कोरोना को ले विश्व धरोहर नालंदा खंडहर पर्यटकों के लिए बंद
पटना। कोरोना वायरस को लेकर बिहार सरकार पूरी तरह से चौकस है। बारीक से बारीक चीजों पर नजर रखी जा रही है। बिहार सरकार ने ताजा फैसला लेते हुए विश्व धरोहर नालंदा विवि के भग्नावशेष व म्यूजियम 31 मार्च तक बंद कर दिए गए हैं। कोरोना वायरस से मुक्ति के लिए बौद्ध भिक्षुओं ने प्रार्थना की। भारत सहित कई देशों की मोनास्ट्री के प्रभारी भी शामिल हुए।
कोरोना वायरस अलर्ट को लेकर पुरातत्व विभाग ने विश्व धरोहर की सूची में शामिल नालंदा विश्वविद्यालय के भग्नावशेष व म्यूजियम को पर्यटकों के लिए बंद कर दिया। विवि के खंडहर के गेट पर बंदी की नोटिस चिपका दी गई है। नालंदा विवि के भग्नावशेष केंद्र सरकार के अधीन है। केंद्र सरकार से बंदी का निर्देश नहीं मिलने के कारण ये दोनों स्थल पर्यटकों के लिए खुले थे। जहां देश-विदेश के पर्यटकों की आवाजाही लग हुई थी। बंदी की जानकारी देते हुए सहायक अधीक्षण पुरातत्वविद शंकर शर्मा ने बताया कि कोरोना वायरस के संक्रमण के मद्देनजर केंद्र सरकार की सलाह और संस्कृति मंत्रालय व बिहार सरकार के निर्देश पर पुरातत्व संग्रहालय नालंदा एवं विवि के खंडहर को आगामी 31 मार्च तक पर्यटकों एवं आगंतुकों के लिए बंद किया गया है। नालंदा स्थित तेलिया भंडार मंदिर को भी मंगलवार से पर्यटकों के लिए बंद कर दिया गया।
एशियाई बुद्धिस्ट कांफ्रेंस फॉर पीस के बैनर तले बांग्लादेश मोनास्ट्री में विशेष प्रार्थना हुई। प्रार्थना के माध्यम से बौद्ध भिक्षुओं ने समस्त मानव जगत की रक्षा की प्रार्थना की। सभा में बांग्लादेश के 28वें संघनायक सुधानंद महाथेरो के निधन के बाद उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की गई। तीन मार्च को उनका ढाका में निधन हो गया था। वे एशियाई बुद्धिस्ट कांफ्रेंस फॉर पीस के संरक्षक थे। उन्होंने कहा, गुरुवार को महाबोधि मंदिर में बौद्ध भिक्षुओं की ओर से पूजा-अर्चना के बाद एक और विशेष प्रार्थना सभा का आयोजन किया गया। इतना ही नहीं, महाबोधि मंदिर को भी सेनेटाइज किया गया है।