बेहतर हो कि लोग अपने घरों पर छठ करें। जिला प्रशासन को निर्देश दिया गया है कि पूजा के लिए जो लोग जल ले जाना चाहते हैं। उनके लिए आवश्यक व्यवस्था की जाए। इसके लिए भी सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क का उपयोग जरूरी है।
छोटे तालाबों पर छठ का आयोजन
ग्रामीण क्षेत्रों और शहरी इलाकों में जहां छोटे तालाबों पर छठ का आयोजन होगा, वहां भी लोगों के लिए मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराना जरूरी होगा। छठ पूजा घाट पर यत्र-तत्र थूकना वर्जित होगा। तालाब में अर्घ्य देने के दौरान डुबकी न लगाएं। बैरिकेडिंग इस तरह से होगी कि लोग डुबकी न लगा सकें।
इन आयोजनों पर रोक
छठ पूजा घाट के आसपास खाद्य पदार्थ का स्टॉल नहीं लगाया जाएगा। किसी तरह का कोई सामुदायिक भोज, प्रसाद या भोज का वितरण नहीं किया जाएगा। 60 वर्ष से अधिक उम्र के व्यक्ति, 10 वर्ष से कम उम्र के बच्चे, बुखार से ग्रस्त व्यक्ति और अन्य गंभीर बीमारियों से ग्रस्त व्यक्ति को सलाह दी गई है कि वे छठ घाट पर न जाएं। इस मौके पर किसी तरह का मेला, जागरण, सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन नहीं होगा।