केजरीवाल के राह पर बिहार सरकार: बजट में शिक्षा-चिकित्सा पर फोकस

पटना। बिहार के उपमुख्यमंत्री सह वित्त मंत्री सुशील मोदी ने मंगलवार को सदन में वित्तीय वर्ष 2020-21 का बजट पेश किया। मोदी ने 13वीं बार बिहार का बजट पेश किया। बिहार सरकार दिल्ली की केजरीवाल सरकार की राह पर चलते हुए दिखी है। इस बार बिहार बजट में बच्चों की शिक्षा और बिहारवासियों के स्वास्थ्य पर पूरा ध्यान दिया गया है। बजट में शिक्षा पर जहां 35 हजार करोड़ रूपये खर्च करने की बात कही गई है, वहीं स्वास्थ्य पर 10,937 करोड़ रुपये खर्च करने की। सुशील मोदी ने बजट पेश करते हुए कहा कि वित्त वर्ष 2020-21 का बजट अनुमान 2 लाख 11 हजार 761 करोड़ है। उन्होंने बताया कि राज्य को 34,750 करोड़ के कर का अनुमान है। मोदी ने बजट पेश करने के दौरान एनडीए शासन की लालू शासन से तुलना करते हुए अलकतरा घोटाला का भी जिक्र किया। बता दें दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने दिल्ली की शिक्षा व स्वास्थ्य व्यवस्था सुधारने पर पूरा पसीना बहाया था, जिसकी चर्चा विदेशों तक हो रही है। और केजरीवाल सरकार के यही मुद्दे दिल्ली चुनाव में उनकी पार्टी के लिए जीत का सबसे बड़ा कारण बना। वहीं भारत दौर पर आए अमेरिका के राष्टÑपति डोनाल्ड ट्रंप की पत्नी मेलानिया ट्रंप मंगलवार को दिल्ली के सरकारी विद्यालयों को देखने की पहुंची।

सुशील मोदी ने कहा कि इस बार बजट में शिक्षा पर सबसे ज्यादा जोर दिया गया है। शिक्षा पर 35 हजार करोड़ खर्च करने की बात कही है। आईजीआईएमएस में 100 बेड का कैंसर संस्थान बनाया जाना है, इससे यहां बेड की संख्या बढ़कर 2732 हो जायेगी। वहीं एक महीने के भीतर मधेपुरा में मेडिकल कॉलेज का उद्घाटन किया जायेगा। बिहार में 3519 छात्र नर्सिंग की ट्रेनिंग ले रहे हैं। स्वास्थ्य पर सरकार 10,937 करोड़ रुपये खर्च करने जा रही है। उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया मंदी के दौर से गुजर रही है। इसका असर भारत पर भी पड़ने की आशंका है। इसके बावजूद बिहार ने 2019-20 में 15.01 विकास दर हासिल किया है। लगातार तीन सालों तक भारत ने सबसे ज्यादा विकास दर हासिल किया। राष्ट्रीय स्तर पर बिहार में प्रति व्यक्ति आय में इजाफा हुआ है। वित्त मंत्री ने बताया कि बिहार में अब तक 141 सब ग्रिड स्टेशन हैं। 1.36 लाख किसानों को 75 पैसे प्रति यूनिट बिजली दी जा रही है। राज्य में 73 हजार 221 किमी जर्जर बिजली तार बदले गये हैं, जबकि 2 लाख आंगनबाड़ी महिलाओं को स्मार्ट फोन दिये गये हैं।

वित्त मंत्री ने कहा कि 2005 के पहले बोर्ड और कारपोरेशन बंद हो गये थे। उन्हें हमने फिर से शुरू किया। डिप्टी सीएम ने कहा कि महिलाओं को 35 फीसदी आरक्षण दिया जायेगा। पटना एयरपोर्ट पर यात्रियों की संख्या बढ़ी है। सुशील मोदी ने कहा कि एनडीए की सरकार में नरसंहारों का दौर थमा है। नरसंहार की एक भी घटना नहीं हुई है। 58 साल में एक मेडिकल कॉलेज बना, लेकिन हमारी 15 साल की सरकार में 15 मेडिकल कॉलेज बनाये गये हैं। हमारी सरकार शिक्षा पर सबसे ज्यादा खर्च करने जा रही है। सदन में बजट पेश करते हुए सुशील मोदी ने बताया कि कृषि रोड मैप के तहत कॉलेजों की स्थापना की गयी है। राज्य के 12 जिलों में जैविक खेती की योजना है, जबकि 8 जिलों के 40 गांवों में वैज्ञानिक कृषि होगी।
उन्होंने बताया कि 31 मार्च तक हर घर नल जल योजना पूरी कर ली जायेगी। बताया कि 2019-20 में दो बार बाढ़ से बिहार में 33 फीसदी फसल बर्बाद हो गयी थी। सरकार ने इसके लिए तीन हजार करोड़ से ज्यादा रुपये की मदद पहुंचाई। उन्होंने बताया कि बिहार के 1.36 लाख किसानों को सस्ती बिजली उपलब्ध करायी जा रही है। आने वाले दिनों में 8074 चेक डैम बनेगा। 14 सालों में बिहार के बजट में दस गुणा की वृद्धि हुई है। हमारी सरकार में गंगा नदी पर 13 पुल बनाने का सपना साकार किया गया। कोशी नदी पर चार पुल बनाने का काम हो रहा है। सोन नदी पर अंग्रेजों के जमाने पर बने कोईलवर पुल था। लेकिन हमारी सरकार में कोईलवर पुल के समानांतर पुल का काम पूरा कर लिया जायेगा। उन्होंने बताया कि जैन पथ, कांवरिया पथ समेत अन्य सड़कों के लिए 202 करोड़ स्वीकृत है। इसमें 130 करोड़ रुपये खर्च किये जा चुके हैं। मोदी ने बजट पेश करने के दौरान एनडीए शासन की लालू शासन से तुलना करते हुए अलकतरा घोटाला का भी जिक्र किया। सुशील मोदी ने ‘जिंदगी अक्सर उन्हीं को चुनौती देती है, जिनकी औकात होती है कुछ करने की’ पंक्तियों के साथ अपना बजट भाषण खत्म किया।

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