कोरोना को लेकर पटना में सेना सतर्क, एस्मा लागू करने पर विचार कर रही बिहार सरकार
पटना। कोरोना को लेकर हर मोर्चे पर सतर्कता बरती जा रही है। जो जवान या सैन्य अधिकारी छुट्टी पर गए हैं, उन्हें अगले आदेश तक वापस नहीं आने को कहा गया है। वहीं बिहार में एस्मा लगाने पर राज्य सरकार विचार कर रही है। सरकार के आदेश के बाद दरभंगा के डीएमसीएच में भी कोरोना वायरस की जांच शुरू हो गई है। इसके साथ ही पटना एम्स में भी जल्द ही जांच शुरू हो जाएगी।
मिली जानकारी के अनुसार झारखंड-बिहार सब एरिया में कोरोना को लेकर सेना सतर्क है। हर मोर्चे पर सतर्कता बरती जा रही है। सैनिक अस्पताल में 40, जबकि नालंदा छात्रावास में 20 बेड का आइसोलेशन वार्ड बनाया गया है। सभी की छुट्टियां रद्द कर दी गईं हैं। जो छुट्टी पर गए हैं, उन्हें अगले आदेश तक वापस नहीं आने को कहा गया है। सेना क्षेत्र के सभी पार्क, सिनेमा हॉल व कैंटीन बंद कर दिए गए हैं। कार्यालय आने वालों के लिए सैनेटाइजर की व्यवस्था की गई है। सेना क्षेत्र के मानेकशा व करियप्पा मैदान को भी बंद कर दिया गया है। साथ ही इसे लेकर विशेष तैनाती की गई है। इससे बचाव को लेकर जगह-जगह सूचना व पोस्टर लगाए गए हैं। यह जानकारी सैनिक अस्पताल के रजिस्ट्रार मेजर अमित राजन ने दी है। उन्होंने बताया कि कोरोना को लेकर विशेष व्यवस्था की गई है। लोगों को जागरूक भी किया जा रहा है।
एस्मा लागू करने पर विचार कर रही बिहार सरकार
वहीं दूसरी ओर कोरोना के बढ़ते प्रभाव के बीच बिहार सरकार एस्मा (एसेंशियल सर्विसेज मैनेजमेंट एक्ट) लागू करने पर विचार कर रही है। इस कानून के प्रभावी होने के बाद डॉक्टर, नर्स, एएनएम से लेकर एंबुलेंस सेवा कर्मी और आवश्यक सेवा देने वाले सामूहिक हड़ताल पर नहीं जा सकेंगे। गृह विभाग ने इस आशय का प्रस्ताव सरकार को दिया है। सूत्रों की माने तो कोरोना के संदिग्ध मामले बढ़ रहे हैं। हालांकि राज्य सरकार की ओर से इस महामारी पर अंकुश लगाने के लिए कई अहम कदम उठाए गए हैं। इसके बावजूद आशंका जताई जा रही है कि कोरोना के मामले और बढ़ सकते हैं। इस खतरे के बीच डॉक्टर, नर्स और एंबुलेंस की सेवा लगातार जारी रहे इसके लिए एहतियातन सरकार एस्मा पर विचार कर रही है। अभी दो दिन पूर्व ही उत्तरखंड सरकार ने अपने प्रदेश में एस्मा लागू किया है।
एक सप्ताह में पटना एम्स में शुरू हो जाएगी कोरोना जांच
वहीं एक सप्ताह में एम्स पटना में कोरोना के संदिग्ध मरीजों के सैंपल की जांच शुरू हो जाएगी। एम्स निदेशक डॉ. प्रभात कुमार सिंह ने बताया कि यहां आने वाले मरीजों के सैंपल को जांच के लिए आरएमआरआइ भेजने की जरूरत नहीं पड़ेगी। मार्च के आखिरी सप्ताह में जांच शुरू हो जाएगी। जांच मुफ्त होगी। इसकी पूरी तैयारी कर ली गई है।
अब दरभंगा में भी कोरोना जांच के इंतजाम
कोरोना के संदिग्धों की जांच पटना के साथ ही अब दरभंगा में भी होगी। डीएमसीएच में अगले 24 घंटे में यह जांच केंद्र काम करने लगेगा। गुरुवार को इंडियन काउंसिल आफ मेडिकल रिसर्चेच (आइसीएमआर) के महानिदेशक ने राज्य सरकार को नया जांच केंद्र खोले जाने की जानकारी दी। आज आइसीएमआर के महानिदेशक ने सभी राज्यों के मुख्य सचिव और स्वास्थ्य सचिवों के साथ कोरोना की स्थिति को लेकर वीडियो कांफ्रेंस की। बिहार के स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार ने आइसीएमआर महानिदेशक को राज्य सरकार द्वारा कोरोना से बचाव के लिए अब तक किए गए कार्यों का हवाला देकर और जांच केंद्र बनाने की मांग उठाई। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा दिए गए प्रस्ताव पर विचार कर जल्द से जल्द फैसला लिया जाए। डीजी आइसीएमआर ने राज्य सरकार को आश्वस्त करते हुए कहा कि राजेंद्र मेमोरियल रिसर्च इंस्टीट्यूट आॅफ मेडिकल साइंसेज (आरएमआरआइ) के अलावा दरभंगा मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भी कोरोना जांच की सुविधा अगले 24 घंटे के अंदर बहाल कर दी जाएगी। शेष जांच केंद्र जिनका प्रस्ताव राज्य सरकार की ओर से दिया गया है उनके संबंध में जल्द ही कोई फैसला लिया जाएगा। वीडियो कांफ्रेंस के बाद स्वास्थ्य के प्रधान सचिव संजय कुमार ने बताया कि उत्तर बिहार के लोगों को जांच के लिए पटना तक नहीं आना होगा।